रिटायरमेंट के बाद की उम्र के लिए ऐसे करें प्लानिंग, नहीं सताएगी पैसों की चिंता
रिटायरमेंट के बाद मिली रकम को आप म्युचुअल फंड में लगाकर अपने बुढ़ापे को बेहतर बना सकते हैं।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आर्थिक लिहाज से रिटायरमेंट को एक खास अवधि माना जाता है। यह उम्र का एक ऐसा पड़ाव होता है जब आप ज्यादा मेहनत वाला काम करने की स्थिति में नहीं रहते। साथ ही इस उम्र तक आपकी ओर से की गई सेविंग्स और आपकी पेंशन आपके बुनियादी खर्चों को चलाने भर के लिए ही काफी होती हैं। ऐसे में अगर महंगाई चरम पर आ जाए तो आपके लिए ये जमापूंजी भी नाकाफी मालूम देगी। ऐसे में बेहतर होगा कि आप रिटायरमेंट की उम्र में भी प्लानिंग से काम करें ताकि आपको आर्थिक दिक्कतों का सामना न करना पड़े। हम अपनी इस खबर में आपको इसी के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
रिटायरमेंट तक आते आते अगर आपको यह भान हो गया है कि आपकी अब तक की बचत और पेंशन महंगाई के दौर में आपके सपनों पर पानी फेर सकती है तो यह एक बेहतर स्थिति है। ऐसा ही होना चाहिए।
रिटायरमेंट के बाद की उम्र को आप दो हिस्सों में बाटें: रिटायरमेंट के बाद की उम्र के लिए आपको दो हिस्सों के हिसाब से निवेश करना चाहिए। 60 से 70 वर्ष की उम्र और 70 वर्ष के बाद बाकी की उम्र।
60 से 70 वर्ष की उम्र: रिटायरमेंट की उम्र 60 वर्ष होती है। 60 वर्ष की उम्र के बाद अगले 5 से 10 वर्षों तक नौकरी पेशा लोग थोड़ा बहुत काम कर सकते हैं, इसलिए बेहतर रहेगा कि आप इस दौरान कोई वैकल्पिक रोजगार ढूंढ लें। अगर आप लिखने-पढ़ने के काम से जुड़े हैं तो आप फ्रीलांसिंग जैसे काम पकड़ सकते हैं, अनुवाद (अंग्रेजी से हिंदी) या फिर कोई भी ऑनलाइन काम। ऐसा कर आप अपनी रिटायरमेंट की रकम को बढ़ा सकते हैं। साथ ही आप इतनी रकम कमा सकते हैं कि महंगाई के दौर में भी आपको आर्थिक चोट नुकसान नहीं पहुंचेगी।
वहीं आप इस उम्र में अपने पैसों को म्युचुअल फंड के जरिए शेयर बाजार में लगा सकते हैं। आपको इस दौरान नियमित आय देने वाले विकल्पों में निवेश करने के बारे में सोचना चाहिए।
70 वर्ष के बाद बाकी की उम्र: यह उम्र का वह दौर होता है जब आप काम करने की स्थिति में नहीं होते हैं। उम्र के इस पड़ाव के लिए आपको खुद और पत्नी को कवर करने वाले एन्युटी को खरीदने में पैसा खर्च करना चाहिए। इस उम्र के लिए एन्युटी एक बेहतर विकल्प रहता है।