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15 लाख की आबादी वाले रायपुर में सेहतमंद वातावरण जरूरी, नए प्रयोगों का लाभ पीढ़ियों तक

कलेक्टर चौधरी ने बताया कि नए निर्माण कार्य के लिए सबसे बड़ी चुनौती प्रतिष्ठानों को हटाने का था। मुख्य मार्ग पर ऑक्सीजोन बनाने के लिए 19 एकड़ की खाली जमीन चाहिए थी।

By Nandlal SharmaEdited By: Published: Mon, 16 Jul 2018 06:00 AM (IST)Updated: Mon, 16 Jul 2018 06:00 AM (IST)
15 लाख की आबादी वाले रायपुर में सेहतमंद वातावरण जरूरी, नए प्रयोगों का लाभ पीढ़ियों तक

मिनी मरीन ड्राइव की तर्ज पर कटोरा तालाब का संवर्धन और चारों ओर पौधों की हरियाली बिखेरने की योजना के साथ ही रायपुर कलेक्टर ओपी चौधरी ने 19 एकड़ की ईएसी कॉलोनी में ऑक्सीजोन बनाने का जिम्मा अपने हाथ में लिया है। हरा-भरा माहौल देने के लिए ऑक्सीजोन में नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं, ताकि यहां जंगल जैसा शांतप्रिय और सुकूनभरा माहौल मिले। हर कोई स्वास्थ्य लाभ ले सकेगा। खनिज न्यास निधि से करीब 35 करोड़ से इसे विकसित किया जा रहा है।

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कलेक्टर के मुताबिक सेहतमंद वातावरण के लिए हरियाली बहुत जरूरी है। वैसे तो विकास कार्य के नाम पर बिल्डिंग, भवन, सड़कें बनती आ रही हैं, लेकिन स्वास्थ्य लाभ के उपाय करने भी जरूरी हैं। लगभग 15 लाख की आबादी वाले शहर में वाटिका, गॉर्डन और उपवन जैसा माहौल बनाने की कोशिश लगातार कर रहे हैं।

कलेक्टर चौधरी का कहना है कि ग्रीन सिटी के लिए कई समाज सेवी संस्थाएं काम कर रही हैं, उन्हें प्रशासन भरपूर मदद कर रहा है। दर्जनभर निर्माण एजेंसियों को पौधे रोपने की अपील की है। एजुकेशन सिटी और तालाब संवर्धन की योजना बनाई जा रही थी तभी वहां खाली जगह को जंगल जैसा लुक देने के लिए पौधे लगाए गए।

चौधरी के अनुसार हराभरा माहौल शहर को जल संकट से भी बचाएगा। डामरीकृत सड़कें और कंक्रीटकरण से जल स्तर पर प्रभाव पड़ा है। लेकिन इन हिस्सों में जब फलदार वृक्ष तौयार होंगे तो इसका फायदा पीढ़ियों तक मिलेगा।

कई एकड़ जमीन को किया कब्जा मुक्त
शहर में सरकारी जमीन पर किए गए सालों पुराने कब्जे हटाए गए हैं। इससे कई एकड़ सरकारी जमीन खाली हो गई है। कलेक्टर चौधरी के अनुसार ऐसे कई स्थानों पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने ग्रीनरी का प्रस्ताव दिया है। सिविल लाइन जैसे हाईसिक्योरिटी जोन में खाली जमीन पर दूसरा आक्सीजोन बनाने की मांग सामने आई है। प्रयास होगा कि खाली जमीन पर जरूरत के हिसाब से हरियाली बढ़ाई जाए।

कोर्ट के फैसले से मिला साथ
कलेक्टर चौधरी ने बताया कि नए निर्माण कार्य के लिए सबसे बड़ी चुनौती प्रतिष्ठानों को हटाने का था। मुख्य मार्ग पर ऑक्सीजोन बनाने के लिए 19 एकड़ की खाली जमीन चाहिए थी। इसके लिए सरकारी मकानों के साथ निजी मकानों को हटाने का फैसला किया गया। एक व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स को भी व्यवस्थापित कराया गया। व्यवस्थापन का विवाद हाईकोर्ट तक पहुंचा था, न्यायालय ने हरा-भरा माहौल बनाने के पक्ष में फैसला सुनाया। सेहतमंद वातावरण हर शहर की जरूरत है।

ब्रिज पर ग्रीनरी का पहला प्रयोग, सुंदरता बढ़ी

शहर में कांशीराम नगर ओवरब्रिज ऐसा पहला ब्रिज है, जहां लोक निर्माण विभाग ने ग्रीनरी तैयार की है। ऊपर रेलिंग के पास आकर्षक पौधे लगाए गए हैं। नीचे मिट्टी पाटकर सुगंधित पौधे रोपे गए हैं। ब्रिज के पास का खाली हिस्सा हर किसी को आकर्षित करता है। कलेक्टर के अनुसार ऐसा प्रयोग दूसरे निर्माण स्थलों पर भी निरंतर होना चाहिए।


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