Move to Jagran APP

स्पर्धा कानून उल्‍लंघन के मामलों में स्‍वत: संज्ञान लेगा CCI, नहीं करेगा शिकायत का इंतजार

CCI के चेयरमैन अशोक कुमार गुप्ता ने कहा कि स्पर्धा कानूनों के उल्लंघन के मामले में अब आयोग किसी पक्ष से शिकायत का इंतजार नहीं करेगा बल्कि स्वत संज्ञान लेगा

By Manish MishraEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 08:42 AM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 08:42 AM (IST)
स्पर्धा कानून उल्‍लंघन के मामलों में स्‍वत: संज्ञान लेगा CCI, नहीं करेगा शिकायत का इंतजार
स्पर्धा कानून उल्‍लंघन के मामलों में स्‍वत: संज्ञान लेगा CCI, नहीं करेगा शिकायत का इंतजार

नई दिल्ली, पीटीआइ। अनुचित कारोबारी स्पर्धा संबंधी गतिविधियों को खत्म करने के लिए सीसीआइ अब ज्यादा सक्रिय भूमिका में आने को तैयार है। भारतीय स्पर्धा आयोग (सीसीआइ) के चेयरमैन अशोक कुमार गुप्ता ने कहा है कि स्पर्धा कानूनों के उल्लंघन के मामले में अब आयोग किसी पक्ष से शिकायत का इंतजार नहीं करेगा, बल्कि स्वत: संज्ञान लेगा।

loksabha election banner

अब तक देखा गया है कि सीसीआइ उन्हीं मामलों में हस्तक्षेप करता रहा है, जिसकी उससे शिकायत की गई होती है। ऐसे में कई बार शिकायत के अभाव में किसी मामले में बाजार को नुकसान हो भी चुका होता है और सीसीआइ समय रहते ऐसे मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर पाता है। गुप्ता ने कहा कि अब ऐसा नहीं होगा।

सीसीआइ चेयरमैन का कहना था कि सीसीआइ कोई मध्यस्थता इकाई नहीं है, जिसका काम दोनों या सभी पक्षों के बीच महज सुलह करा देना है। सीसीआइ की भूमिका निर्णय देने वाले की है और उसकी पूरी जिम्मेदारी बाजार के हितों की रक्षा करने की है। यही वजह है कि सीसीआइ उन मामलों को भी बंद नहीं करता, जिनमें इसके पक्षकार आपस में मामला सुलझा लेते हैं।

उन्होंने कहा कि अब तक हमने खुद को अपने सामने आने वाले मामलों पर प्रतिक्रिया देने तक सीमित किया हुआ है। लेकिन अब हम यहीं तक सीमित नहीं रहेंगे। 

ऐसे कई मामले हो सकते हैं जहां स्पर्धा संबंधी कानूनों का गंभीर उल्लंघन हो रहा होगा। लेकिन कोई भी पक्ष इसकी सूचना देने में खुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहा होगा। ऐसा करने के पीछे उनके खुद के व्यावसायिक हित हो सकते हैं। हम उन मामलों में अब स्वत: संज्ञान लेंगे।

गुप्ता का यह भी कहना था कि कई मामलों में अतीत की चली आ रही व्यवस्थाएं और हितों के टकराव का पहलू भी सामने आ सकता है। लेकिन इन सबके बारे में संबंधित पक्षों और उद्योगों को उचित जानकारी मुहैया कराई जा सकती है और उन्हें कानून के स्व-पालन को प्रेरित किया जा सकता है। गुप्ता ने कहा कि किसी भी कानून के प्रभावी होने में उसके क्रियान्वयन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.