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बंपर विदेशी निवेश से घरेलू बाजार में आई तेजी

डिपॉजिटरी से मिले आंकड़ों के अनुसार विदेशी निवेशकों ने 2-6 अगस्त के दौरान इक्विटी में 975 करोड़ रुपये का निवेश किया है। डेब्ट सेगमेंट में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने 235 करोड़ रुपये का निवेश किया है। रिव्यू पीरियड के दौरान कुल शुद्ध निवेश 1210 करोड़ रुपये हो गया है।

By Abhishek PoddarEdited By: Published: Sun, 08 Aug 2021 03:51 PM (IST)Updated: Sun, 08 Aug 2021 03:51 PM (IST)
बंपर विदेशी निवेश से घरेलू बाजार में आई तेजी
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने किया 235 करोड़ रुपये का निवेश

नई दिल्ली, पीटीआइ। अगस्त के पहले पांच कारोबारी सत्र में घरेलू कारकों की वजह से विदेशी निवेशकों के द्वारा बाजार में कुल 1,210 करोड़ की खरीददारी की गई है। डिपॉजिटरी से मिले आंकड़ों के अनुसार विदेशी निवेशकों ने 2-6 अगस्त के दौरान इक्विटी में 975 करोड़ रुपये का निवेश किया है। डेब्ट सेगमेंट में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने 235 करोड़ रुपये का निवेश किया है। जिस कारण से रिव्यू पीरियड के दौरान कुल शुद्ध निवेश 1,210 करोड़ रुपये हो गया है। जुलाई महीने में भी एफपीआई की 273 करोड़ रुपये की बिक्री हुई थी।

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कोटक सिक्योरिटीज में इक्विटी टेक्निकल रिसर्च विभाग के वाइस प्रेसिडेंट श्रीकांत चौहान ने कहा कि, " पीएमआई प्रिंट में रिकवरी, सीएमआईई सर्वेक्षणों में कम बेरोजगारी दर और जीएसटी प्राप्तियों में सुधार जैसे कारणों से बाजार में तेजी देखी गई है। हालांकि कोरोना की तीसरी लहर की वजह से वैश्विक बाजार में निवेशक चिंतित भी हैं "।

मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर-मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव ने बताया कि अभी इस ट्रेंड में बदलाव नहीं होगा। हाई वैल्युएशन, बढ़ती तेल की कीमतें और डॉलर की मजबूत स्थिति के कारण FPIs अभी इंडियन इक्विटी की पहुंच से बाहर चल रहा है। निवेशक एक निश्चित समय अंतराल पर बाजार में बढ़त के साथ कारोबार कर रहे हैं और मुनाफा हासिल कर रहे हैं।

जिओजित फाइनेंशियल सर्विस के चीफ इंवेस्टमेंट स्ट्रेटजिस्ट वीके विजयकुमार के अनुसार FPIs रिटर्न में लार्ज कैप निवेशकों ने नए सिरे से दिलचस्पी दिखाई है। वहीं श्रीकांत चौहान का कहना है कि , "कुल मिलाकर एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में इस हफ्ते 1.51 फीसदी की बढ़त हुई है"। इस महीने थाईलैंड को छोड़कर अब तक सभी प्रमुख उभरते बाजारों और एशियाई बाजारों में एफपीआई में बढ़त देखी गयी है। ताइवान, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस में क्रमश: 2,588 मिलियन अमरीकी डॉलर, 1,722 मिलियन अमरीकी डॉलर, 93 मिलियन अमरीकी डॉलर और 8 मिलियन अमरीकी डॉलर एफपीआई की बढ़त देखी गई है। वहीं थाईलैंड में अब तक 182 मिलियन अमरीकी डालर के एफपीआई का आउटफ्लो देखा गया है।

एफपीआई प्रवाह के भविष्य के बारे में श्रीवास्तव ने कहा कि "भारत लंबी अवधि के लिए आकर्षक निवेश गंतव्य बना हुआ है। जैसे-जैसे स्थितियों में सुधार दोता जाएगा वैसे-वैसे अर्थव्यवस्था दोबारा रफ्तार पकड़ेगी। जिस वजह से एफपीआई प्रवाह के फिर से बढ़ने की उम्मीद की जा सकती है। हालांकि, संभावित रुप से कोरोना की तीसरी लहर का जोखिम विदेशी निवेशकों के लिए एक बाधा हो सकता है। हाई वैल्युएशन को देखते हुए मुनाफे से इंकार नहीं किया जा सकता है, जबकि डॉलर के उतार-चढ़ाव से भी भारतीय शेयरों में एफपीआई प्रभावित होता है"।


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