नए साल पर आपके बच्चे के लिए 3 बेस्ट निवेश ऑप्शन, मिलेगा ज्यादा रिटर्न
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) के तहत आप अपने और अपने नाबालिग बच्चों का भी अकाउंट खोल सकते हैं
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नए साल में आपने कई सारे फैसले लिए होंगे। इनमें वित्त से जुड़ा फैसला भी होगा। लेकिन क्या आपने अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए कोई ठोस फाइनेंशियल प्लानिंग की है। आज बाजार में कई ऐसे निवेश विकल्प हैं, जिन्हें बच्चों के लिए या उनके नाम पर शुरू किया जा सकता है। हम इस खबर में आपको कुछ ऐसे ही निवेश विकल्प के बारे में बता रहे हैं।
बच्चों के लिए 4 निवेश विकल्प
सुकन्या समृद्धि योजना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुकन्या समृद्धि योजना को जनवरी 2015 में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत लॉन्च किया था। यह बच्ची के वित्तीय भविष्य के लिहाज से एक शानदार स्कीम मानी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह एक सरकार समर्थित स्कीम है और इस पर ब्याज दर भी काफी अच्छी है। इसका खाता आप किसी भी अधिकृत वाणिज्यिक बैंक या फिर भारतीय डाकघर में खुलवा सकते हैं। अगर आप अपनी बच्ची की शादी, उसकी पढ़ाई एवं वित्तीय सुरक्षा के लिए निवेश करना चाहते हैं तो सुकन्या आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है। इस योजना में 8.5 फीसद की दर से ब्याज मिलता है।
सुकन्या समृद्धि अकाउंट को लड़की के अभिभावक एवं पिता की ओर से लड़की के नाम पर खुलवाया जा सकता है। एक अभिभावक एक लड़की के नाम पर एक ही अकाउंट खुलवा सकता है और अधिकतम 2 लड़कियों के नाम पर दो खाते। सुकन्या समृद्धि अकाउंट को लड़की के जन्म से 10 वर्ष की आयु तक खुलवाया जा सकता है। इस खाते में एक साल के भीतर न्यूनतम 250 रुपये का और 1,50,000 रुपये का सालाना निवेश किया जा सकता है। इस खाते को खुलवाए जाने के अगले 15 वर्षों तक जारी रखा जा सकता है। जैसे ही लड़की या तो 10वीं पास हो या फिर 18 वर्ष की हो जाए अकाउंट से आंशिक निकासी की जा सकती है। इस खाते में जमा अधिकतम 50 फीसद राशि को बच्ची की शिक्षा के लिए निकाला जा सकता है। यह सेविंग स्कीम पूरी तरह से टैक्स फ्री होती है।
PPF: पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) के तहत आप अपने और अपने नाबालिग बच्चों का भी अकाउंट खोल सकते हैं। अपने बच्चे का पीपीएफ अकाउंट खोलना काफी फायदेमंद होता है। इसका पहला कारण है कि पीपीएफ अकाउंट की लॉन-इन अवधि 15 साल की होती है। इसलिए अगर बचपन में ही बच्चे का पीपीएफ अकाउंट खुलावा दिया जाता है तो वह बालिग होने तक यह खाता मैच्योर हो जाएगा। तब कई कामों के लिए इस पैसे का इस्तेमाल किया जा सकता है।
यहां पर ध्यान रखने वाली बात है कि आपके और आपके बच्चे, दोनों के अकाउंट में एक साल में जमा होने वाली रकम 1.5 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। मौजूदा कानून के मुताबिक, एक साल में पीपीएफ अकाउंट में इतनी ही रकम जमा हो सकती है। आयकर कानून के तहत एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये की रकम पर ही टैक्स से छूट मिलती है।
एफडी: बच्चे के माता-पिता या कानूनी अभिभावक कई बैंकों में 100 रुपये और 500 रुपये जमा के साथ इनमें निवेश शुरू कर सकते हैं। फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी): फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) को सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है जो बचत खातों में जमा की तुलना में अधिक ब्याज देता है। इसमें रिटर्न पूर्व निर्धारित समय के अनुसार मिलता है। एफडी में निवेश के लिए आपके पास बैंक, छोटे वित्त बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और डाकघर है।