Fixed Deposits Investment: फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश से पहले जरूर जानिए ये चार बातें
कुछ निजी क्षेत्र और छोटे वित्त बैंक एफडी पर 7 से 7.5 प्रतिशत तक ब्याज देते हैं जो कि अधिकांश सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और निजी क्षेत्रों बैंकों की तुलना में लगभग 150-200 बीपीएस अधिक है। एफडी में निवेश से पहले सभी बैंकों की वेबसाइट पर जाकर पता कर लें
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) सुरक्षा और आय निश्चितता के लिए बेहतर विकल्प है, लेकिन हाल के समय में इसके ब्याज दरों में भारी गिरावट आई है। फिक्स्ड डिपॉजिट खासकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए जो अनावश्यक जोखिम लेना पसंद नहीं करते हैं उनके लिए भी बेहतरीन निवेश विकल्प है। एफडी के लिए न्यूनतम और अधिकतम कार्यकाल एक बैंक से दूसरे बैंक में भिन्न होता है। आम तौर पर एफडी में 7 दिनों की न्यूनतम अवधि से लेकर अधिकतम 10 वर्षों के लिए निवेश किया जा सकता है। लेकिन, आपको एफडी में निवेश से पहले कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होगा।
ज्यादा ब्याज देने वाले बैंक को चुनें
कुछ निजी क्षेत्र और छोटे वित्त बैंक एफडी पर 7 से 7.5 प्रतिशत तक ब्याज देते हैं, जो कि अधिकांश सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और निजी क्षेत्रों बैंकों की तुलना में लगभग 150-200 बीपीएस अधिक है। एफडी में निवेश से पहले सभी बैंकों की वेबसाइट पर जाकर पता कर लें कि कौन सा बैंक एफडी पर सबसे ज्यादा ब्याज देता है। फिर उस बैंक में एफडी में निवेश करें।
लंबी अवधि के लिए एफडी न खोलें
लंबे समय के लिए एफडी खोलने से हो सकता है कि आपको बहुत कम ब्याज दर के साथ अपने एफडी को बंद करना पड़े। इसलिए 1 से 2 साल की एफडी अवधि ठीक है, भले ही उनके पास लंबे समय के फ्रीक्वेंसी के लिए वित्तीय लक्ष्य हों।
समान अवधि के अपने FD को कम संख्या में बांटे
कुछ बैंकों ने आंशिक समयपूर्व एफडी निकासी की सुविधा शुरू कर दी है, जबकि अधिकांश बैंक अभी यह सुविधा नहीं दे रहे हैं। जोखिम को कम करने के लिए जमाकर्ताओं को एक बड़ी एफडी खोलने के बजाय छोटे टिकट एफडी खोलने को प्राथमिकता देनी चाहिए।
उदाहरण के लिए, यदि आप एक बैंक के साथ बैंक एफडी में 10 लाख रुपये का निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो सबसे बढ़िया रहेगा कि 1 लाख रुपये के 9 एफडी खोलें और 50,000 रुपये के 2 एफडी खोलें।
टैक्स स्लैब पर विचार करें
एफडी जमाकर्ताओं की कर देयता टीडीएस कटौती के साथ समाप्त नहीं होती है। वरिष्ठ नागरिकों को 50,000 रुपये तक की ब्याज आय पर धारा 80 टीटीबी के तहत कर कटौती को छोड़कर, जमाकर्ता के कर स्लैब के अनुसार एफडी ब्याज आय पूरी तरह से कर योग्य है। इसलिए जमाकर्ताओं को अपने एफडी से शुद्ध रिटर्न का आकलन करते समय अपने कर स्लैब पर ध्यान देंना चाहिए।