आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कैसे मिलती है छूट, जान लीजिए
टैक्सपेयर आयकर अधिनियम की धारा 80C के अंतर्गत एक वित्त वर्ष के भीतर 1.5 लाख रुपये की टैक्स छूट का क्लेम कर सकते हैं
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नौकरीपेशा लोग आयकर अधिनियम की धारा 80C के अंतर्गत एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये की टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। यह कटौती, हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ) के व्यक्तियों या सदस्यों के लिए भी उपलब्ध है। इसमें जीवन बीमा पॉलिसियों में निवेश, भविष्य निधि में किया गया योगदान और ईएलएसएस या इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम के अंतर्गत किए गए निवेश पर टैक्स बचाया जा सकता है।
80सी के अंतर्गत कैसे मिलती है छूट?
- आयकर अधिनियम की धारा 80सी के अंतर्गत कुछ शर्तों के साथ 1.5 लाख रुपये की कुल कटौती का दावा किया जा सकता है।
- धारा 80सी के तहत करदाताओं को भविष्य के लिहाज से बचत करने की अनुमति मिलती है। वह वरिष्ठ नागरिकों की बचत योजना, भविष्य निधि, सुकन्या समृद्धि बचत योजना, यूलिप (यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान) और ईएलएसएस जैसी बचत योजनाओं में निवेश कर सकते हैं।
- पीपीएफ, एनएससी, ईएलएसएस, बैंक और पोस्ट ऑफिस में पांच साल की एफडी के साथ-साथ स्कूल और ट्यूशन फीस के जरिए आप हर साल करीब 1,50,000 की कर छूट का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यह छूट आयकर की धारा 80सी के तहत मिलती है।
बच्चों के फीस में छूट: आयकर कानून 1961 के सेक्शन 80C के तहत ट्यूशन फीस पर टैक्स में छूट मिलती है। इस रकम को 1.5 लाख रुपये की टैक्स फ्री निवेश राशि में शामिल किया जा सकता है। ट्यूशन फीस को सालाना कमाई से घटा दिया जाता है, इससे टैक्स देनदारी कम हो जाती है। इसके लिए शिक्षा संस्थान का पूर्णकालिक संस्थान होना जरूरी है। इसमें प्ले स्कूल, प्री-नर्सरी और नर्सरी कक्षाएं भी शामिल हैं। यह संस्थान निजी, सरकारी या सरकारी मदद से चलने वाला हो सकता है।