1 रुपये के नोट से लेकर 100 रुपये के नए नोट तक, जानें इंडियन करेंसी के दिलचस्प तथ्य
भारतीय नोटों का इतिहास बड़ा ही दिलचस्प रहा है, जानिए इसके बारे में
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नोटबंदी के बाद नए भारतीय नोट प्रचलन में आए जैसे कि 500 रुपये, 2000 रुपये, 200 रुपये 50 रुपए, 10 रुपये और अब बैंगनी कलर का 100 रुपये का नोट भी जल्द बाजार में आने वाला है। लेकिन क्या आप जानते हैं, भारत के करेंसी इतिहास से जुड़े कुछ ऐसे दिलचस्प पहलू भी हैं जिन्हें शायद कम लोग ही जानते हैं। हम आज अपनी इस खबर में आपको उन्हीं तथ्यों से रूबरू करवा रहे हैं।
ऐसे हुई नोटों की शुरुआत: नोट के शुरू होने का इतिहास जितना पुराना है इसकी कहानी भी उतनी ही दिलचस्प है। हुआ यूं कि दौर था पहले विश्वयुद्ध का और देश में हुकूमत चल रही थी अंग्रेजों की। उस दौरान एक रुपये का सिक्का चला करता था जो चांदी का हुआ करता था, लेकिन युद्ध के चलते सरकार चांदी का सिक्का ढालने में असमर्थ हो गई थी। इसके बाद ब्रिटिश हुकूमत ने साल 1917 में एक रुपये का नोट जारी किया। इस नोट पर ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम की तस्वीर छपी हुई थी। आरबीआई की वेबसाइट के मुताबिक एक रुपए के नोट की छपाई को 1926 में पहली बार बंद किया गया, क्योंकि इसकी लागत ज्यादा थी।
पाकिस्तान में भी चला गवर्नमेंट ऑफ इंडिया का 1 रुपये का नोट: आजादी के बाद जब दोनों देशों का बटवारा हो गया तब कुछ दिन तक गवर्नमेंट ऑफ इंडिया की प्रिंटिंग वाला 1 रुपये का भारतीय नोट पाकिस्तान में भी चला हालांकि उसमें गवर्नमेंट ऑफ पाकिस्तान की छाप लगाई जाती थी।
पहले इस नोट पर जॉर्ज पंचम की तस्वीर लगती थी। साल 1950 में पहली बार जॉर्ज पंचम की छाप को हटाकर अशोक स्तंब को लगाया गया।
आपको यह बात शायद ही पता हो कि 1 रुपये का नोट भारत सरकार का वित्त मंत्रालय जारी करता है इस पर वित्त सचिव के हस्ताक्षर होते हैं, जबकि बाकी की करेंसी आरबीआई की ओर से जारी की जाती है।
रुपये से पहले भारत में चलते थे 1 पैसे के भी सिक्के: आज की पीढ़ी में शायद ही किसी ने ये सिक्के देखे होंगे।
10 रुपये और 100 रुपये के विशेष नोट: वर्ष 1959 में, भारतीय हज तीर्थयात्रियों के लिए 10 रुपये और 100 रुपये के नोट पर एक विशेष आकृति मुद्रित की गई ताकि सऊदी अरब में स्थानीय मुद्रा के साथ धन विनिमय को कम किया जा सके।
वर्ष 1969 में महात्मा गांधी की जन्म शताब्दी पर एक स्मारक नोट जारी किया गया था। भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी यह यह एकमात्र स्मारक नोट था।
बांग्लादेश मे स्मगल होते थे 1 रुपये और 5 रुपये के सिक्के जानिए क्यों?
एक समय था जब बांग्लादेश में एक रुपये और 5 रुपये के सिक्के बांग्लादेश में रेजर बनाने के लिए स्मगल होते थे।
हर भारतीय नोट में कुछ न कुछ ऐसे चिन्ह होते हैं जो कि भारत से जुड़े हुए हैं, जैसे कि 20 रुपये के नोट पर पीछे की तरफ अंडमान आइसलैंड छपा हुआ है।
चलन में आए 10 रुपये के नए सिक्के: गोल्डन और वाइट कलर कॉम्बिनेशन वाले 10 रुपये के नए सिक्के चलन में आए। इन सिक्कों को लेकर कई बार अफवाहें उड़ीं जिसको लेकर लोगों में इतना भय बैठ गया कि उन्होंने इसे लेना बंद कर दिया। दरअसल कुल फर्जी लोगों ने इसके जाली सिक्के बना डाले थे और आरबीआई ने दो डिजाइन के 10 रुपये के सिक्के जारी किए थे जिसको लेकर कन्फ्यूजन हुआ।
8 नवंबर 2016 को बैन हुए 500 और 1000 के नोट: यह देश के करेंसी इतिहास की एक बड़ी तारीख थी। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए इन नोटों को अमान्य कर दिया। इसके बाद कुछ महीनों तक अफरातफरी का माहौल रहा।
नोटबंदी के बाद दिखे रंगबिरंगे नए नोट: नोटबंदी के बाद माहौल ऐसा था कि सिर्फ 100 रुपये, 50 रुपये, 20 रुपये, 10 रुपये और 5 रुपये के नोट ही चलन में रह गए थे। जिनकी मात्रा बाजार में काफी कम थी। नोटबंदी के तुरंत बाद आरबीआई ने गुलाबी रंग का 2000 रुपये का नया नोट जारी किया जिसको लेकर फुटकर की समस्या आम हो गई। इसके बाद आरबीआई ने 500 रुपये का नया नोट जारी किया। फिर इसके बाद 200 रुपये, 50 रुपये और 10 रुपये के नए नोट भी आ चुके हैं।
100 रुपये का नया नोट: आरबीआई जल्द ही 100 रुपये का नया नोट जारी करने वाला है। जो कुछ ऐसा दिखेगा।
फ्रंट में क्या होगा:
- अंकों में 100 नीचे की तरफ लिखा होगा।
- देवनागरी लिपि में १०० बीच में गांधी जी के चित्र के बाईं ओर अंकित होगा।
- मध्य में गांधी जी की तस्वीर होगी।
- माइक्रो लेटर्स में ‘RBI’, ‘भारत’, ‘India’ और ‘100’ लिखा होगा।
- महात्मा गांधी की तस्वीर के दाईं ओर प्रॉमिस क्लॉज होगा और उसके नीचे गवर्नर के साइन होंगे।
- दाईं तरफ ही अशोक स्तंभ होगा।
सिक्योरिटी फीचर भी पूरी तरह भारतीय: प्रिंटिंग में लगने वाली स्याही भारतीय है और सिक्योरिटी फीचर भी पूरी तरह भारत में ही तैयार किए गए हैं। नोट की एक और खासियत इसमें छपने वाला स्मारक भी है। नोट के पिछले हिस्से में यूनेस्को की विश्वदाय सूची में शामिल गुजरात के पाटण स्थित रानी की बावड़ी नोट दिखाई देगी। आमतौर पर लोगों के बीच कम चर्चित इस ऐतिहासिक इमारत को यूनेस्को ने बावडिय़ों की रानी की उपाधि दी है। गत 10 अप्रैल को ही दैनिक जागरण ने यह खबर प्रकाशित की थी कि सौ रुपये के नोट पर विश्वदाय सूची में शामिल किसी स्मारक की फोटो छापी जाएगी।