बैंक रेकरिंग डिपॉजिट और म्युचुअल फंड: कौन है बेहतर, जानिए बड़ी बातें
म्युचुअल फंड एक बेहतर निवेश विकल्प माना जाता है। साल 2017 के दौरान निवेशकों का रुझान म्युचुअल फंड्स की ओर तेजी से बढ़ा था
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सुरक्षित एवं बेहतर रिटर्न की तलाश में रहने वाले लोग अक्सर बैंक रेकरिंग डिपॉजिट (आरडी) या म्युचुअल फंड में निवेश करते हैं। रेकरिंग डिपॉजिट यानी आवर्ती जमा खाता, एक ऐसी सुविधा है जिसमें आप थोड़ा-थोड़ा करके हर महीने निवेश कर सकते हैं। म्युचुअल फंड में भी आप 500 रुपये से निवेश शरू कर सकते हैं। लेकिन म्युचुअल फंड के अपने कुछ खतरे भी हैं। इस खबर में जानते हैं रेकरिंग डिपॉजिट और म्युचुअल फंड दोनों में से निवेश के लिए कौन बेहतर है।
रेकरिंग डिपॉजिट: नियमित सेविंग के लिहाज से रेकरिंग डिपॉजिट को बेहतर निवेश माना जाता है। आरडी पर ब्याज दरें 7.25 फीसद से 9 फीसद तक होती हैं। ये कस्टमर के प्लान और बैंक पर निर्भर करता है। इसमें सबसे बड़ा फायदा यह है कि अधिकांश बैंकों की रेकरिंग डिपॉजिट में निवेश की न्यूनतम सीमा 100 रुपये से शुरू है। वहीं, अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपये तक है। हालांकि ज्यादातर यह सीमा बैंकों पर निर्भर करती है। खाते में पांच से 10,000 हजार रुपए तक मेंटेन रखने होते हैं।
निकासी: बैंक रेकरिंग डिपॉजिट में समय से पहले धन निकासी पर जुर्माना लगता है जबकि म्युचुअल फंड में समय से पहले कोई भी व्यक्ति योजना को बंद कर सकता है और मैच्योरिटी की तारीख से पहले बिना किसी अतिरिक्त शुल्क का भुगतान किए पैसे निकाल सकता है।
म्युचुअल फंड: म्युचुअल फंड एक बेहतर निवेश विकल्प माना जाता है। साल 2017 के दौरान निवेशकों का रुझान म्युचुअल फंड्स की ओर तेजी से बढ़ा था। आमतौर पर निवेशक म्युचुअल फंड में निवेश के दौरान कुछ गलतियां कर देते हैं ऐसे में उन्हें फंड मैनेजर्स की मदद लेनी चाहिए।
रिटर्न: बैंक रेकरिंग डिपॉजिट पर रिटर्न बैंकों द्वारा तय किया जाता है जबकि म्युचुअल फंड सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) पर रिटर्न तय नहीं है और यह स्कीम से स्कीम और मार्केट की स्थिति में अलग-अलग होता है। बैंक आरडी पर वर्तमान ब्याज दर 6 फीसद से 8 फीसद के बीच है जबकि इक्विटी म्युचुअल फंड योजनाओं पर रिटर्न की औसत दर पिछले तीन वर्षों में लगभग 11-12 फीसद रही है।
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