पेट्रोलियम रिटेल में उतरने की तैयारी में हैं विदेशी दिग्गज, BP और Total के बाद शेल ने भी कसी कमर
भारत में पेट्रोलियम रिटेल के कारोबार में उतरने को लेकर कई विदेशी दिग्गज कंपनियां अपनी रुचि दिखा रही हैं।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारत के पेट्रोलियम रिटेल सेक्टर को लेकर विदेशी तेल कंपनियां अब असमंजस की स्थिति से निकल गई हैं। पहले ब्रिटिश पेट्रोलियम (बीपी) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ मिलकर भारत के पेट्रोलियम रिटेल सेक्टर में उतरने का एलान किया। अब फ्रांस की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी टोटल ने भारत के अडानी समूह के साथ इस सेक्टर में उतरने की योजना सामने रखी है। ब्रिटिश तेल कंपनी शेल पीएलसी भारत में अपने रिटेल कारोबार को नए सिरे से धार देने में जुटी है। सब कुछ ठीक रहा तो एक्सॉन मोबिल की तरफ से भी भारतीय बिजनेस को लेकर नई घोषणा जल्द हो सकती है।
इस बारे में पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कहा कि टोटल और बीपी के बाद एक्सॉन मोबिल भी भारत में रुचि रखती है। ये सभी कंपनियां भारत के रिटेल सेक्टर को लेकर काफी उत्साहित हैं और उन्हें पेट्रोलियम सेक्टर को लेकर मोदी सरकार की नीति पर भरोसा है। इन कंपनियों का भरोसा इससे भी बढ़ा है कि भारत सरकार की कंपनियां, निजी कंपनियां घरेलू रिटेल सेक्टर के लिए आवश्यक ढांचा तैयार करने के लिए तकरीबन 60 अरब डॉलर (चार लाख करोड़ रुपये) का निवेश कर रही हैं। प्रधान मानते हैं कि भारत जैसे-जैसे गैस आधारित अर्थव्यवस्था की तरफ तेजी से बढ़ेगा, वैसे-वैसे विदेशी कंपनियों का आकर्षण भारतीय पेट्रोलियम रिटेल सेक्टर में बढ़ता जाएगा।
ब्रिटिश पेट्रोलियम (बीपी) के चीफ एक्जीक्यूटिव बॉब डुडले ने सेरावीक कार्यक्रम में बताया कि बीपी और रिलायंस इंडस्ट्रीज का गठबंधन वर्ष 2033 तक भारत में कुल 5500 पेट्रोल पंप खोलने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। अभी रिलायंस के पास 1400 पेट्रोल पंप का नेटवर्क है। वह इस बात से सहमत नहीं हैं कि भारत 2030 के बाद से जिस तरह से बिजली से चलने वाले वाहनों को प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रहा है, उसका असर हाल फिलहाल पेट्रोलियम रिटेल सेक्टर पर बहुत ज्यादा पड़ेगा।
इंडिया इनर्जी फोरम के सेरावीक कार्यक्रम में पेश एक रिपोर्ट के मुताबिक बिजली से चलने वाले वाहनों को पूरी तरह से प्रोत्साहित करने के बावजूद 2050 तक देश में चलने वाले कुल वाहनों में ई-व्हीकल्स की हिस्सेदारी महज 32 फीसद होगी। यही वजह है कि भारत के पश्चिमी तट पर अभी तक की सबसे बड़ी रिफाइनरी लगाने की तैयारी चल रही है। करीब डेढ़ दशक पहले भारत में 500 पेट्रोल पंप खोलने का लाइसेंस लेकर बैठी शेल अभी तक 160 के करीब पेट्रोल पंप ही खोल सकी है। अब कंपनी ने तेजी से विस्तार करने का मन बना लिया है। एक्सॉन मोबिल ने हाल ही में इस बात का संकेत दिया है कि वह भारत के एनर्जी सेक्टर को बहुत आकर्षक मान रही है।
विदेशी कंपनियों के बीच इस बढ़ी रुचि के पीछे एक वजह यह है कि निकट भविष्य में भारत के रिटेल सेक्टर में निवेश की बड़ी संभावनाएं दिख रही हैं। सरकारी क्षेत्र की कंपनी बीपीसीएल के विनिवेश की प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो रही है और सरकार की मंशा इसकी कमान किसी बड़ी विदेशी कंपनी के हाथ में देने की है। सरकार ने ओएनजीसी को इजाजत दे दी है कि वह चाहे तो हिंदुस्तान पेट्रोलियम (एचपीसीएल) के लिए दूसरी साझेदार तलाश सकती है। ओएनजीसी ने पिछले वर्ष ही एचपीसीएल में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी को 36,916 करोड़ रुपये में खरीदा था। इसके अलावा सरकार 70 फीसद घरों को पाइप गैस पहुंचाने की योजना पर भी काम कर रही है।