फिलहाल नहीं लॉन्च हो सकेगा Adani Wilmar Ltd का IPO, सेबी ने लगाई रोक
Adani Wilmar Ltd ने Initial Public Offering (IPO) के माध्यम से बाजार से धन जुटाने के उद्देश्य से 3 अगस्त को सेबी के पास अपने प्रारंभिक दस्तावेज दाखिल किए थे। सेबी ने कहा कि Adani Wilmar IPO के मामले में ईश्यू को रोक कर ऑब्जर्वेशन में रखा गया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। मार्केट रेगुलेटर बॉडी सेबी ने प्रमुख और अग्रणी Edible oil कंपनी Adani Wilmar Ltd (AWL) के द्वारा प्रस्तावित 4,500 करोड़ रुपये की शुरुआती शेयर बिक्री पर रोक लगा दी है। हालांकि सेबी ने इससे आगे कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है। इस कंपनी ने Initial Public Offering (IPO) के माध्यम से बाजार से धन जुटाने के उद्देश्य से 3 अगस्त को सेबी के पास अपने प्रारंभिक दस्तावेज दाखिल किए थे। 13 अगस्त को सेबी की वेबसाइट पर उपलब्ध अपडेट के अनुसार बिना किसी कारण का खुलासा करते हुए सेबी ने कहा है कि, " Adani Wilmar IPO के मामले में ईश्यू को रोक कर ऑब्जर्वेशन में रखा गया है।"
स्टॉक एक्सचेंज पर AWL के द्वारा प्रस्तावित लिस्टिंग में कंपनी के द्वारा 4,500 करोड़ रुपये (लगभग 600 मिलियन अमरीकी डालर) तक की राशि के लिए नए इक्विटी शेयरों को फ्रेश ईश्यू के तौर पर IPO के तहत शामिल किया जाएगा।
अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी Adani Enterprises Ltd (AEL) की तरफ से नियामकीय फाइलिंग करते वक्त बताया गया कि, कंपनी के द्वारा किसी भी तरह की सेकेंड्री ऑफरिंग नहीं की जाएगी। यह कंपनी Fortune brand के तहत Edible oil बेचने वाली एक प्रमुख कंपनी है।
AWL के द्वारा IPO लाने का प्रमुख उद्देश्य कैपिटल एक्सपेंडीचर को फंड देना और मैन्युफैक्चरिंग सुविधाओं को बढ़ाना है। इसके अलावा इसके जरिए हासिल हुए फंड को नई मैन्युफैक्चरिंग सुविधाओं, उधार चुकाने, फंड से जुड़ी रणनीतियों के अधिग्रहण और निवेश के साथ साथ सामान्य कॉर्पोरेट पर्पज जैसे कार्यों के लिए प्रयोग किया जाएगा।
AWL के तहत अडॉनी ग्रुप और Wilmar ग्रुप की 50-50 फीसद की हिस्सेदारी शामिल है। फिलहाल अडानी समूह की छह कंपनियां घरेलू शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हैं। इसमें AELके अलावा, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी पावर, अडानी टोटल गैस, और अडानी पोर्ट्स और Special Economic Zone शामिल हैं।