Covid-19 के दौरान 46 फीसद भारतीयों ने अपने घर का खर्च चलाने के लिए लिया उधार का सहारा: रिपोर्ट
रिपोर्ट के अनुसार सामान्य समय के विपरीत कोरोना वायरस महामारी के दौरान लोगों ने अपने दोस्तों और परिवार वालों से उधार लेने को प्राथमिकता दी क्योंकि स्थिति के सामान्य होने पर और नौकरी अथवा वेतन के फिर से सुचारू होने पर उन्हें यहां इसे चुकाने में फ्लेक्सिबिलिटी का आभास हुआ।
नई दिल्ली, पीटीआइ। कोरोना वायरस महामारी के दौरान करीब आधे भारतीय अपने घर का खर्च चलाने के लिए मुख्य रूप से कर्ज की रकम पर निर्भर रहे हैं। एक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। होम क्रेडिट इंडिया ने एक रिपोर्ट में बताया है कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान इंडस्ट्रीज में नौकरियों के जाने और वेतन में कटौती से निम्न-मध्यम आय समूह बुरी तरह प्रभावित हुआ और लोग लोन व उधार लेने को मजबूर हुए।
यह रिपोर्ट एक सर्वे पर आधारित है। इस सर्वे के अनुसार, 46 फीसद उत्तरदाता अपने घर का खर्च चलाने के लिए मुख्य रूप से कर्ज की रकम पर निर्भर रहे। यह सर्वे कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान लोगों के उधार पैटर्न को समझने के लिए सात शहरों के 1,000 उत्तरदाताओं के बीच किया गया था।
सर्वे रिपोर्ट में कहा गया, 'वेतन कटौती और वेतन में देरी का प्रभाव वह बड़ा कारण था, जिसके कारण अधिकांश लोगों ने कर्ज की तरफ रुख किया। 27 फीसद उत्तरदाताओं ने उधार लेने के पीछे अपने पुराने लोन की मासिक किस्तों के पुनर्भुगतान को दूसरा बड़ा कारण बताया।' रिपोर्ट में बताया गया कि 14 फीसद उत्तरदाताओं ने इसलिए उधार लिया, क्योंकि उनकी नौकरी कोरोना वायरस महामारी के दौरान जा चुकी थी।
रिपोर्ट के अनुसार, सामान्य समय के विपरीत, कोरोना वायरस महामारी के दौरान लोगों ने अपने दोस्तों और परिवार वालों से उधार लेने को प्राथमिकता दी, क्योंकि स्थिति के सामान्य होने पर और नौकरी अथवा वेतन के फिर से सुचारू होने पर उन्हें यहां इसे चुकाने में फ्लेक्सिबिलिटी का आभास हुआ।