पैसे की वजह से बच्चा विदेश पढ़ने नहीं जा पा रहा, इन चार बातों पर करें गौर
हम इस खबर में कुछ ऐसी बातें बता रहे हैं जिनकी मदद से आपको वित्तीय संकट से राहत मिलेगी।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अपने बच्चे को विदेश में पढ़ने के लिए भेजना अधिकांश माता-पिता के लिए कठिन कार्य है। इसमें सबसे बड़ी अड़चन पैसों की आती है। कई बार ऐसा होता है कि माता-पिता आजीवन कमा लें फिर भी वो अपने बच्चे को विदेश में पढ़ने के लिए नहीं भेज पाते। हालांकि, वित्तीय संकट से निकलने के लिए आप सही वक्त पर सही प्लानिंग करके अपने बच्चे को विदेश में पढ़ने के लिए भेज सकते हैं। हम इस खबर में कुछ ऐसी बातें बता रहे हैं जिनकी मदद से आपको वित्तीय संकट से राहत मिलेगी।
कुल कितने खर्च आएंगे इसका अनुमान लगाएं
पहले यह तय कर लें कि वहां भेजने का कुल खर्च कितना आएगा। इसके बाद पूरे पाठ्यक्रम का खर्च जिसमें ट्यूशन शुल्क, रहने के लिए खर्च, यात्रा खर्च अन्य विविध शुल्क पर विचार करें। इससे अनुमानित राशि की जानकारी मिलेगी। जब तक आपका बच्चा पढ़ने के लिए विदेश भेजने योग्य हो जाएगा तब तक आप इस राशि को इकठ्ठा कर सकते हैं।
पैसा का स्रोत क्या होगा
आपको यह सोचना है कि पैसा कैसे जुटाएं। धन का स्रोत क्या होगा। हालांकि इसके लिए आपके पास एजुकेशन लोन का भी ऑप्शन है। लेकिन, बहुत सारे ऋणदाता पाठ्यक्रम की लागत का लगभग 85% ही फंड करते हैं, इसके बाद बचे 15 फीसद धन का जुगाड़ आपको खुद करना होगा। इसके लिए आप चाहें तो म्यूचुअल फंड एसआईपी में समय पर निवेश करके फंड जोड़ सकते हैं और बाकी बचे रकम के लिए एजुकेशन लोन ले सकते हैं।
जल्द निवेश शुरू करें
आप जितनी जल्दी निवेश करना शुरू करेंगे उतना ही बेहतर होगा। इससे आप अधिक संख्या में राशि इकठ्ठा कर लेंगे। अगर वहीं आप निवेश में देरी करेंगे तो आपने प्लानिंग के जरिए जो टारगेट सेट किया है उस तक पहुंचने में देरी हो जाएगी। हो सकता है इससे आप अधिक तनाव में चले जाएं।
समय-समय पर निवेश की समीक्षा करें
माता-पिता को अपने निवेश पर साल में कम से कम एक या दो बार जरूर समीक्षा करनी चाहिए। इसे अपने आदत में भी शुमार करना चाहिए कि समय-समय पर निवेश की समीक्षा की जाए। इससे आपको निवेश पर क्या कुछ फायदा नुकसान हो रहा है इसके बारे में जानने में मदद मिलेगी।