PM Fasal Bima Yojana: किसान आखिरी तारीख से पहले इस योजना में कराएं नामांकन, संकट काल में आएगी काम
PM Fasal Bima Yojana कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मौजूदा खरीफ 2020 सीजन के लिए अंतिम तारीख 31 जुलाई 2020 है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को किसानों से कहा है कि वे अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदाओं के कारण खरीफ की फसल को होने वाले नुकसान से सुरक्षा के लिए अंतिम तारीख से पहले प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में रजिस्ट्रेशन करवा लें। तोमर ने कहा कि खरीफ 2020 सीजन के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों का नामांकन का काम पूरे देश में जोरों पर चल रहा है और वे अधिक से अधिक किसानों से इस योजना का लाभ उठाने का निवेदन करते हैं।
कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मौजूदा खरीफ 2020 सीजन के लिए अंतिम तारीख 31 जुलाई 2020 है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने उन सभी किसानों के लिए नामांकन निःशुल्क कर दिया है, जिन्हें केवल एक प्रीमियम राशि का भुगतान करने की आवश्यकता है।
खुशहाल किसान ही समृद्ध भारत की पहचान है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को स्वैक्षिक कर दिया गया है, परन्तु मेरा सभी किसान भाइयों से अनुरोध है कि वे अपनी भलाई, अपना कल्याण और अपनी आजीविका की सुरक्षा के लिए फसल बीमा अवश्य कराएं।https://t.co/RKN1wjVYiW" rel="nofollow — Narendra Singh Tomar (@nstomar) July 17, 2020
कृषि मंत्री ने कहा, 'कोरोना महामारी के इस दौर में भी देश के किसान खेतों में अपना पसीना बहा रहे हैं। उनकी इस मेहनत से ही आज देश अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर बना है और आगे भी बना रहेगा। भारत सरकार ने प्राकृतिक आपदा से फसलों को होने वाले नुकसान से किसानों को राहत देने के लिए साल 2016 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना आरंभ की थी। सरकार की विकास नीति व योजना के कार्यान्वयन के चलते इस योजना में समय-समय पर उचित बदलाव भी किये गए।'
उन्होंने आगे कहा, 'इस योजना में बहुत कम प्रीमियम पर किसानों को फसल बीमा मुहैया कराया जाता है। प्रीमियम का शेष हिस्सा भारत सरकार प्रदान करती है और राज्य सरकारें भी इसमें योगदान करती हैं। खरीफ-2020 सीजन से इस योजना को किसानों के लिए स्वैच्छिक कर दिया गया है, परन्तु मेरा सभी किसान भाइयों से अनुरोध है कि वे अपनी भलाई, अपना कल्याण और अपनी आजीविका की सुरक्षा के लिए फसल बीमा अवश्य कराएं। यह संकट काल में किसानों के लिए वरदान सिद्ध होता है। लॉकडाउन के दौरान इस योजना के तहत 8,090 करोड़ रुपये से अधिक के दावों का भुगतान किया गया है।
तोमर ने कहा, 'पिछले तीन सालों में इस योजना में 13,000 करोड़ रुपये का प्रीमियम जमा हुआ है, लेकिन जब प्राकृतिक आपदा आई, तो किसानों को प्रीमियम से साढ़े 4 गुनी राशि करीब 64,000 करोड़ रुपये मुआवजा के रूप में प्राप्त हुआ।' तोमर ने बताया कि प्रीमियम की हिस्सेदारी में कोई बदलाव नहीं हुआ है। यह खरीफ फसल के लिए 2 फीसद, रबी फसल के लिए 1.5 फीसद और व्यावसायिक व बागवानी फसलों के लिए अधिकतम 5 फीसद है।