Chhattisgarh News: पहली बार ट्रेन देख झूम उठे सैकड़ों लोग, हाथों में गुब्बारे और तिरंगा लिए सुबह से कर रहे थे इंतजार
First Train in Antagarh CG वर्षों के लंबे इंतजार के बाद अंतागढ़ में शनिवार 13 अगस्त अंतागढ़ में यात्री रेल परिचालन शुरू हो गया। करीब 1230 बजे टिकट काउंटर खोला गया जिसमें पहले अंतागढ़ निवासी सिराज खान ने साथ में टिकट लिया।
अंतागढ़, जागरण आनलाइन डेस्क। आखिरकार अंतागढ़ क्षेत्रवासियों का दशकों पुराना देखा सपना साकार हो ही गया। वर्षों के इंतजार के बाद शनिवार 13 अगस्त अंतागढ़ में यात्री रेल परिचालन शुरू हो गया। सैंकड़ों लोगों ने अंतागढ़ से भानप्रतापपुर की यात्रा की, इन सैकड़ों लोगों में इसे देखने इसमें बैठकर यात्रा करने का अरमान काफी दिनों से था।
बड़ी संख्या में यात्री ट्रेन को देखने और उसमें यात्रा करने के लिए आसपास के क्षेत्र के लोग सुबह अंतागढ़ स्टेशन पर पहुंचने लगे। डेमो ट्रेन सुबह सात बजे अंतागढ़ स्टेशन पहुंची थी, जहां उसे गुब्बारों और तिरंगे की झालर से सजाया गया था, करीब 12:30 बजे टिकट काउंटर खोला गया, जिसमें पहले अंतागढ़ निवासी सिराज खान ने साथ में टिकट लिया। सिराज खान के साथ अंतागढ़ पैसेंजर ट्रेन का टिकट लेने वाले पहले व्यक्ति बने।
तिरंगा लेकर रेलवे स्टेशन पहुंचे अंतागढ़ विधायक
आपको बता दें कि कार्यक्रम की शुरुआत करीब बारह बजे से हुई थी, जिसके तहत अंतागढ़ के विधायक अनूप नाग कार्यकर्ताओं के साथ हाथ में तिरंगा लेकर अंतागढ़ रेलवे स्टेशन पहुंचे। वही सांसद मोहन मंडावी अपने कार्यकर्ताओं के साथ तिरंगा लेकर मोटरसाइकिल पर सवार होकर अंतागढ़ के रेलवे स्टेशन पहुंचे।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कांकेर संसदीय क्षेत्र के सांसद मोहन मंडावी और क्षेत्रीय विधायक अनूप नाग के साथ ही पूर्व विधायक व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व पूर्व कैबिनेट मंत्री विक्रम देव उसेंडी, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश लतिया, पूर्व विधायक थे। थाने में भोजराज नाग सहित कांग्रेस व भाजपा के अन्य कार्यकर्ता भारी संख्या में मौजूद थे।
अंतागढ़ के इतिहास में एक गौरवपूर्ण दिन
अपने संबोधन में सांसद मोहन मंडावी ने कहा कि अंतागढ़ जैसे संवेदनशील क्षेत्र में रेल संचालन एक बड़ी उपलब्धि है, आज का दिन अंतागढ़ के इतिहास में एक गौरवपूर्ण दिन माना जाएगा। उन्होंने कहा कि चूंकि अंतागढ़ आसपास के क्षेत्रों की सबसे पुरानी बस्ती है इसलिए अंतागढ़ के विकास में किसी भी प्रकार की दुविधा नहीं होनी चाहिए।