Move to Jagran APP

राउंडटेबल कॉन्फ्रेंसः रायपुर शहर खड़ा हो जाए तो दुबक जाएंगे अपराधी

थोड़ी-सी जागरुकता शहरवासियों में आ जाए तो अपराधी कहीं ठहर नहीं पाएंगे और अपराध में कमी आ जाएगी।

By Nandlal SharmaEdited By: Published: Sun, 12 Aug 2018 06:00 AM (IST)Updated: Fri, 17 Aug 2018 12:50 PM (IST)
राउंडटेबल कॉन्फ्रेंसः रायपुर शहर खड़ा हो जाए तो दुबक जाएंगे अपराधी

हर जगह पर पुलिस का पहुंचना संभव नहीं है, जब तक हम जागरूक नहीं होंगे। बढ़ते अपराध पर लगाम नहीं कसा जा सकता। प्रत्येक नागरिक को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी, इसके लिए अपने आप को बदलना ही होगा। आज के व्यस्त दौर में बच्चे क्या कर रहे हैं, पालकों को भी पता नहीं होता और न ही वे बच्चों के बारे में जानकारी रखते हैं। बच्ची रात में कहां जाती है, यह देखना पालक की जिम्मेदारी है। गलत रास्ते में बच्चे अगर जा रहे हैं तो उसे रोकें।

prime article banner

थोड़ी-सी जागरुकता शहरवासियों में आ जाए तो अपराधी कहीं ठहर नहीं पाएंगे और अपराध में कमी आ जाएगी। अपराध में कमी के लिए संसाधन को मजबूत किया जाएगा, यह वायदा पुलिस अफसरों ने किया है। माय सिटी माय प्राइड अभियान के तहत शनिवार सुबह 11 बजे नईदुनिया कार्यालय में राजधानी के उद्योग, व्यापार, स्वयंसेवी संस्थाओं, जनप्रतिनिधियों और पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों ने राउंडटेबल कांफ्रेस में खुल कर अपनी बात रखी।

अपने शहर को शानदार बनाने की मुहिम में शामिल हों, यहां करें क्लिक और रेट करें अपनी सिटी

सभापति ने अभियान को सराहा
नगर निगम के सभापति प्रफुल्ल विश्वकर्मा ने इस परिचर्चा का संचालन करते हुए कहा कि नईदुनिया-जागरण समूह द्वारा चलाए जा रहा माय सिटी-माय प्राइड सराहनीय है। एक बेहतर सुरक्षित वातावरण के लिए आम लोगों की भागीदारी जरूरी है। पुलिस और प्रशासन अपनी तरफ से प्रयासरत हैं। नए-नए ट्रेंड के अपराध सामने आ रहे हैं। इन पर अंकुश के लिए नई तकनीक कारगर साबित होगी। उन्होंने कहा कि माय सिटी माय प्राइड अभियान से सभी को जुड़ना है। इस अभियान का उद्देश्य समस्या का समाधान तलाशना है।

एक नंबर पर तीन इमरजेंसी सेवा
शहर में सुरक्षा के लिए एक नया सिस्टम तैयार हुआ है, जिससे लोगों को सीधे लाभ मिल सकेगा। डॉयल 112 में हेल्थ, फायर और पुलिस सेफ्टी के इंतजाम होंगे।। कई बार ऐसा होता है जब अलग-अलग फोन नंबरों पर संपर्क नहीं हो पाता और जरूरतमंदों तक मदद पहुंचने में देर हो जाती है। अब एक ही नंबर में तीन इमरजेंसी सेवाएं लोगों के लिए मौजूद होंगी। रायपुर शहर में बड़े शहरों की तर्ज पर अपराध कम है। फिर भी संदिग्ध गतिविधियों को लेकर हमेशा अलर्ट होना चाहिए।

आम लोगों की भी नैतिक जिम्मेदारी है कि वो इस तरह की गतिविधियों को लेकर सजग रहें। कई बार अहम जानकारियां पब्लिक के बीच से ही मिलती है। पुलिस अब यह कोशिश कर रही है कि ज्यादा से ज्यादा लोग थानों से जुड़ सकें। आने वाले दिनों में योजनाबद्ध तरीके से युवाओं की समितियां तैयार कर थानों से पुलिस मेंबर भी उनसे जुड़ेंगे। ऐसा प्रयोग सीनियर सिटीजन्स के लिए भी किया जा रहा है।
- प्रफुल्ल ठाकुर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रायपुर सिटी

पुलिस मित्र योजना चाहिए
शहर में सुरक्षा के लिए बेहतर प्रयास होने चाहिए। पूर्व में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के द्वारा कम्युनिटरिंग पुलिसिंग को लेकर प्रयास होते रहे हैं। लोगों के बीच जाकर व्यवस्था सुधारने में खासी मदद मिली है। इस समय सुरक्षा के साथ ट्रैफिक की भी बड़ी समस्या है। एक समय ऐसा भी था जब देवेंद्र नगर थाने से खुद टीआई के द्वारा लोगों को जोड़कर ट्रैफिक समस्या से निजात पाने सड़क पर निर्माण करवाया गया। कुछ इस तरह के प्रयास आज भी होने चाहिए। पुलिस मित्र योजना की भी जरूरत है। सारे हिस्सों में कैमरा लगाया जाना चाहिए।
- सुशील अग्रवाल, कारोबारी कपड़ा मार्केट

बाहर से आने वालों की हो तस्दीक
शहर में बाहर से जो लोग आकर काम कर रहे हैं, उन लोगों की तस्दीक जरूरी है। दूसरे राज्य से आकर लोग शहर में अपना रोजगार स्थापित कर रहे हैं। असामाजिक तत्व यहां स्थाई रूप से रहते हुए कई तरह की घटनाओं से संलिप्त रहते हैं। यह शहर के लिए जोखिम हो सकता है। आज की स्थिति में शहर के कोने-कोने में जाकर बाहर से आने वालों की तस्दीक मुश्किल हो रही है। पुलिस विभाग को इस ओर पहल करते हुए अभियान और दुरुस्त करना चाहिए।
- जय चंद नवानी

दो तरह के अपराध से खतरा
आज दो तरह के अपराध का ट्रेंड है। पहला कि लोग प्री-प्लान अपराध को अंजाम दे रहे हैं और दूसरी तरफ से आकस्मिक तरीके से बड़ी वारदात को अंजाम दे रहे हैं। अक्सर देखा जाता है कि रसूखदार परिवारों से बच्चों को अपनी जरूरत पूरी करने के पैसे नहीं मिलते तो वो भी अपराधिक राह पकड़ लेते हैं। फिर गलत तरीके से घटनाओं को अंजाम देने लगते हैं। इसी की तर्ज पर ही चेन स्नेचिंग की बड़ी घटनाएं हो रही है। पहले तक पुलिस मोहल्लों में जाकर जागरूकता कार्यक्रमों में हिस्सा लेती थी, लेकिन आठ से दस महीनों में अभियान बंद सा लगता है। जरूरत इसकी फिर से है कि पुलिस कम्युनिटी पुलिसिंग की तर्ज पर लोगों के बीच पहुंचे और उन्हें अपने साथ जोड़कर शांतिपूर्ण सुरक्षित वातावरण का माहौल बनाए।
- सूर्यकांत राठौर, नेता प्रतिपक्ष, निगम

स्कॉर्फ का फायदा उठा रहे अपराधी
सुरक्षा के साथ ट्रैफिक समस्या को लेकर भी मंथन होना चाहिए। अस्थाई तरीके से कहीं भी बाजार खुल रहे हैं, भीड़ बढ़ने की स्थिति में परेशानी होती है। एक नए तरह के ट्रेंड में युवा वर्ग ने स्कार्फ को फैशन बना लिया है। शहर इतना प्रदूषित नहीं कि हर युवा अपने चेहरे पर कपड़े का नकाब लेकर चले। कई बार इसका फायदा अपराधिक गिरोह उठा लेते हैं। पुलिस को इस तरह की स्थिति पर लगाम कसने के लिए अहम कदम उठाने होंगे। बुजुर्ग लोग तक बिना नकाब के चल रहे हैं, फिर युवाओं को इसकी क्या जरूरत है। नकाब लगाए लोग रात में भी घूम रहे हैं और इसका खामियाजा आने वाले दिनों में आम लोगों को भुगतना पड़ सकता है।
- श्रीकुमार मेनन, पार्षद

महिलाओं की सुरक्षा जरूरी
शहर में विकास कार्य चल रहे हैं लेकिन अभी पता चला है कि निगम की ओर से महिलाओं की सुरक्षा के लिए बेहतर इंतजाम किए जा रहे हैं। कैमरों से निगरानी का सिस्टम कारगर साबित होगा। शहर में सुरक्षा का वातावरण होना चाहिए ताकि महिलाएं और छात्र, छात्राएं खुद को महफूज समझें। नए तरह के सिक्योरिटी सिस्टम के बारे में ज्यादा तजुर्बा तो नहीं लेकिन यकीन है कि स्मार्ट सिटी के प्रयासों से बेहतर इंतजाम होंगे। साथ ही अब महिलाओं और युवतियों को भी खुद ही जागरूक होना पड़ेगा और सिस्टम के साथ सहभागी होने की जरूरत है।
- सुनीता चौरसिया, एनएसएस प्रभारी

रोड सेफ्टी के लिए गायों में प्रयोग
राजधानी के लिए रोड सेफ्टी की बहुत जरूरत है। अक्सर रात के वक्त मवेशियों से खतरा बढ़ जाता है। हम कोशिश करते हैं कि वाहनधारियों को सड़क दुर्घटना से बचाने के लिए कम से कम गायों के सींग पर रेडियम का प्रयोग हो ताकि दूर से लोगों को अंदाजा हो सके और हादसों से बचें। अंधेरे के वक्त गाय झुंड में सड़कों पर होती हैं। कई बार हादसे हो जाते हैं। दूसरे लोगों को भी इस तरह के कामों में सामने आना चाहिए। ताकि संतुलित वातावरण का माहौल बन सके। महिला सुरक्षा के लिए पुलिस की तरफ से अतिरिक्त इंतजाम होने चाहिए।
- दर्शन नरवाल, समाज सेविका

भीड़ वाले हिस्से में सुरक्षा, पार्किंग
मालवीय रोड में जिस तरह से वाहनों की भीड़ जमा होने लगी है, इससे शहर के लिए परेशानी बढ़ती जा रही है। सुरक्षा और ट्रैफिक को लेकर कारगर प्लान बनाया जाना जरूरी है। इसके लिए निगम आयुक्त से भी चर्चा हो चुकी है। भीड़ वाले हिस्से में कहीं भी पार्किंग की व्यवस्था नहीं हो रही है। विकास कार्य केवल एक हिस्से में चल रहा है, जबकि दूसरे क्षेत्रों में भी इसकी दरकार है। सुरक्षा को लेकर पुलिस को भी बदलाव करने की जरूरत होगी। इंटेलिजेंट सुरक्षा सिस्टम की ओर ध्यान केंद्रित करना होगा।
- राजेश वासवानी, चैंबर उपाध्यक्ष

स्मार्ट सिटी में स्मार्ट सुरक्षा सिस्टम
रायपुर शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए नई तकनीकों का प्रयोग किया जा रहा है। इसमें सुरक्षा विषय पर भी प्रयोग शामिल है। इसी कड़ी में सर्विलांस सिस्टम बना रहे हैं, जिससे मदद मिलेगी। सभी थानों के लिए इमरजेंसी कॉल बॉक्स लगाया जाएगा। तुरंत जरूरतमंद के कॉल रिसीव कर उन्हें मदद पहुंचाने की कोशिश होगी। स्मार्ट सिटी के लिए शहर में और भी नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं। ट्रैफिक की दिशा में सुगम यातायात के लिए स्मार्ट ट्रैफिक रेगुलेटिंग सिस्टम का कांसेप्ट है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी जल्द ही साधन मुहैया कराने की कोशिश की जा रही है।
- अविनाश भोई, स्मार्ट सिटी

एटीएम फ्राड से अलर्ट रहना जरूरी
हाईटेक अपराध के क्षेत्र में साइबर ठग सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं। मोबाइल नंबरों के जरिए संपर्क करके तरह-तरह की स्कीमें बताकर ठगी की घटनाएं कर रहे हैं। बैंक खातों से रकम ट्रांसफर करना इनके लिए बहुत ही आसान है। रायपुर से क्राइम ब्रांच की यूनिट लगातार ठगी रोकने का प्रयास कर रही है। कई बार देखा गया है जब लोग बड़ी जल्दबाजी में अपने खातों और डेबिड-क्रेडिट कार्ड की जानकारी दे देते हैं, जिसका गलत इस्तेमाल करके ठग किसी दूसरे जगह पर बैठकर फायदा उठा लेते हैं। शातिर तरीके से रकम गायब कर लेते हैं। ऐसी घटनाओं से बचने के लिए जागरुक होने की जरूरत है। कोई भी बैंक या फिर सुरक्षा एजेंसी खातों से संबंधित जानकारियां फोन पर नहीं मांगती हैं। अगर कोई पूछे तो उनसे सावधान रहना जरूरी है। अपराधी अब पैंतरे बदलते जा रहे हैं, इसलिए अतिरिक्त सावधानी बहुत आवश्यक है। अब आयकर विभाग से रिफंड के नाम पर निजी जानकारी मांगी जा रही है।
- राजेंद्र कंवर, इंस्पेक्टर क्राइम ब्रांच

साइबर क्राइम की सूचना तत्काल दें
बैंक खाते में सेंधमारी या एटीएम कार्ड के जरिए बैंक खाते से रकम चोरी होती है तो इसकी सूचना तत्काल नजदीकी थाने को देनी चाहिए। थाने में 72 घंटे के भीतर सूचना मिलने पर खाते से गई रकम की वापसी की संभावना बढ़ जाती है। देर होने पर प्रक्रिया में वक्त लगता है। इसके लिए भी लोगों को जागरुक होना पड़ेगा, ताकि वे ठगी से बच सकें। किसी अज्ञात कॉल का जवाब नहीं देना चाहिए और न ही ईमेल या एसएमएस का जवाब देने की जरूरत है। धोखाधड़ी की शिकायत बैंक में करने के लिए पीड़ित को थाने की एफआईआर की कॉपी चाहिए, इसलिए भी थाने में तुरंत लिखित में जानकारी दी जानी चाहिए।
- बबीता देवांगन, साइबर क्राइम टीम रायपुर

देर रात असामाजिक तत्वों से खतरा
जय स्तंभ रोड में ऑटो वालों के कारण ट्रैफिक इंतजाम चौपट रहता है। कई बार भीड़ की वजह से सुरक्षा का वातावरण तैयार कर पाना भी मुश्किल हो जाता है। प्रशासन को पार्किंग के लिए कड़े इंतजाम करने होंगे। बड़े कांप्लेक्सों के बेसमेंट पार्किंग में ही अवैध तरीके से निर्माण कराए जा रहे हैं, इसका खामियाजा दूसरों को भुगतना पड़ता है। रात में लगने वाले बाजार के जल्दी बंद नहीं होने के कारण खतरा हो सकता है। आजकल देखा जा रहा है कि रात अधिक होने पर असामाजिक तत्व यहां पहुंचते हैं। समूहों में जमावड़ा बना लेते हैं। यह परंपरा अब बढ़ने लगी है। इससे कभी भी कोई भी बड़ी घटना हो सकती है। देर रात तक होने वाले कारोबार पर अंकुश लगाना चाहिए।
- जय केवलानी, कारोबारी रवि भवन

सभी पर कार्रवाई, तभी सुधार
ट्रैफिक सुधार के लिए पुलिस केवल युवा वर्ग क लड़कों पर ही तंज कसती है, जबकि देखा गया है कि युवतियां तीन सवारी बेखौफ फर्राटा भरती है। सुरक्षा के मायनों में बराबरी की कार्रवाई होनी चाहिए। कई बार देखा गया है कि पुलिस की इस नरमी की वजह से दुखद परिणाम सामने आते हैं। शहर की सुरक्षा को लेकर बात अगर की जाए तो बाहर से आने वाले लोगों की तस्दीक भी समय-समय पर होनी चाहिए। सर्राफा बाजार हो या फिर उद्योग बाहर से बतौर कारीगर लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हैं, लेकिन समय पर तस्दीक नहीं होती। पूर्व में आईजी के द्वारा विशेष मुहिम चलाकर छानबीन कराई गई थी, जब हथियार मिले थे। ऐसी कार्रवाई निरंतर होनी चाहिए।
- विक्रम केवलानी, समाज सेवी

और ये हुई घोषणाएं...

हर कालोनी में हो पुलिस मित्र- एएसपी सिटी
एडिशनल एसपी सिटी प्रफल्ल ठाकुर ने कांफ्रेंस में कहा कि कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत शहर की सभी कालोनियों में पुलिस मित्र का ग्रुप बनाया जाएगा। क्षेत्र के थाना प्रभारी और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया जाएगा कि वे हर महीने पुलिस मित्र के साथ बैठक कर अपराध को रोकने के लिए उनके सुझाव लें और उस पर अमल करें। उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि शहर में कोई भी गिरोह ऑपरेट नहीं हो रहा है। मसलन हफ्ता वसूली आदि की जानकारी मुझे नहीं है। अगर किसी को भी इस बारे में सूचना हो तो शेयर करें, सख्ती से कार्रवाई करेंगे।

हफ्ते भर में डॉयल 112 शुरू
एएसपी ने बताया कि एक हफ्ते के भीतर रायपुर में डॉयल 112 की सुविधा शुरू हो जाएगी। अब एक साथ एक नंबर पर कॉल करने पर पुलिस, आगजनी और अन्य सुविधा मिलने लगेगी। 54 लोकेशन ऐसे हैं, जहां पर जीपीएस सिस्टम से नजर रखी जाएगी। स्मार्ट पुलिसिंग की तरफ हम बढ़ रहे हैं। फेसबुक, वाट्सएप ग्रुप से भी रायपुर पुलिस जुड़ी है और एक-एक जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं।

समस्या और चुनौतियां
रिंग रोड समेत शहर के सभी प्रमुख सड़कों पर मवेशियों के बैठने से आए दिन वाहन सवार टकराकर हादसे का शिकार हो रहे हैं।
वाहनों की गलत पार्किंग की वजह से शहर की यातायात व्यवस्था चरमरा गई है।
जीई रोड पर ऑटो रिक्शा, ठेले के कारण यातायात सुविधा बाधित हो रही है।
बाहर से लोग आकर यहां अपराध कर आसानी से निकल जा रहे हैं।
स्कॉर्फ बांधकर दोपहिया वाहन में तीन सवारी युवतियों पर पुलिस नहीं करती कार्रवाई।
मौदहापारा रोड पर लगने वाले संडे मार्केट की वजह से सड़क जाम।

कुछ इस तरह करें प्रयास

तीसरी आंख का शहरभर में बिछे जाल: मिशन सिक्योर सिटी के तहत शहर भर में हजारों सीसीटीवी कैमरे का जाल बिछाया गया है, लेकिन अभी भी कई हिस्सों में तीसरी आंख की नजर नहीं है। ऐसे इलाकों को चिन्हांकित कर प्रमुख चौराहों, बिल्डिंग, भवनों आदि में हाईरेंज कैमरे लगाने की जरूरत है।

जनता के सुझाव पर अमल करें: कम्युनिटी पुलिसिंग को बढ़ावा देने के लिए आम जनता के साथ पुलिस अफसर समय-समय पर बैठक लेकर उनके सुझावों पर अमल करें। नशे की पूर्ति के लिए युवा और किशोर अपराध के रास्ते पर चल रहे हैं। इस पर सख्ती से कार्रवाई जरूरी है। युवाओं की नशे की लत छुड़वाने के लिए पालक भी आगे आएं।

स्कार्फ की आड़ में अपराध: शहर के युवाओं में स्कार्फ बांधकर वाहन चलाने का फैशन बन गया है। इसकी आड़ में अपराधिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं। ऐसे में पुलिस को स्कार्फ बांधने वालों पर सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए।

हुक्का बार, पब पर कसे शिकंजा: शहर में कई हुक्का बार में स्कूली बच्चों और किशोरों को प्रवेश दिया जा रहा है। इससे सामान्य घरों के बच्चे नशे के आदी बन रहे हैं। ऐसे में कभी भी गंभीर घटना होने से इंकार नहीं किया जा सकता। पुलिस को देर रात चलने वाले पब, हुक्का बार पर लगातार कार्रवाई करनी चाहिए।

अपने शहर को शानदार बनाने की मुहिम में शामिल हों, यहां करें क्लिक और रेट करें अपनी सिटी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.