Move to Jagran APP

सेंट्रल इंडिया का 'मेडिकल हब' बना रायपुर

राज्य गठन के बाद छत्‍तीसगढ़ सरकार ने रायपुर में अस्पतालों के लिए सस्ती दरों पर जमीन मुहैया करवाईं और फिर बड़े-बड़े अस्पताल खुले।

By Ashish MaharishiEdited By: Published: Tue, 03 Jul 2018 03:01 AM (IST)Updated: Mon, 02 Jul 2018 08:31 PM (IST)
सेंट्रल इंडिया का 'मेडिकल हब' बना रायपुर

राजधानी रायपुर को सेंट्रल इंडिया का 'मेडिकल हब" कहना कतई गलत नहीं होगा। यहां हार्ट से लेकर किडनी, ब्रेन से लेकर कैंसर, नसों की बड़ी से बड़ी बीमारियों का इलाज मौजूदा समय में मुमकिन है। सभी बीमारियों के विशेषज्ञ मौजूद हैं, इसलिए मरीजों को मेट्रो सिटी का रुख नहीं करना पड़ता।

loksabha election banner

डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल प्रदेश का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है, जहां 1123 बेड हैं और हर बीमारी का मुफ्त और सरकारी योजनाओं के अंतर्गत इलाज होता है। निजी अस्पतालों में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा है, सरकारी अस्पताल भी इसकी तैयारी में जुटा हुआ है। किडनी के अलावा लीवर, प्रैंक्रियाज, हार्ट जैसे ट्रांसप्लांट के लिए नियम बन चुके हैं। अभी इनके मरीजों को दूसरे राज्यों में रेफर किया जाता है।

राज्य गठन के बाद सरकार ने अस्पतालों के लिए सस्ती दरों पर जमीन मुहैया करवाईं और फिर बड़े-बड़े अस्पताल खुले। वेदांता जैसे ग्रुप ने भी राज्य का रुख किया है।

केंद्र-राज्य की सभी योजनाएं लागू

केंद्र, राज्य सरकार की योजनाएं लागू हैं तो वहीं राज्य के एपीएल परिवारों को मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना (एमएसबीवाइ) के तहत 50 हजार रुपये तक के इलाज की सुविधा है। संजीवनी कोष से हार्ट, लीवर से लेकर अन्य सभी बड़ी बीमारियों का इलाज होता है। सरकार ने राज्य में मुख्यमंत्री बाल हृदय, मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना भी शुरू की है। इसके तहत श्रवण बाधित, हृदय रोग पीड़ित बच्चों का निशुल्क इलाज होता है।

प्रदेश का पहला सरकारी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल

100 करोड़ की लागत से पुराना मंत्रालय भवन का जीर्णोद्धार करके उसे प्रदेश के पहले सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल का रूप दिया जा रहा है। जिसका 99 फीसद काम पूरा हो चुका है, बस फाइनल टच दिया जा रहा है। ये जल्द ही लोगों के इलाज में जुट जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने 2013 में सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल की घोषणा की थी। जुलाई तक यह पं. जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कॉलेज को हैंडओवर हो जाएगा, आचार संहिता से पहले उद्घाटन तय है। यहां नेफ्रोलॉजी, एंडोक्रिनोलॉजी, पीडियाट्रिक सर्जरी, न्यूरोसर्जरी, न्यूरोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, कॉर्डियोलॉजी यूनिट स्थापित की जा रही है।

सभी कोनों में 100 बिस्तर के अस्पताल

- पंडरी क्षेत्र में 100 बिस्तर का अस्पताल पिछले साल खुला, लेकिन कुछ ही यूनिट संचालित हो रही हैं। स्टाफ की कमी सबसे बड़ा रोड़ा है। पुलिस लाइन अस्पताल से यहां जिला अस्पताल की शिफ्टिंग होनी है।

- पुलिस लाइन स्थित अस्पताल को 100 बिस्तर का जच्चा-बच्चा अस्पताल बनाया जाना प्रस्तावित है, लेकिन यहां भी स्टाफ की कमी है। 100 बिस्तर का स्टेअप स्वीकृत है।

- गुढ़ियारी में 100 बिस्तर का अस्पताल प्रस्तावित, 35 बिस्तर से शुरुआत हो चुकी है।

- भाठागांव में 100 बिस्तर का अस्पताल प्रस्तावित, निर्माण शुरू हो चुका है।

निजी अस्पतालों में हर सुविधा

कैशलेस सत्य साईं संजीवनी हॉस्पिटल- साल 2013-14 में नया रायपुर में खुले श्री सत्यसाईं संजीवनी हॉस्पिटल में पैसे का कोई काउंटर ही नहीं है, यानी पैसों का लेन-देन होता ही नहीं। सिर्फ इलाज होता है, वह भी निशुल्क। भारत के कोने-कोने से तो लोग पहुंचते ही हैं, दुश्मन पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के भी कई बच्चों के दिल के छेद यहां भरे गए। इसके साथ केन्या, नाइजीरिया, अफगानिस्तान जैसे मुल्कों के बच्चों का भी यहां इलाज हुआ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.