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U19 विश्व कप फाइनल में मिली हार के बाद बहन की शादी भी फीकी रही इस भारतीय खिलाड़ी के लिए

प्रियम गर्ग ने बताया कि फाइनल में मिली हार से वो इतने आहत थे कि अपनी बहन की शादी भी उन्हें फीकी-फीकी सी लगी।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Wed, 08 Apr 2020 08:07 PM (IST)Updated: Wed, 08 Apr 2020 08:07 PM (IST)
U19 विश्व कप फाइनल में मिली हार के बाद बहन की शादी भी फीकी रही इस भारतीय खिलाड़ी के लिए
U19 विश्व कप फाइनल में मिली हार के बाद बहन की शादी भी फीकी रही इस भारतीय खिलाड़ी के लिए

प्रियम भारतीय टीम का अंडर-19 विश्व कप का सफर शानदार रहा था, लेकिन फाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ मिली हार से टीम के युवा खिलाडि़यों का सपना टूट गया। अंडर-19 विश्व कप जीतने का ऐसा सपना जिसे उस टीम के खिलाड़ी पूरी जिंदगी अब कभी पूरा नहीं कर पाएंगे। बांग्लादेश से मिली इस हार को भुलाना टीम के कप्तान प्रियम गर्ग के लिए कतई आसान नहीं रहा। आइपीएल स्थगित होने और लॉकडाउन के बीच वह अब भी घर पर जमकर मेहनत कर रहे हैं। प्रियम गर्ग ने निखिल शर्मा से विस्तार से बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश :

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- फाइनल हारने के बाद आप क्या सोच रहे थे?

-वह बहुत मुश्किल समय था, खासकर मेरे लिए तो बहुत ही मुश्किल समय था। मैं आगे नहीं बढ़ पा रहा था। मेरा कहीं भी मन नहीं लग रहा था। बहन की शादी भी उसी समय पर थी। मेरा शादी में भी मन नहीं लगा। हालांकि मेरे लिए उससे बाहर आना जरूरी था। हम अच्छा कर रहे थे, लेकिन एक मैच से सब खराब हो गया। अभी हमारा सफर शुरू हुआ है।

-फाइनल हारने के बाद किसी वरिष्ठ खिलाड़ी से बात हुई?

-हां राहुल द्रविड़ सर से बात हुई थी। उन्होंने समझाया था कि यह क्रिकेट है, इसमें ऐसा होता है। तुम्हारे आगे अभी बहुत बड़ा सफर है। उस पर ध्यान केंद्रित करो और आगे बढ़ो।

-लॉकडाउन के समय घर पर हैं कैसे समय बिता रहे हैं?

-मैं घर में ही अभ्यास कर रहा हूं। सोता हूं, लूडो-कैरम गेम खेलता हूं। परिवार के साथ समय बिता रहा हूं। बहन के साथ चाय बनाने में मदद कर देता हूं। साथ ही अपनी पढ़ाई पर ध्यान लगा रहा हूं।

- अन्य खिलाडि़यों को तो आइपीएल खेलने की उत्सुकता होगी, लेकिन आपके लिए यहां खेलने का पहला मौका है। आपमें कितनी उत्सुकता है?

-आइपीएल एक अच्छा टूर्नामेंट है। अंडर-19 विश्व कप की उप विजेता टीम के खिलाडि़यों के लिए यह अच्छा प्लेटफॉर्म है। इस टूर्नामेंट में खेलकर हमारे लिए आगे जाने के मौके बढ़ जाते हैं। मेरा तो ईरानी ट्रॉफी में भी नाम था, लेकिन यह भी अब नहीं हो रहा है। इस समय पर कुछ नहीं कर सकते हैं। मैं घर पर भी बल्लेबाजी का अभ्यास नहीं कर पा रहा हूं। लेदर की गेंद से अभ्यास नहीं कर सकता हूं, इसीलिए टेनिस की गेंद से काम चला रहा हूं।

-बल्लेबाजों के लिए अलग और गेंदबाजों के लिए अलग ट्रेनिंग होती है। आप घर पर कैसे ट्रेनिंग करते हैं?

-बीसीसीआइ ने प्रोग्राम भेज रखा है। अंडर-19 टीम में ट्रेनर रहे आनंद दाते सर ने ही प्रोग्राम दे रखे हैं। मैं उन पर ही काम कर रहा हूं। घर पर मैं उसी प्रोग्राम चार्ट को फॉलो कर रहा हूं।

-टीम के साथियों से बात होती है?

-हां हमने वाट्स एप ग्रुप बना रखा है। हम सभी आपस में बहुत बात करते हैं। कई बार मजाक में भी बात होती हैं। उन सभी का साथ याद आता है।

-लॉकडाउन जैसा कुछ पहली बार अनुभव कर रहे हो। इस पर कुछ कहना चाहोगे?

-मैं तो पूरा समय घर पर नहीं बिता सकता हूं। मुझे क्रिकेट की आदत है। क्रिकेट के माहौल की आदत है। यही मेरा शेडयूल था। रोज अभ्यास करते थे, ट्रेनिंग होती थी। अब उसको बहुत मिस कर रहा हूं। आराम की आदत हो जाएगी, यह मेरे लिए अच्छा नहीं है। जितनी जल्दी बाहर जाकर अभ्यास कर पाऊं मेरे लिए वही अच्छा है।


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