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छत्तीसगढ़ में सरकारी दवा खाने के बाद 317 बच्चे बीमार

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस और फाइलेरिया उन्मूलन दिवस पर दवा खाने से मुंगेली जिले के पथरिया के 200 और पथरिया विकासखंड के अंतर्गत आने अन्य स्कूलों के लगभग 117 बच्चे बीमार पड़ गए।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 11 Aug 2016 06:46 AM (IST)Updated: Thu, 11 Aug 2016 06:52 AM (IST)
छत्तीसगढ़ में सरकारी दवा खाने के बाद 317 बच्चे बीमार

बिलासपुरराष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस और फाइलेरिया उन्मूलन दिवस पर दवा खाने से मुंगेली जिले के पथरिया के 200 और पथरिया विकासखंड के अंतर्गत आने अन्य स्कूलों के लगभग 117 बच्चे बीमार पड़ गए। उन्हें उपचार के लिए पथरिया और सरगांव सामुदायिक केंद्र लाया जा रहा है। इतने मरीजों को भर्ती करने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जगह भी नहीं थी। इसलिए बड़ी संख्या में बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जमीन पर लिटाकर इलाज किया जा रहा है।

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बुधवार को राष्ट्रीय कृमि दिवस और फाइलेरिया दिवस पर मुंगेली जिले के पथरिया विकासखण्ड के सभी स्कूलों में छात्र-छात्राओं को एलबेन्डाजोल और डीईसी नामक दवा का खिलाई गई। दोपहर में स्कूलों में बच्चों को दवा पिलाई गई। शाम होते-होते बच्चों को पेट व सिर में दर्द, चक्कर और उल्टी होने लगी। अभिभावक 108 से बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पथरिया और सरगांव लेकर पहुंचने लगे। पीडि़त बच्चों की संख्या इतनी अधिक थी कि उन्हें ले जाने के लिए एंबुलेंस भी कम पड़ गए। बीमारों में शामिल 13 वर्षीय सरिता कुर्रे की हालत बिगड़ने पर उसे देर रात सिम्स में भर्ती किया गया।

117 बच्चे भर्ती, अस्पताल पहुंचने का सिलसिला जारी
दवा खाने बाद बीमार पड़ने वाले प्राथमिक स्कूल चुनचुनिया के 34, पूर्व माध्यमिक शाला चुनचुनिया में 33,प्राथमिक शाला मोतिमपुर के 25, धुमा के 20 और प्राथमिक शाला धमनी के 4 और बच्चों को सरगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। बच्चों को भर्ती कराने का सिलसिला देर रात तक चलता रहा है। स्थिति देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि लगभग 150 से 200 बच्चे बीमार पड़े होंगे।

आधा दर्जन से अधिक स्कूलों में ऐसी स्थिति

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सरगांव में प्राथमिक शाला मोतिमपुर, धूमा, रामबोड़, गंगद्वारी, मोहभट्ठा, सिलदहा, सोढ़ी मराठी, भटगांव, छिनभोग के बच्चों को भी सरगांव एवं पथरिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र इलाज के लिए लाया जा रहा है।

दवा जांची परखी हुई

मुंगेली के सीएमअो डॉ. आर एल घृतलहरे ने बताया कि फाइलेरिया और कृमि की दवा का वितरण जिले के सभी प्राइवेट और शासकीय स्कूलों के बच्चों को किया गया है। उक्त दवा जांची हुई और सुरक्षित है।

गरीब बच्चों को ही क्यों दी दवा

बिल्हा एमएलए के मुताबिक, सरकार नसबंदी कांड जैसी स्थिति निर्मित करना चाह रही है। गांव के गरीब बच्चों को ये दवाइयां दी जा रही है। ताकी गरीब बच्चे आगे न बढ़ पाएं। निजी स्कूलों में ये दवाइयां क्यों वितरित नहीं की गई। यह प्रदेश सरकार की साजिश है।


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