सीरीज़ हार के बाद अमला ने बयां किया दिल का दर्द, बोले पहले नहीं देखे इतने कठिन हालात
अमला मानते हैं कि भारत के खिलाफ मिली यह हार इंग्लैंड में होने वाले विश्व कप से पहले उनके लिए प्रेरणादायी साबित होगी।
सेंचुरियन, पीटीआइ। दक्षिण अफ्रीका के अनुभवी सलामी बल्लेबाज हाशिम अमला को लगता है कि उनकी टीम इस तरह की हार की आदी नहीं है जैसी उन्हें भारत के खिलाफ मौजूदा वनडे सीरीज में मिली लेकिन अगले साल होने वाले विश्व कप से पहले इस तरह की हार से टीम को सुधार करने की जरूरत रहेगी।
अमला ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि वनडे क्रिकेट में हम इस तरह के हालात में पहुंचे हों। शायद इंग्लैंड में 2008 में हमारी वनडे सीरीज अच्छी नहीं रही थी लेकिन हमेशा ही इससे सकारात्मक चीजें सीखने को मिलती हैं। हमारी टीम में कुछ युवा खिलाड़ी हैं जो सोचेंगे कि ओह, वनडे क्रिकेट कठिन है। लेकिन शुक्र है कि यह उनके लिए आसान हो जाएगा क्योंकि हमने अपना सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट नहीं खेला है। हमने टुकड़ों में अच्छा क्रिकेट खेला है, लेकिन हम जो खेलने के आदि हैं, यह उससे काफी निचले स्तर का है।’
अमला मानते हैं कि भारत के खिलाफ मिली यह हार इंग्लैंड में होने वाले विश्व कप से पहले उनके लिए प्रेरणादायी साबित होगी। उन्होंने कहा, ‘जब अन्य सीरीज या विश्व कप की बात आएगी तो हम अब ज्यादा बेहतर तरीके से तैयार होंगे। हमने बीते समय में लगातार कई सीरीज जीती हैं, लेकिन इस तरह की सीरीज गंवाने से आप थोड़े सतर्क हो जाते हो।'
इसके साथ ही अमला ने कहा कि, 'एक वनडे इकाई के तौर पर आप हमेशा सीखने के लिए कुछ चीजें ढूंढ़ते रहते हो और मुझे पूरा भरोसा है कि इसने हमें यह प्रेरणा दी। जब आप अच्छा खेल रहे होते और कोई एक शानदार पारी खेलता है तो कमजोरी ढक जाती हैं लेकिन जब आप इस तरह से हारते हो तो तो उन चीजों पर ज्यादा ध्यान लगाते हो जिसमें आपका प्रदर्शन खराब रहा। मेरे लिए यह काफी सकारात्मक चीज है।’
स्पिन के आगे क्यों ढेर हुए अफ्रीकी जानते हैं कैलिस
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व ऑलराउंडर जैक्स कैलिस ने बताया है कि उनके देश के बल्लेबाज भारत के कलाई के स्पिनरों युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव का सामना नहीं कर पा रहे, क्योंकि घरेलू सर्किट पर इस तरह के गेंदबाजों से उनका सामना नहीं होता है।
कैलिस ने कहा कि अच्छे लेग ब्रेक गेंदबाजों को समझने में समय लगता है। हमें स्वीकार करना होगा कि हमारे पास विश्व स्तरीय लेग स्पिनर नहीं हैं। यह हमारे युवाओं के लिए सबक की तरह रहा। उन्होंने कहा कि हम भी इस दौर से गुजरे हैं और समय के साथ सीखे हैं। उनका मानना है कि लेग स्पिनरों का सामना करने के लिए कोई परफेक्ट तकनीक नहीं है। अनुभव ही कुंजी है। लेग ब्रेक को समझने के दो तरीके हैं। या कलाई से ही गेंद को भांप लें या गेंद के आने का इंतजार करें।