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हो रहा है देना बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, और विजया बैंक का विलय, ग्राहकों पर होगा यह असर

देना बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, और विजया बैंक का विलय प्रस्तावित है।

By Pramod Kumar Edited By: Published: Thu, 18 Oct 2018 02:20 PM (IST)Updated: Fri, 19 Oct 2018 10:34 AM (IST)
हो रहा है देना बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, और विजया बैंक का विलय, ग्राहकों पर होगा यह असर
हो रहा है देना बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, और विजया बैंक का विलय, ग्राहकों पर होगा यह असर

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। देना बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, और विजया बैंक का विलय प्रस्तावित है। इस विलय के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक अस्तित्व में आ जाएगा। सरकार ने इन बैंकों के विलय का निर्णय बैंकों की कर्ज देने की ताकत उबारने और आर्थिक वृद्धियों को गति देने के प्रयासों के तहत किया है। विलय होने के बाद इन बैंकों के सिस्टम में तो बदलाव आएगा, साथ ही ग्राहकों पर भी इसका असर पड़ेगा।

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लोकल ब्रांच हो सकती है बंद

विलय के बाद कई लोकल ब्रांच बंद हो सकती है। इसका मतलब यह है कि अभी अगर किसी इलाके में तीनों बैंकों की ब्रांच हैं तो इनमें से दो ब्रांच बंद हो जाएंगी। इसलिए आपकी ब्रांच भी बदल सकती है। ऐसी स्थिति में नई ब्रांच के IFSC और MICR कोड का ध्यान जरूर रखें।

बदल सकता है अकाउंट नंबर और कस्टमर आईडी

बैंकों के विलय के बाद ग्राहकों के अकाउंट नंबर और कस्टमर आईडी बदल सकता है। इसके अलावा अगर इन तीनों में अगर किसी दो बैंकों में आपका अकाउंट है तो आपको दोनों अकाउंट नंबर के लिए एक नई कस्टमर आईडी दी जाएगी। हालांकि, एसबीआई में दूसरे बैंकों के मर्जर के समय अकाउंट नंबर नहीं बदले गए थे, लेकिन होम ब्रांच और ब्रांच कोड बदल गए थे।

अपनी अकाउंट डिटेल्स अपडेट करनी होंगी

अधिकतर ग्राहकों के बैंक नंबर अलग-अलग जगहों से जुड़े होते हैं। उदाहरण के लिए किसी ग्राहक का बैंक अकाउंट आयकर विभाग, बीमा कंपनियां, डाकघर और म्युचुअल फंड कंपनियों जैसी थर्ड पार्टीज के साथ लिंक होता है। इस विलय के बाद इन सब जगहों पर ग्राहकों को अपनी नई डिटेल्स अपडेट करनी होंगी। इनके अलावा भी जहां ग्राहकों का मौजूदा बैंक अकाउंट दिया गया है, उन सब जगहों पर डिटेल्स अपडेट करनी होंगी।

देने होंगे नए ECS, SIP निर्देश

विलय के बाद एंटिटि को इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सर्विस निर्देशों और पोस्ट डेटेड चेक को क्लियर करना होता है। साथ ही आपको ऑटो डेबिट, लोन की ईएमआई और सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के लिए नया रजिस्ट्रेशन और इंस्ट्रक्शन फॉर्म भरना पड़ सकता है। नियमों के मुताबिक, ग्राहक 6-12 महीनों तक मौजूदा चेक बुक इस्तेमाल कर सकते हैं।  


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