World Cup 2019: अफगानिस्तान के बल्लेबाज जरूरत से ज्यादा टी-20 खेलने के आदी
इस मैच से केवल इतना ही तय होगा कि अंक तालिका में सबसे निचले पायदान पर कौन सी टीम रहेगी।
(सुनील गावस्कर का कॉलम)
विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट के आयोजकों के सामने सबसे बड़ी चुनौती तब रहती है जब टूर्नामेंट से बाहर हो चुकी दो टीमों को एक-दूसरे से भिड़ना होता है। ये तब और भी खराब हो जाता है जब ये टीमें टूर्नामेंट के अंतिम हफ्ते में भिड़ रही हों। ऐसा ही नजारा विश्व कप में गुरुवार को देखने को मिलेगा, जब अफगानिस्तान और वेस्टइंडीज की टीमें आमने-सामने होंगी। इस मैच से केवल इतना ही तय होगा कि अंक तालिका में सबसे निचले पायदान पर कौन सी टीम रहेगी।
अफगानिस्तान की टीम अपना दूसरा विश्व कप खेल रही है। टीम इसलिए संघर्ष कर रही है क्योंकि उसके बल्लेबाज जरूरत से ज्यादा टी-20 खेलने के आदी हैं। वे भूल चुके हैं कि 50 ओवर के खेल में बल्लेबाज कुछ ओवर कम रन बनाकर भी निकाल सकते हैं या फिर अच्छे गेंदबाजों के ओवर खत्म होने का भी इंतजार किया जा सकता है। हालांकि, मजबूत टीमों को कम स्कोर पर रोककर अफगानिस्तान के गेंदबाजों ने अच्छा काम किया है। भारतीय टीम को भी उसने 224 रन पर रोक दिया था। हालांकि, टीम को विश्व कप से ठीक पहले कप्तान बदलने की समस्या से जूझना पड़ा। उसके बाद मुहम्मद शहजाद की चोट को लेकर भी सवाल खड़े हुए क्योंकि यह बल्लेबाज खुद को फिट बता रहा था, जबकि टीम ने उसका रिप्लेसमेंट बुला लिया।
और जो लोग इंग्लैंड के हाथों भारत की हार में साजिश तलाश रहे थे, उन्हें पाकिस्तान के हाथों अफगानिस्तान की हार को लेकर कुछ सवाल सोचने चाहिए। पाकिस्तान के खिलाफ मैच में अफगानिस्तान के कप्तान ने डेथ ओवरों में खराब गेंदबाजी परिवर्तन कर और रन आउट का मौका गंवाया, जो बात सवाल खड़े करती है। ऐसे में एक बात साफ है कि अफगानिस्तान के लिए कप्तानी बदलने के फैसले ने काम किया है।
अगर अफगानिस्तान की टीम वेस्टइंडीज को हरा देती है तो इससे उन्हें इस बात का अहसास होगा कि वे बड़ी टीमों के समूह में शामिल होने के लिए पहला कदम उठा चुके हैं। वेस्टइंडीज की टीम स्पिनरों को अच्छी तरह नहीं खेल पाती, ऐसे में अफगानिस्तान स्पिनरों के जरिये ही जाल बुनेगा। जो भी हो, अब दोनों टीमें साख के लिए एक-दूसरे से भिड़ेंगी और हमें जल्द ही पता चल जाएगा कि कौन सी टीम मैदान से बाहर मुस्कराती हुई लौटेगी।