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Reliance Future डील में 4 हफ्ते नहीं होगी कोई कार्रवाई, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

reliance future retail चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने आम सहमति से दिए आदेश में राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) और बाजार नियामक सेबी जैसे वैधानिक प्राधिकरणों को भी निर्देश दिया कि वे अगले चार सप्ताह कोई अंतिम आदेश पारित न करें।

By Ashish DeepEdited By: Published: Thu, 09 Sep 2021 02:29 PM (IST)Updated: Thu, 09 Sep 2021 02:29 PM (IST)
Reliance Future डील में 4 हफ्ते नहीं होगी कोई कार्रवाई, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
मध्यस्थ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले में अंतिम फैसला सुरक्षित रखा है। (Pti)

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। Supreme Court ने गुरुवार को फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) को रिलायंस रिटेल (Reliance retail) के साथ विलय सौदे पर आगे बढ़ने से रोकने वाले सिंगापुर के आपातकालीन मध्यस्थ के फैसले को लागू करने के संबंध में दिल्ली हाईकोर्ट में चल रही सभी कार्रवाई पर 4 हफ्ते के लिए रोक लगा दी। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने आम सहमति से दिए आदेश में राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT), भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) और बाजार नियामक सेबी जैसे वैधानिक प्राधिकरणों को भी निर्देश दिया कि वे अगले चार सप्ताह विलय सौदे से संबंधित कोई अंतिम आदेश पारित न करें।

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पीठ ने एफआरएल और फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड (एफसीपीएल) की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी की दलीलों पर विचार किया कि मध्यस्थ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले में अंतिम फैसला सुरक्षित रखा है।

विलय को चुनौती देने वाली अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी Amazon की ओर से वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा कि उसकी एफआरएल, एफसीपीएल और उनके निदेशकों के खिलाफ किसी दंडात्मक कार्रवाई में कोई दिलचस्पी नहीं है और उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में चल रही कार्रवाई पर रोक लगाने के आदेश से सहमति जताई।

एफआरएल और एफसीपीएल ने 17 अगस्त के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ शीर्ष न्यायालय का रुख किया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि वह आपातकालीन मध्यस्थ के आदेश के अनुसार एफआरएल को सौदे के साथ आगे बढ़ने से रोकने वाले अपने एकल जज के पिछले आदेश को लागू करेगा। कोर्ट ने संपत्तियों को कुर्क करने का भी आदेश दिया था।

Amazon ने फ्यूचर समूह को पिछले साल अक्टूबर में सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एसआईएसी) में मध्यस्थता के लिए घसीटा था और तर्क दिया था कि एफआरएल ने उसके प्रतिद्वंद्वी रिलायंस के साथ सौदा करके उनके अनुबंध का उल्लंघन किया था।


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