पोस्ट ऑफिस का नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, जानें इससे जुड़ी हर अहम बात
एनएससी पर 8 फीसद का रिटर्न मिलता है जो कि सालाना आधार पर तय होता है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारतीय डाक देश में डाक सेवाओं का संचालन करता है। भारतीय डाक का पूरे देश में 1.5 लाख से अधिक डाकघरों का नेटवर्क है। भारतीय डाक विभिन्न ब्याज दरों के साथ कई सेविंग स्कीम की पेशकश करता है। डाकघर सेविंग स्कीम पर ब्याज दरें सरकार की छोटी सेविंग स्कीम पर ब्याज दरों के अनुरूप चलती हैं, जिन्हें तिमाही आधार पर संशोधित किया जाता है। भारतीय डाक की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, डाकघर की तरफ से राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) की सुविधा भी दी जाती है।
पोस्ट ऑफिस नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) के बारे में 5 जरूरी बातें:
पात्रता: इंडिया पोस्ट की वेबसाइट के अनुसार, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट खुद या नाबालिग के नाम पर खोला जा सकता है।
अमाउंट: एनएससी अकाउंट न्यूनतम 100 रुपये में या फिर इसके गुणकों में राशि के साथ खोला जा सकता है। इसमें निवेश के लिए अधिकतम की कोई सीमा नहीं है।
ब्याज दर: एनएससी पर 8 फीसद का रिटर्न मिलता है जो कि सालाना आधार पर तय होता है। हालांकि यह मैच्योरिटी के वक्त मिलता है। एनएससी में 100 रुपये निवेश करने पर 5 साल के बाद मैच्योरिटी पर 146.93 मिल सकते हैं।
इनकम टैक्स लाभ: नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट में सेविंग करने पर आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत टैक्स में छूट के लिए दावा किया जा सकता है।
ट्रांसफर ऑफ सर्टिफिकेट: एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को प्रमाणपत्रों के हस्तांतरण के समय पुराने प्रमाणपत्रों का खारिज नहीं किया जाता है। पुराने होल्डर के नाम पर सर्किल बना दिया जाता है और पुराने प्रमाणपत्र पर नए होल्डर का नाम लिख दिया जाता है।
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