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Credit card, Debit card के लिए आज से बदल जाएंगे ये नियम, जानिए आप पर क्या होगा इसका असर

credit and debit card rules to be effective from 1st October ये बदलाव 1 अक्टूबर 2020 से प्रभावी होंगे। RBI ने कार्ड लेनदेन की सुरक्षा और सुविधा में सुधार के लिए डेबिट और क्रेडिट कार्ड के लिए नए नियम जारी किए हैं।

By NiteshEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 07:00 AM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 09:00 AM (IST)
Credit card, Debit card के लिए आज से बदल जाएंगे ये नियम, जानिए आप पर क्या होगा इसका असर
credit and debit card rules to be effective from 1st October

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। बैंकिंग धोखाधड़ी के मामलों में वृद्धि को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने डेबिट और क्रेडिट कार्ड को सुरक्षित करने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। ये बदलाव 1 अक्टूबर 2020 से प्रभावी होंगे। RBI ने कार्ड लेनदेन की सुरक्षा और सुविधा में सुधार के लिए डेबिट और क्रेडिट कार्ड के लिए नए नियम जारी किए हैं।

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नए दिशानिर्देशों के अनुसार, कार्ड उपयोगकर्ता अब अंतरराष्ट्रीय लेनदेन, ऑनलाइन लेनदेन के साथ-साथ संपर्क रहित कार्ड लेनदेन के लिए प्राथमिकताएं (ऑप्ट-इन या सेवाओं से ऑप्ट-आउट, खर्च की सीमाएं आदि) दर्ज कर सकेंगे। इसलिए, बैंकों द्वारा जारी किए गए डेबिट और क्रेडिट कार्ड केवल एटीएम और बिक्री बिंदु (पीओएस) टर्मिनलों पर घरेलू लेनदेन के लिए सक्षम होंगे। बैंक मौजूदा कार्ड को निष्क्रिय कर सकते हैं और जोखिम की धारणा के आधार पर उन्हें फिर से जारी कर सकते हैं।

RBI ने सभी बैंकों और अन्य कार्ड जारी करने वाली कंपनियों को सभी डेबिट और क्रेडिट कार्ड की ऑनलाइन भुगतान सेवाओं को निष्क्रिय करने के लिए कहा है, जिनका उपयोग भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन या संपर्क रहित लेनदेन के लिए कभी नहीं किया गया है। यदि कार्डधारक भारत के बाहर क्रेडिट या डेबिट कार्ड का उपयोग करना चाहता है, तो उन्हें बैंक से अंतरराष्ट्रीय लेनदेन सक्षम करने के लिए कहना होगा। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि नई सुविधा से कार्ड क्लोनिंग से धोखाधड़ी कम होगी। 

कार्डधारकों NFC (संपर्क रहित) सुविधा को सक्षम और अक्षम कर सकते हैं, जिसमें मौजूदा समय में बिना पिन के 2,000 रुपये प्रतिदिन की सीमा है। कार्डधारक विभिन्न लेनदेन पर भी एक सीमा निर्धारित कर सकेंगे। 

कार्डधारकों के लिए लाभ: अंतरराष्ट्रीय खर्चों का प्रबंधन: कई अंतरराष्ट्रीय ई-कॉमर्स वेबसाइटें न तो सीवीवी पिन मांगती हैं और न ही लेनदेन की पुष्टि करने के लिए वन-टाइम-पासवर्ड (ओटीपी) भेजती हैं। इस नए कदम से या तो अंतरराष्ट्रीय उपयोग प्रतिबंधित होगा नहीं तो लेनदेन को सुरक्षित करना सुनिश्चित करना होगा।

वित्तीय अनुशासन: ये सुविधाएं उपयोगकर्ताओं को लेन-देन के प्रकार से खर्च करने की अनुमति देंगी। 


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