Public Provident Fund: रिटायरमेंट फंड के लिए काफी बेहतर है यह योजना, जानिए क्या-क्या हैं खूबियां
Public Provident Fund में इस समय ब्याज दर 7.1 फीसद है। यह ब्याज दर देश के प्रमुख वाणिज्यिक बैंकों द्वारा FD पर प्रदान की जा रही ब्याज दरों से बेहतर है। PC Pixabay
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। हम सब जानते हैं कि रिटायरमेंट के बाद आय का एक बड़ा नियमित स्रोत बंद हो जाता है। इसलिए रिटायरमेंट फंड की आवश्यकता होती है, ताकि रिटायरमेंट के बाद की जरूरतों को पूरा करने के लिए हमारे पास पर्याप्त धन हो। हालांकि, मौजूदा समय में भविष्य के लिए धन जुटाना काफी मुश्किल जान पड़ता है। यह ऐसा समय है, जिसमें लोगों की आय घट रही हैं और मांग की कमी के चलते कारोबार प्रभावित हैं। ऐसे में एक ऐसी निवेश योजना का होना बहुत जरूरी होता है, जिसके जरिए छोटी-छोटी बचत कर एक बड़ा रिटायरमेंट फंड तैयार किया जा सके। इस लिहाज से पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) काफी फायदेमंद निवेश योजना है। आइए जानते हैं कि पीपीएफ के क्या-क्या फायदे हैं।
बेहतर ब्याज दर
जमा पर ब्याज दरों में पिछले कुछ महीनों से काफी गिरावट आई है। हालांकि, स्मॉल सेविंग स्कीम्स अभी भी ग्राहकों को बेहतर ब्याज प्रदान कर रही हैं। पब्लिक प्रोविडेंट फंड में इस समय ब्याज दर 7.1 फीसद है। यह ब्याज दर देश के प्रमुख वाणिज्यिक बैंकों द्वारा FD पर प्रदान की जा रही ब्याज दरों से बेहतर है।
आयकर छूट
पब्लिक प्रोविडेंट फंड में सालाना 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर आयकर अधिनियम की धारा 80C के अंतर्गत आयकर छूट का फायदा मिलता है। यही नहीं, इस योजना में ब्याज आय और मैच्योरिटी की राशि पर भी आयकर छूट मिलती है। यह निवेश योजना EEE स्टेटस के साथ आती है। अर्थात इस योजना में तीन जगहों- निवेश राशि, ब्याज आय और मैच्योरिटी की राशि पर आयकर छूट मिलती है।
बेहतर रिटायरमेंट प्लान
यह निवेश विकल्प रिटायरमेटं प्लान के लिए काफी बेहतर साबित होता है। अगर कोई व्यक्ति अपनी नौकरी की शुरुआत से ही पीपीएफ में हर साल 1.50 लाख रुपये का निवेश करे, तो वह रिटायरमेंट तक एक बड़ा फंड तैयार कर सकता है। पीपीएफ अकाउंट 15 साल में मैच्योर हो जाता है, लेकिन निवेशक मेच्योरिटी की अवधि को आगे भी बढ़वा सकते हैं।
लोन की सुविधा
पीपीएफ अकाउंट में निवेशक को आंशिक निकासी व लोन की सुविधा भी मिलती है। पीपीएफ खाताधारक अकाउंट खुलने के दो साल बाद से छह साल तक की अवधि में अपने खाते से लोन ले सकता है। वहीं, छह साल तक निवेश करने के बाद निवेशक सातवें साल से बिना किसी टैक्स के भुगतान के आंशिक निकासी कर सकता है।