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नाबालिग के नाम पर पीपीएफ अकाउंट खोलने के ये 5 फायदे जानते हैं आप

पीपीएफ के नियमों के कोई भी व्यक्तिगत निवेशक किसी नाबालिग के नाम पर भी पीपीएफ खाता खुलवा सकता है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 06:34 PM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 08:23 PM (IST)
नाबालिग के नाम पर पीपीएफ अकाउंट खोलने के ये 5 फायदे जानते हैं आप
नाबालिग के नाम पर पीपीएफ अकाउंट खोलने के ये 5 फायदे जानते हैं आप
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) एक सबसे सफल निवेश विकल्प है जिसमें कोई भी इंडिविजुअल (व्यक्तिगत) या नौकरीपेशा अपना खाता खुलवा सकता है। यह लंबी अवधि के लिए निवेश करने वालों के लिए एक शानदार विकल्प है जिसमें टैक्स फ्री रिटर्न मिलता है। यह 15 वर्ष की एक निवेश योजना होती है जिस पर फिलहाल 8 फीसद की दर से ब्याज मिल रहा है। इस योजना के अंतर्गत कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं जिनका फायदा आप उठा सकते हैं।

जानकारी और पीपीएफ के नियमों के कोई भी व्यक्तिगत निवेशक किसी नाबालिग के नाम पर भी पीपीएफ खाता खुलवा सकता है। ऐसे करने से आपको काफी सारे फायदे मिल सकते हैं जिसके बारे में हम अपनी इस खबर में जानकारी दे रहे हैं।

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जानिए नाबालिग के नाम पर पीपीएफ खाता खुलवाने पर मिलते हैं कौन से फायदे..

  • जैसा कि यह एक 15 वर्षीय निवेश योजना होती है लिहाजा आपको नाबालिग का बेहद कम उम्र में यह खाता खुलवा देना चाहिए। पूरी अवधि के दौरान हुई कमाई पर ब्याज जोड़ा जाता है। अगर आप नाबालिग का अकाउंट उसके 5 वर्ष की उम्र में खोल देते हैं तो अकाउंट के मैच्योर होने पर मिलने वाली राशि का इस्तेमाल उसकी शिक्षा के लिए किया जा सकता है। एक पीपीएफ खाते में एक वित्त वर्ष के दौरान जमा की जाने वाली 1.5 लाख रुपये तक की अधिकतम राशि कर छूट के दायरे में आती है। यह छूट आयकर की धारा 80C के अंतर्गत मिलती है।
  • पीपीएफ खाता एग्जेम्प्ट- एग्जेम्प्ट- एग्जेम्प्ट श्रेणी में आता है। इस खाते में किए जाने वाले योगदान, उस खाते में जमा राशि पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि तीनों कर छूट के दायरे में आती हैं। यानी 15 वर्ष की अवधि बीत जाने पर इस खाते से की जाने वाली निकासी भी कर छूट के दायरे में आती है।
  • आपका बच्चा अगर चाहे तो अपने खाते को 15 वर्ष की अवधि के बीत जाने के बाद 5 साल के ब्लॉक में इसमें चाहे जितने वर्षों का विस्तार दे सकता है। यह आपके बच्चे को खाते में जमा पैसे पर ब्याज कमाते रहने और या फिर पूरी राशि की निकासी करने की अनुमति देता है।
  • अगर आप अपने बच्चे का कम उम्र में पीपीएफ खाता खुलवा देते हैं तो उसमें बचत की आदत पड़ जाती है और वो अपनी पहली नौकरी से ही बचत की आदत डाल लेता है। यह आदत बाद में उसके काम आती है। अगर नाबालिक बच्चा 15 वर्ष का मैच्योरिटी पीरियड खत्म होने के बाद भी अपना योगदान जारी रखना चाहता है तो उसे आयकर की धारा 80C के अंतर्गत लाभ मिलना जारी रहेगा।
  • खाते के मैच्योर होने के बाद आंशिक निकासी की सुविधा भी एकदम अलग होती है। वैसे तो पीपीएफ खाते में निकासी की सुविधा खाते के 7 वर्ष पूरे कर लेने के बाद मिलती है। वहीं विस्तारित पीपीएफ खातों के लिए निकासी नियम वित्तीय वर्ष में एक बार धन वापस लेने की अनुमति देते हैं, लेकिन यह सब आपके उस नाबालिग बच्चे पर निर्भर करेगा कि क्या उसने इस खाते में विस्तार आगदगे योगदान जारी रखने के लिए किया है या फिर बिना योगदान के। अगर किसी सूरत में पीपीएफ खाते में विस्तार बिना योगदान के किया जाता है तो योगदानकर्ता उपलब्ध बैलेंस के अनुसार कितनी भी राशि की निकासी कर सकता है। लेकिन अगर खाते में योगदान भी जारी रहता है तो 5 साल के लॉक इन पीरियड के दौरान उस खाते में जमा राशि में से सिर्फ 60 फीसद की ही निकासी की जा सकती है।

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