Iffco के Urea का विदेश में डंका, अर्जेंटीना में लगाएगा नैनो यूरिया Plant
सहकारी क्षेत्र की प्रमुख खाद कंपनी इफको (Iffco) ने बुधवार को कहा कि वह अर्जेंटीना में दो एजेंसियों- आईएनएईएस और कूपरर के साथ साझेदारी में तरल नैनो यूरिया विनिर्माण संयंत्र की स्थापना करेगी। Iffco ने इसे बीते दिनों ही विकसित किया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सहकारी क्षेत्र की प्रमुख खाद कंपनी इफको (Iffco) ने बुधवार को कहा कि वह अर्जेंटीना में दो एजेंसियों- आईएनएईएस और कूपरर, के साथ साझेदारी में तरल नैनो यूरिया विनिर्माण संयंत्र की स्थापना करेगी। कंपनी ने एक बयान में कहा कि इफको, आईएनएईएस और कूपरर ने इस संबंध में एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
बता दें कि IFFCO ने ऐसा Urea तैयार किया है जो एक बोतल में समा जाता है। 50 किग्रा की एक बोरी Urea की जगह मात्र आधा लीटर Nano Urea (तरल) काफी होगा। इस नैनो तरल यूरिया का विकास गुजरात के कलोल में स्थित इफको नैनो जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान केंद्र में किया गया है। इफको की 50वीं आमसभा की बैठक में विश्व की पहली नैनो यूरिया को पेश किया गया, जो किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है।
Iffco के अनुसार तीनों पक्ष मिलकर अर्जेंटीना में नैनो यूरिया उर्वरक विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने की व्यवहार्यता का पता लगाएंगे। इससे पहले Iffco ने ऐसा ही एक एमओयू ब्राजील के सहकारिता संगठन ओसीबी के साथ किया था।
भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (Iffco) ने 31 मई को तरल रूप में दुनिया का पहला नैनो यूरिया पेश किया था और चालू महीने में इसका उत्पादन भी शुरू हो गया।
ताजा एमओयू पर कूपरर के अध्यक्ष एरियल ग्वार्को, आईएनएईएस के अध्यक्ष एलेक्जेंडर रोइग और इफको के विपणन निदेशक योगेंद्र कुमार ने एक आभासी बैठक में हस्ताक्षर किए।
तरल नैनो यूरिया को गुजरात के कलोल में स्थित इफको के नैनो जैवप्रौद्योगिकी शोध केंद्र (एनबीआरसी) में स्वदेशी तकनीक के आधार पर विकसित किया गया है और यह पारंपरिक यूरिया के मुकाबले सस्ती है।