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सुकन्या समृद्धि अकाउंट, FD और PPF के बारे में वो सब कुछ, जो आप जानना चाहते हैं

पीपीएफ के मामले में आंशिक निकासी की अनुमति है, हालांकि यह सुविधा कुछ बाध्यताओं के बाद 7वें साल के बाद मिलती है

By NiteshEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 03:36 PM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 10:36 AM (IST)
सुकन्या समृद्धि अकाउंट, FD और PPF के बारे में वो सब कुछ, जो आप जानना चाहते हैं
सुकन्या समृद्धि अकाउंट, FD और PPF के बारे में वो सब कुछ, जो आप जानना चाहते हैं

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पिछले कुछ सालों में रहने की लागत में काफी वृद्धि हुई है। इसके अलावा शिक्षा के खर्च में विशेष रूप से बढ़ोत्तरी देखी गई है। कुछ साल पहले तक माता-पिता अपने सामान्य बचत से ही बच्चे की शिक्षा का खर्च उठा लेते थे, लेकिन अब अपने बच्चे की शिक्षा के लिए माता-पिता को पहले से ही योजना बनाकर निवेश करना पड़ रहा है।

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आमतौर पर बच्चों की शिक्षा के लिए धन जुटाने के उद्देश्य से माता-पिता की पहली पसंद सावधि जमा (एफडी) रही है, लेकिन इससे इतर सुकन्या समृद्धि योजना और पीपीएफ जैसे अन्य निवेश विकल्प भी मौजूद हैं। हम इस खबर में आपको सावधि जमा, पीएफएफ और सुकन्या समृद्धि योजना से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं।

सुकन्या समृद्धि योजना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुकन्या समृद्धि योजना को जनवरी 2015 में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत लॉन्च किया था। यह बच्ची के वित्तीय भविष्य के लिहाज से एक शानदार स्कीम मानी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह एक सरकार समर्थित स्कीम है और इस पर ब्याज दर भी काफी अच्छी है। इसका खाता आप किसी भी अधिकृत वाणिज्यिक बैंक या फिर भारतीय डाकघर में खुलवा सकते हैं।

अगर आप अपनी बच्ची की शादी, उसकी पढ़ाई एवं वित्तीय सुरक्षा के लिए निवेश करना चाहते हैं तो सुकन्या आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है। इस योजना में 8.5 फीसद की दर से ब्याज मिलता है।

सुकन्या समृद्धि अकाउंट को लड़की के अभिभावक एवं पिता की ओर से लड़की के नाम पर खुलवाया जा सकता है। एक अभिभावक एक लड़की के नाम पर एक ही अकाउंट खुलवा सकता है और अधिकतम 2 लड़कियों के नाम पर दो खाते। सुकन्या समृद्धि अकाउंट को लड़की के जन्म से 10 वर्ष की आयु तक खुलवाया जा सकता है। इस खाते में एक साल के भीतर न्यूनतम 250 रुपये का और 1,50,000 रुपये का सालाना निवेश किया जा सकता है। इस खाते को खुलवाए जाने के अगले 15 वर्षों तक जारी रखा जा सकता है। जैसे ही लड़की या तो 10वीं पास हो या फिर 18 वर्ष की हो जाए अकाउंट से आंशिक निकासी की जा सकती है। इस खाते में जमा अधिकतम 50 फीसद राशि को बच्ची की शिक्षा के लिए निकाला जा सकता है। यह सेविंग स्कीम पूरी तरह से टैक्स फ्री होती है।

पीपीएफ: पीपीएफ खाता कोई भी भारतीय नागरिक खोल सकता है। कोई भी अपने नाबालिग बच्चों के नाम पर भी पीपीएफ खाता खोलकर टैक्स लाभ ले सकता है। पीपीएफ खाता 15 वर्ष की अवधि के बाद परिपक्व (मैच्योर) हो जाता है। हालांकि 15 वर्ष के बाद इसकी अवधि बिना किसी योगदान के पांच वर्ष के लिए बढ़ाई जा सकती है।

निवेश सीमा: कोई भी व्यक्ति पीपीएफ खाते में 500 रुपए (न्यूनतम) का सालाना निवेश कर सकता है। जबकि इसकी अधिकतम राशि 1,50,000 रुपए तक जा सकती है। पीपीएफ खातों में प्रति वर्ष अधिकतम 12 योगदान की अनुमति है।

टैक्स: पीपीएफ के अंतर्गत 1.5 लाख रुपए तक की राशि आयकर की धारा 80सीसीडी (1) के अंतर्गत छूट के दायरे में आती है और 50,000 रुपए की अतिरिक्त कटौती 80सीसीडी (2) के अंतर्गत मिलती है। इस हिसाब से कुल कटौती 2 लाख की होती है। पीपीएफ ईईई के दायरे में आता है, यानी यह “एग्जेंप्ट, एग्जेंप्ट, एग्जेंप्ट” की श्रेणी में आता है। इसमें आपकी ओर से की गई निवेश की राशि (1.5 लाख रुपए तक), रिटर्न जो आपको मिलता है और मैच्योरिटी अमाउंट इन सभी में टैक्स छूट मिलती है।

पीपीएफ के मामले में आंशिक निकासी की अनुमति है, हालांकि यह सुविधा कुछ बाध्यताओं के बाद 7वें साल के बाद मिलती है। कोई भी अपने पीपीएफ खाते के एवज में कुछ सीमाओं के साथ खाता खोलने के तीसरे और छठे वित्तीय वर्षों के दौरान ऋण (लोन) का लाभ ले सकता है।

ब्याज: पीपीएफ सब्सक्राइबर्स के लिए ब्याज की घोषणा सरकार की ओर से हर तिमाही पर की जाती है। वर्तमान में यह दर 8 फीसद की है।

फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी): एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) को रिटर्न के लिए अच्छा निवेश विकल्प माना जाता है। एफडी पर ब्याज दर को उसकी अवधि के हिसाब से तय किया जाता है। एसबीआई, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, यस बैंक और कोटक महिंद्रा जैसे बड़े बैंक एफडी की सुविधा देते हैं। वहीं छोटे फाइनेंस बैंक एफडी पर ज्यादा रिटर्न देते हैं। बैंकों के अलावा पोस्ट ऑफिस में भी एफडी अकाउंट खोला जा सकता है। फिक्स्ड डिपॉजिट पर बैंक आमतौर पर 3.5 फीसद से 7.5 फीसद तक का ब्याज देते हैं।


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