अवैध नियुक्ति बताकर हटाए गए ग्रेड थ्री कर्मचारी
राज्य सरकार और जिला शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते आठ महीने बाद सहायक ग्रेड-3 के पद काम कर रहे युवकों को यह कहकर नौकरी से निकाल दिया गया कि उनकी नियुक्ति अवैध है। दरअसल, नियुक्ति के मापदंड केंद्र सरकार ने तय कर रखे थे लेकिन इसकी सुध राज्य सरकार
बिलासपुर। राज्य सरकार और जिला शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते आठ महीने बाद सहायक ग्रेड-3 के पद काम कर रहे युवकों को यह कहकर नौकरी से निकाल दिया गया कि उनकी नियुक्ति अवैध है। दरअसल, नियुक्ति के मापदंड केंद्र सरकार ने तय कर रखे थे लेकिन इसकी सुध राज्य सरकार व जिला शिक्षा विभाग को आठ माह बाद आई।
राज्य सरकार से आदेश आने के बाद बिलासपुर व मुंगेली जिले के युवकों को नियुक्ति निरस्त करने के आदेश थमा दिए। इसके विरोध में कलेक्टोरेट में गुरुवार को युवकों ने धरना-प्रदर्शन किया और आदेश की काॅपी जलाई।
गलती किसी की और सजा दो जिलों के 144 युवकों को भुगतनी पड़ी। हुआ ये कि अक्टूबर 2013 में स्कूल शिक्षा विभाग में सहायक ग्रेड-3 के लिए बिलासपुर के 86 व मुंगेली के 64 पदों के लिए भर्ती विज्ञापन जारी किया गया।
केंद्र सरकार ने निर्णय लिया कि 30 मई 2014 के पहले अगर भर्ती हुई है तो उसे वैध माना जाएगा। इसके बावजूद बिलासपुर व मुंगेली जिले के आला अफसरों या फिर डीईओ को कॉपी नहीं भेजी। नतीजा यह हुआ कि बिलासपुर और मुंगेली दोनों ही जिले में 12 जून 2015 को भर्ती प्रक्रिया पूरी कर नियुक्ति आदेश जारी किया। दोनों ही जिले के युवकों को 30 जून तक ज्वाॅइनिंग के आदेश दिए गए। केंद्र सरकार ने अवैध मानते हुए वेतन रोक दिया।