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PPF vs VPF vs FD: जानिए कौन-सा निवेश विकल्प रहेगा आपके लिए बेहतर

पीपीएफ वित्त मंत्रालय के राष्ट्रीय बचत संस्थान द्वारा सन् 1968 में एक सेविंग इंस्ट्रूमेंट के रूप में लाया गया था। यह योजना आयकर लाभों के साथ आती है। पीपीएफ में आपको अकाउंट एक्टिव रखने के लिए एक वित्त वर्ष में न्यूनतम 500 रुपये का निवेश करना होता है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Mon, 08 Mar 2021 01:41 PM (IST)Updated: Mon, 08 Mar 2021 06:47 PM (IST)
PPF vs VPF vs FD: जानिए कौन-सा निवेश विकल्प रहेगा आपके लिए बेहतर
PPF vs VPF vs FD P C : Pixabay

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। बढ़ती महंगाई और आधुनिक होती जीवन शैली के साथ ही लोग इस समय उन विकल्पों में निवेश के लिए देख रहे हैं, जो अच्छा रिटर्न दें और समय के साथ उन्हें एक मोटी राशि जमा करने में मदद करे। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों से गारंटीड रिटर्न की पेशकश करने वाले निवेश विकल्पों की ब्याज दरों में गिरावट आई है। वहीं, सरकार सुकन्या समृद्धि योजना, पीपीएफ सहित कई ऐसी योजनाओं की पेशकश कर रही है, जो आपको अपने रिटायरमेंट के लिए बचत करने में मदद करती हैं। इन उत्पादों में निवेश कर आप अपनी बचत पर गारंटीड रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।

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बैंक एफडी की बात करें, तो यह भारत में एक लोकप्रिय निवेश विकल्प माना जाता था, लेकिन पिछले कुछ समय से एफडी पर ब्याज दरों में काफी गिरावट आई है। हालाकिं, कुछ वर्षों से पीपीएफ और एनपीएस जैसे दूसरे निवेश विकल्पों ने भी लोकप्रियता प्राप्त की है। आठ फीसद से अधिक ब्याज दर के साथ वीपीएफ वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए एक आकर्षक विकल्प बना हुआ है। वीपीएफ (VPF) कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) का ही विस्तार होता है।

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)

पीपीएफ वित्त मंत्रालय के राष्ट्रीय बचत संस्थान द्वारा सन् 1968 में एक सेविंग इंस्ट्रूमेंट के रूप में लाया गया था। यह योजना आयकर लाभों के साथ आती है। पीपीएफ में आपको अकाउंट एक्टिव रखने के लिए एक वित्त वर्ष में न्यूनतम 500 रुपये का निवेश करना होता है। वहीं, आप एक वित्त वर्ष में पीपीएफ में अधिकतम 1.5 लाख रुपये निवेश कर सकते हो। पीपीएफ 15 साल की लॉक-इन अवधि के साथ आता है। मार्च 2021 को समाप्त हो रही तिमाही के लिए इस योजना में ब्याज दर 7.1 फीसद है। पीपीएफ आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 सी के तहत एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक की आयकर छूट की पेशकश करता है। इस योजना में अर्जित ब्याज भी पूरी तरह कर मुक्त होता है।

स्वैच्छिक भविष्य निधि (VPF)

वीपीएफ एक स्वैच्छिक योगदान है, जो वैधानिक ईपीएफ योगदान के अतिरिक्त होता है। केवल वेतनभोगी कर्मचारी, जो ईपीएफओ के सदस्य हैं, वीपीएफ में निवेश कर सकते हैं। कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी के 12 फीसद से अधिक ईपीएफ में योगदान नहीं दे सकते हैं। अगर कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी के 12 फीसद से अधिक का योगदान देना चाहते हैं, तो वीपीएफ के तहत कर सकते हैं। वीपीएफ पर मौजूदा ब्याज दर 8.50 फीसद है। वीपीएफ में योगदान धारा 80 सी के तहत कर छूट के योग्य होता है। ईपीएफ की तरह ही वीपीएफ भी EEE स्टेटस के साथ आती है। अर्थात इसमें निवेश राशि, ब्याज राशि और मैच्योरिटी की राशि सभी कर मुक्त होती हैं।

बैंक एफडी (Bank FD)

बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) द्वारा एफडी की पेशकश की जाती है। बैंक एफडी सुरक्षित बचत का एक बेहतरीन माध्यम है। इसमें आप अपनी इच्छा के अनुसार निवेश राशि और अवधि का चयन कर सकते हैं। बैंक एफडी को मैच्योरिटी की तारीख से पहले नहीं तोड़ा जा सकता है, लेकिन अत्यधिक जरूरत पड़ जाने पर पेनल्टी भरकर एफडी की राशि निकाली जा सकती है। एफडी पर भिन्न-भिन्न बैंक अलग-अलग ब्याज दरों की पेशकश करते हैं। स्मॉल फाइनेंस बैंक एफडी पर अपेक्षाकृत अधिक ब्याज दर की पेशकश करते हैं।


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