Move to Jagran APP

नीति आयोग ने जारी की एक्सपोर्ट प्रिपेयर्डनेस इंडेक्स, गुजरात पहले, महाराष्ट्र दूसरे और तमिलनाडु तीसरे नंबर पर आया

NITI Aayog India Export Report रिपोर्ट में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ और झारखंड दो ऐसे मैदानी राज्य हैं जिन्होंने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के कदम उठाए हैं।

By Vineet SharanEdited By: Published: Sat, 29 Aug 2020 11:25 AM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2020 07:06 AM (IST)
नीति आयोग ने जारी की एक्सपोर्ट प्रिपेयर्डनेस इंडेक्स, गुजरात पहले, महाराष्ट्र दूसरे और तमिलनाडु तीसरे नंबर पर आया
नीति आयोग ने जारी की एक्सपोर्ट प्रिपेयर्डनेस इंडेक्स, गुजरात पहले, महाराष्ट्र दूसरे और तमिलनाडु तीसरे नंबर पर आया

नई दिल्ली, अनुराग मिश्र/पीयूष अग्रवाल। नीति आयोग ने राज्यों की निर्यात तैयारी को लेकर ‘एक्सपोर्ट प्रिपेयर्डनेस इंडेक्स’ तैयार किया है। इस रिपोर्ट को तैयार करने का मकसद भारत के राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के एक्सपोर्ट इकोसिस्टम का जायजा लेना है। यह पहला इंडेक्स है, जो एक्सपोर्ट की तैयारी के आकलन के लिए बनाया गया है। इस रिपोर्ट को बनाते समय राज्यों की अलग-अलग नीतियों को भी ध्यान में रखा गया है।

loksabha election banner

नीति आयोग की एक्सपोर्ट प्रिपेयर्डनेस इंडेक्स रिपोर्ट में एक्सपोर्ट के महत्व और इकोनॉमी को नया आकार देने में उसके योगदान के बारे में बताया गया है। साथ ही क्षेत्रीय स्तर पर एक्सपोर्ट की प्रतिस्पर्द्धा का भी जिक्र किया गया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि एक्सपोर्ट के मामले में भारत को वियतनाम, कंबोडिया, लाओस और फिलीपींस जैसे मुल्कों से टक्कर मिल रही है।

एक्सपोर्ट प्रिपेयर्डनेस इंडेक्स में गुजरात पहले नंबर पर है। इसके बाद महाराष्ट्र और तमिलनाडु का नंबर आता है। भूमि से घिरे राज्यों में राजस्थान अव्वल है, जबकि पर्वतीय राज्यों में उत्तराखंड पहले स्थान पर है। केंद्रशासित प्रदेशों में दिल्ली सबसे बेहतर है।

इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना इस मामले में शीर्ष पांच राज्य हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ और झारखंड दो ऐसे मैदानी राज्य हैं, जिन्होंने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के कदम उठाए हैं। इस इंडेक्स में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को चार मुख्य पैमानों (नीति, कारोबारी माहौल, निर्यात का माहौल और निर्यात का प्ररदर्शन) और 11 उप-पैमानों पर आंका गया है। उप-पैमानों में एक्सपोर्ट प्रमोशन पॉलिसी, एक्सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, एक्सेस टू फाइनेंस, ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी और एक्सपोर्ट डायवर्सिफिकेशन भी शामिल हैं।

कोरोना की वजह से भारत का एक्सपोर्ट अप्रैल में 60 प्रतिशत तक कम हो गया। भारत का मर्केंडाइज एक्सपोर्ट 2016- 2017 में 275.9 बिलियन डॉलर था। 2017-18 में बढ़कर यह 303.5 बिलियन डॉलर हो गया। इसी तरह, 2018-19 में बढ़कर यह 331.0 बिलियन डॉलर हो गया।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि निर्यात, आत्मनिर्भर भारत का अभिन्न हिस्सा है और देश की जीडीपी तथा विश्व व्यापार में निर्यात हिस्सेदारी बढ़ाने के प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि हम आने वाले वर्षों में विश्व व्यापार में भारत का हिस्सा दोगुना करने का प्रयास करेंगे।

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि दीर्घावधि में आर्थिक विकास के लिए निर्यात में तेज वृद्धि बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अनुकूल इको-सिस्टम किसी देश को ग्लोबल वैल्यू चेन में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए तैयार करने और एकीकृत उत्पादन नेटवर्क का लाभ उठाने में समक्ष बनाता है।

सबसे ज्यादा कारोबार करने वाले राज्य सबसे ज्यादा अमीर

सर्वे में यह पाया गया कि जो राज्य सबसे ज्यादा ट्रेड करते हैं, वे सबसे ज्यादा प्रतिस्पर्धी भी हैं और उनका ट्रेड सरप्लस सबसे ज्यादा है। इसमें यह भी पाया गया कि जो राज्य दूसरे देशों और दूसरे राज्यों के साथ सबसे ज्यादा व्यापार करते हैं, वे सबसे ज्यादा समृद्ध हैं। इकोनॉमिक सर्वे की रिपोर्ट कहती है कि 70 प्रतिशत एक्सपोर्ट 5 राज्यों से होता है, जिनमें गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और तेलंगाना शामिल हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.