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Budget 2019: प्रशासनिक सेवा से वित्त मंत्री तक, जानिए यशवंत सिन्हा के जीवन से जुड़ी रोचक बातें

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पूर्ण बजट 5 जुलाई को पेश करेंगी।

By NiteshEdited By: Published: Wed, 26 Jun 2019 11:32 AM (IST)Updated: Thu, 27 Jun 2019 08:18 AM (IST)
Budget 2019: प्रशासनिक सेवा से वित्त मंत्री तक, जानिए यशवंत सिन्हा के जीवन से जुड़ी रोचक बातें
Budget 2019: प्रशासनिक सेवा से वित्त मंत्री तक, जानिए यशवंत सिन्हा के जीवन से जुड़ी रोचक बातें

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पूर्ण बजट 5 जुलाई को पेश करेंगी। भाजपा सरकार में बजट पेश करने वाली वह पहली महिला वित्त मंत्री होंगी। इस बजट के लिए तैयारी भी जोर-शोर से शुरू है। देश में कई वित्त मंत्री हुए जिन्होंने बजट पेश किया लेकिन हम इस खबर में पूर्व वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा की बात कर रहे हैं।

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जन्म और शिक्षा

यशवंत सिन्हा का जन्म 6 नवंबर 1937 को पटना में हुआ। वे पटना से शिक्षित हुए और 1958 में राजनीति शास्त्र में मास्टर्स डिग्री ली। इसके बाद उन्होंने पटना विश्वविद्यालय में 1960 तक इसी विषय की शिक्षा दी। इसी साल उनका चयन प्रतिष्ठित भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए हो गया। 24 साल तक उन्होंने प्रशासनिक सेवा में नौकरी की।

करियर

यशवंत सिन्हा ने दो साल तक बिहार सरकार के वित्त मंत्रालय में बतौर सचिव और उप सचिव काम किया और उसके बाद भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय में उप सचिव के पद पर नियुक्त किए गए। 1971 से 1974 तक वे बोन, जर्मनी, के भारतीय दूतावास में पहले सचिव नियुक्त किए गए। 1973-1974 के दौरान उन्होंने फ्रेंकफ़र्ट में भारतीय महावाणिज्यदूत के पद पर कार्य किया।

सियासत में एंट्री

1984 में यशवंत सिन्हा ने भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देकर जनता पार्टी के साथ राजनीतिक पारी की शुरुआत की। 1986 में उन्हें पार्टी का अखिल भारतीय महासचिव और सन 1988 में राज्यसभा सदस्य चुना गया। 1989 में जनता दल के निर्माण के पश्चात उन्हें पार्टी का महासचिव बनाया गया। 1990-1991 के दौरान वे चंद्रशेखर सरकार में वित्त मंत्री बनाए गए। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मार्च 1998 से मई 2002 तक वित्त मंत्री रहे।

कितनी बार पेश किया बजट

वित्त मंत्री रहते हुए यशवंत सिन्हा ने ब्याजदरों में कटौती, बंधक ब्याज पर कर कटौती, दूरसंचार क्षेत्र को मुक्त करना, पेट्रोलियम व्यवसाय को नियंत्रण मुक्त करना और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का निधिकरण जैसे फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अंग्रेजों की शाम 5 बजे भारतीय बजट पेश करने 53 वर्ष पुरानी परंपरा को तोड़ दिया। यह परंपरा अंग्रेजों ने अपनी सहूलियत के मुताबिक शुरू की थी। उन्होंने कुल 7 बार बजट पेश किया है।

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