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एनबीएफसी संकट कंपनियों की घटना है, सिस्टेमेटिक जोखिम नहीं : निमेश शाह

डेट पेपर्स को लेकर जो भी चिंता है या सवाल उठ रहे हैं वह चुनिंदा फंड हाउसों की किसी विशेष स्कीम को लेकर है न कि पूरी म्‍युचुअल फंड इंडस्ट्री को लेकर

By Manish MishraEdited By: Published: Fri, 21 Jun 2019 03:16 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jun 2019 06:01 PM (IST)
एनबीएफसी संकट कंपनियों की घटना है, सिस्टेमेटिक जोखिम नहीं : निमेश शाह
एनबीएफसी संकट कंपनियों की घटना है, सिस्टेमेटिक जोखिम नहीं : निमेश शाह

नई दिल्‍ली (मनीश कुमार मिश्र)। हाल के समय में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के क्षेत्र में जो संकट दिखा है वह कोई सिस्टेमेटिक रिस्क नहीं है, बल्कि व्यक्तिगत कंपनियों का अलग-अलग संकट है। ध्यान देनेवाली बात यह है कि डेट पेपर्स को लेकर जो भी चिंता है, या सवाल उठ रहे हैं वह चुनिंदा फंड हाउसों की किसी विशेष स्कीम को लेकर है, न कि पूरी म्‍युचुअल फंड इंडस्ट्री को लेकर। यह बात आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल असेट मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (एमडी एवं सीईओ) तथा AMFI के चेयरमैन निमेश शाह ने कही।

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निमेश शाह ने कहा कि अगर हम 13 जून के आधार पर देखें तो फाइनेंशियल इंडेक्स ने 16.26 फीसदी का रिटर्न दिया है जो बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी की तुलना में अधिक है और पिछले एक साल में यह रिटर्न 9.74 फीसद रहा है। हमारा यह मानना है कि निवेश के फैसले में क्रेडिट रेटिंग जरूर एक अहम कारक है लेकिन पूरे फैसले के लिए एकमात्र निर्धारक (डिटरमिनेंट) नहीं है। हमारे क्रेडिट फैसले के मामले में दो महत्वपूर्ण सिद्धांत हैं। जिसमें से एक ग्राहकों का चयन और दूसरा एकाग्रता से बचने का। यह अनुशासन हमें इसमें मदद करता है कि पूरी तरह से हम क्रेडिट रेटिंग पर विश्वास न करें और साथ ही संभावित संकटों से भी बच सकें।

शाह का कहना है कि उधार लेने वालों (बॉरोवरों) ने कम अवधि वाली उधारी लेकर लंबे समय तक के लिए फाइनेंस किया और इस कारण तरलता में दिक्कत आ गई जिससे रीफाइनेंस उपलब्‍ध करने के जोखिम में वृद्धि हुई। हालांकि, बॉरोवर इन मुद्दों को सुलझाने के लिए कदम उठा रहे हैं और शॉर्ट टर्म के साधनों वाले फंडिंग पर अपनी अधिक निर्भरता को कम कर रहे हैं।

निमेश शाह कहते हैं कि हमने क्रेडिट की घटनाओं को व्यवस्थित तरीके से देखा है और उसमें से कुछ क्रेडिट के मुद्दों को सुलझाया जा चुका है और कुछ सुलझने की प्रक्रिया में हैं। चूंकि डेट म्‍युचुअल फंड को लेकर ढेर सारी नकारात्मक खबरें आती रही हैं, इसलिए डेट म्‍युचुअल फंड में निवेश का माहौल निगेटिव हो गया है। इस पूरे मामले में जो सबसे बड़ा डेवलपमेंट हुआ है, वह यह कि डेट फंड्स में जोखिम प्रबंधन और पोर्टफोलियो के डाय‍वर्सिफिकेशन पर फोकस बढ़ गया है। इन घटनाओं ने इस पर भी फोकस किया है कि इक्विटी निवेश में उतार-चढ़ाव इसका एक हिस्सा है। रेटिंग अपग्रेड और डाउनग्रेड क्रेडिट निवेश का एक हिस्सा है।

निमेश शाह ने कहा कि फाइनेंशियल इकोसिस्टम के लिए एनबीएफसी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसके तहत कंपनियों की ढेर सारी वेराइटीज हैं, जिसमें से कुछ मजबूत कॉर्पोरेट या बैंकों से जु़ड़ी हुई हैं। उदाहरण के तौर पर, कुछ कंपनियां ऐसी हैं जो दोपहिया, तीन पहिया और चार पहिया वाले वाहनों के क्षेत्र में, हाउसिंग फाइनेंस, इंफ्रा फाइनेंस, सोने के एवज में कर्ज देने आदि के क्षेत्र में हैं। इन सभी कंपनियों की प्रक्रिया एक अलग बिजनेस मॉडल का पालन करती हैं।

शाह ने कहा कि हमारा मानना है कि अगर अच्छी तरह से प्रबंधित एनबीएफसी के पेपरों में निवेश किया जाए तो वर्तमान संकट डरानेवाला नहीं है। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी ने अपना एक्सपोजर उन एनबीएफसी में बढ़ाया है जो बैंकों या मजबूत कॉर्पोरेट समूहों द्वारा स्थापित की गई हैं। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी में हमारे जोखिम प्रबंधन की अच्छी प्रक्रियाओं ने हमें आज तक अच्छी स्थिति में रखा है। लेकिन,  इंडस्ट्री के रूप में,  मौजूदा डेट बाजार की स्थिति ने मजबूत जोखिम प्रबंधन के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया है।

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