PPF खाते को दिया जा सकता है विस्तार, जानिए इसका पूरा प्रोेसेस
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) देश में निवेश के लिहाज से सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) देश में निवेश के लिहाज से सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है। खासकर के नौकरीपेशा लोगों के लिए यह पसंदीदा विकल्प होता है। लोगों के बीच इसके पापुलर होने का कारण इस पर लगातार बढ़ती ब्याज दर और टैक्स फ्री रिटर्न है। इस पर 7.6 फीसद की दर से ब्याज मिलता है। पीपीएफ अकाउंट की लॉन-इन अवधि 15 साल की होती है। जैसा कि यह एग्जेंप्ट-एग्जेंप्ट-एग्जेंप्ट कैटेगरी में आता है लिहाजा इसमें निवेश पर आपको कोई कर नहीं देना होता है। पीपीएफ खाताधारक मैच्योरिटी पर पीपीएफ खाते से अपना पैसा निकाल सकते हैं या वे खाते को आगे के लिए एक्सटेंड करवा सकते हैं।
पीपीएफ खाता एक्सटेंड करने के विकल्प और नियम?
- पीपीएफ खाता मैच्योर होने के बाद खाताधारक के पास तीन विकल्प होते हैं। वे या तो खाता बंद कर सकते हैं और सभी पैसे निकाल सकते हैं या वे खाते को आगे बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा दो एक्सटेंशन विकल्प उपलब्ध हैं। कोई भी व्यक्ति आगे कोई योगदान किए बिना खाते का विस्तार कर सकता है और कॉर्पस पर ब्याज अर्जित करना जारी रख सकता है या वे खाते का विस्तार कर सकता है और आगे भी बड़ा धनराशि बनाने के लिए योगदान जारी रख सकता है।
- पीपीएफ खाते को एक बार में 5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। पीपीएफ खाते को कितनी भी बार बढ़वाया जा सकता है इसकी कोई सीमा नहीं है, हालांकि कुछ बैंक ग्राहकों को बताते हैं कि पीपीएफ को केवल दो बार बढ़ाया जा सकता है। यदि आप अपना PPF खाता बंद करना चाहते हैं तो आप किस्तों में राशि निकाल सकते हैं।
- पीपीएफ खाताधारक बिना किसी और योगदान के 1 वर्ष के मैच्योरिटी के भीतर अपने खाते को पांच साल के लिए आगे बढ़ा सकते हैं। हालांकि खाते में जो पैसा होगा उसपर ब्याज मिलता रहेगा। हालांकि, यदि खाताधारक मैच्योरिटी के एक वर्ष के भीतर विस्तार के लिए आवेदन नहीं करता है, तो बाद में विस्तार संभव नहीं है।
- अपने पीपीएफ खाते को आगे के योगदान के साथ एक्सटेंड करने के लिए, खाताधारकों को डाकघर या बैंक में फॉर्म एच को जमा करना होगा जहां उनका पीपीएफ खाता है। खाताधारकों को मैच्योरिटी की तारीख से 1 वर्ष पूरा होने से पहले आवेदन जमा करना होगा। यदि आप मैच्योरिटी के एक वर्ष के भीतर इस विकल्प को नहीं चुनते हैं, तो मैच्योरिटी के बाद किए गए योगदान से कोई ब्याज नहीं मिलेगा और टैक्स कटौती के लिए पात्र नहीं होगा।
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