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ITR 2018: करने जा रहे हैं रिटर्न फाइल, इन बातों का जरूर रखें ध्यान

ITR 2018 फाइल करते समय इन बातों का जरूर रखें ध्यान, जानिए

By Surbhi JainEdited By: Published: Thu, 12 Jul 2018 05:46 PM (IST)Updated: Sun, 15 Jul 2018 08:05 AM (IST)
ITR 2018: करने जा रहे हैं रिटर्न फाइल, इन बातों का जरूर रखें ध्यान
ITR 2018: करने जा रहे हैं रिटर्न फाइल, इन बातों का जरूर रखें ध्यान

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। जिन नौकरीपेशा लोगों की आमदनी 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है उन्हें वित्त वर्ष 2017-18 के लिए आयकर रिटर्न जरूर दाखिल करना चाहिए। जानकारी के लिए बता दें कि रिटर्न फाइलिंग की अंतिम तारीख 31 जुलाई, 2018 है। इस तारीख तक रिटर्न न फाइल करने पर आपको 5000 रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। इस खबर में आपको कर देनदारी और बचत संबंधी जानकारी दी जा रही है, जो निश्चित तौर पर आपकी मदद करेगी।

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एनपीएस में निवेश पर कर छूट-

आयकर कानून 1961 के तहत व्यक्ति 1.5 लाख रुपये के निवेश पर कर की बचत कर सकता है। आपको बता दें कि नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में निवेश पर टैक्स छूट इस सीमा से अलग है। यदि आप आयकर कानून के सेक्शन 80सीसीडी (1बी) के तहत एनपीएस में 50,000 रुपये तक का निवेश करते हैं तो आपको अलग से टैक्स छूट मिलती है।

बच्चों की ट्यूशन फीस पर कर की बचत-

आयकर कानून के सेक्शन 80सी के तहत बच्चों की ट्यूशन फीस पर भी टैक्स छूट मिलती है। हर साल अधिकतम दो बच्चों की ट्यूशन फीस पर यह छूट मिलती है। इसके लिए स्कूल ओर से दिये जाने वाले ट्यूशन फीस सर्टिफिकेट की जरूरत होती है। जानकारी के लिए बता दें कि सेक्शन 80सी के तहत आने वाला एकमात्र खर्च है जो निवेश दायरे से बाहर है। यह टैक्स बचत सेक्शन 80सी के अंतर्गत आने वाली कुल सीमा जो 1.5 लाख रुपये है, के अंदर ही है।

31 जुलाई तक रिटर्न न भरने पर लगता है जुर्माना

वित्त वर्ष 2017-18 की इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग की अंतिम तारीख 31 जुलाई, 2018 है। पांच लाख रुपये से अधिक आय की स्थिति में इस तारीख से एक दिन की भी देरी होने पर 5000 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ेगा। यदि आपकी आय पांच लाख रुपये से कम है तो एक हजार रुपये की पेनाल्टी है। वहीं, 31 दिसंबर तक भी आईटीआर न फाइल करने पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना है।

बैंक खातों का उल्लेख

आईटीआर फाइलिंग के दौरान अपने सभी बैंक खातों का उल्लेख अनिवार्य है। इसलिए रिटर्न दाखिल करते हुए पहले ही जानकारी जुटाकर रख लें ताकि फाइलिंग में दिक्कत न आए।

आधार-पैन की लिंकिंग-

इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग के लिए पैन और आधार की लिंकिंग जरूरी है। इसलिए अगर आपने अब तक लिंक नहीं कराया तो करा लें। लिंकिंग के बाद आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर वेरिफिकेशन के लिए ओटीपी आएगा।

टैक्स कटौती का कर लें मिलान-

अगर इनकम टैक्स में कटौती की सही रकम देखना चाहते हैं तो आयकर विभाग की वेबसाइट से फॉर्म 26एएस को डाउनलोड कर लें। इसमें आपके पैन नंबर के आधार पर काटे गये सभी टैक्स का उल्लेख होता है। अगर आप नौकरीपेशा हैं तो फॉर्म 16 में आपको स्रोत पर कर कटौती (टीसीएस) की जानकारी हासिल कर सकते हैं।


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