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आबो हवा को शुद्ध बनाने के लिए Indian oil का मेगा प्‍लान, इस ऊर्जा से चलेंगे वाहन

भारत की सबसे बड़ी तेल कंपनी आईओसी (Indian Oil corp) भविष्य में स्वच्छ ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अपनी मथुरा रिफाइनरी में देश का पहला ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र (green hydrogen plant Project) स्थापित करेगी।

By Ashish DeepEdited By: Published: Tue, 20 Jul 2021 04:04 PM (IST)Updated: Tue, 20 Jul 2021 04:04 PM (IST)
आबो हवा को शुद्ध बनाने के लिए Indian oil का मेगा प्‍लान, इस ऊर्जा से चलेंगे वाहन
प्‍लांट में 250 मेगावाट बिजली का उपयोग करेगी कंपनी। (Pti)

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। भारत की सबसे बड़ी तेल कंपनी आईओसी (Indian Oil) भविष्य में स्वच्छ ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अपनी मथुरा रिफाइनरी में देश का पहला ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र (green hydrogen plant) स्थापित करेगी। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) के अध्यक्ष श्रीकांत माधव वैद्य ने कहा कि कंपनी ने एक रणनीतिक वृद्धि योजना तैयार की है, जिसका मकसद अगले 10 साल में पेट्रोकेमिकल्स, हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में पैठ बनाने के साथ ही अपने मुख्य रिफाइनिंग और ईंधन विपणन व्यवसायों पर ध्यान केंद्रित करना है।

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उन्होंने एक साक्षात्कार में बताया कि कंपनी अपनी भविष्य की सभी रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल विस्तार परियोजनाओं में कैप्टिव बिजली संयंत्र स्थापित नहीं करेगी और इसके बजाय सौर ऊर्जा जैसे नवीकरणीय स्रोतों से पैदा होने वाली 250 मेगावाट बिजली का उपयोग करेगी।

राजस्थान में एक पवन ऊर्जा परियोजना

उन्होंने कहा कि हमारे पास राजस्थान में एक पवन ऊर्जा परियोजना है। हम उस बिजली को अपनी मथुरा रिफाइनरी तक पहुंचाने का इरादा रखते हैं और उस बिजली का उपयोग इलेक्ट्रोलिसिस के माध्यम से हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए करेंगे।

देश की पहली हरित हाइड्रोजन इकाई

यह देश की पहली हरित हाइड्रोजन इकाई होगी। इससे पहले घोषित परियोजनाएं ग्रे हाइड्रोजन से संबंधित हैं, जहां उत्पादन के लिए प्राकृतिक गैस जैसे जीवाश्म ईंधन का उपयोग किया जा रहा है।

ग्रीन हाइड्रोजन का अधिक से अधिक इस्‍तेमाल होगा

वैद्य ने कहा कि मथुरा को टीटीजेड (ताज ट्रेपेजियम जोन) से इसकी निकटता के आधार पर चुना गया है और भविष्य में रिफाइनरी में कार्बन उत्सर्जक ईंधन की जगह ग्रीन हाइड्रोजन का अधिक से अधिक इस्‍तेमाल होगा। उन्होंने कहा कि हम वर्ष 2023-24 तक अपनी रिफाइनरी क्षमता को 2.5 करोड़ टन बढ़ाने जा रहे हैं। सीपीसीएल सहित अब हमारी क्षमता 8.05 करोड़ टन हैं, हम 10.5 करोड़ टन होने जा रहे हैं।

हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन होगा

वैद्य ने कहा कि आईओसी कार्बन कैप्चर, उपयोग और भंडारण प्रौद्योगिकियों पर शोध बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन होगा और इसलिए आईओसी पायलट आधार पर कई हाइड्रोजन उत्पादन इकाइयां स्थापित करने की योजना बना रही है।


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