Move to Jagran APP

महिंद्रा हाइब्रिड इक्विटी फंड का NFO 12 जुलाई को होगा बंद, 1000 रुपये से कर सकते हैं निवेश

विश्लेषकों के मुताबिक पांच से दस सालों की अवधि में एग्रेसिव डेट फंडों का औसत रिटर्न 10-12 फीसदी रहा है जबकि रूढ़िवादी फंडों का रिटर्न 8-9 फीसदी रहा है

By Manish MishraEdited By: Published: Thu, 27 Jun 2019 01:04 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jun 2019 01:04 PM (IST)
महिंद्रा हाइब्रिड इक्विटी फंड का NFO 12 जुलाई को होगा बंद, 1000 रुपये से कर सकते हैं निवेश
महिंद्रा हाइब्रिड इक्विटी फंड का NFO 12 जुलाई को होगा बंद, 1000 रुपये से कर सकते हैं निवेश

नई दिल्‍ली (बिजनेस डेस्‍क)। महिंद्रा म्‍युचुअल फंड हाइब्रिड फंड पर फोकस करने की योजना बना रही है। इसके लिए कंपनी महिंद्रा हाइब्रिड इक्विटी निवेश योजना नाम से नया फंड ऑफर (NFO) ला रहा है, जो 28 जून को खुलेगा और 12 जुलाई को बंद होगा। यह एग्रेसिव हाइब्रिड कैटेगरी का फंड है। महिंद्रा म्‍युचुअल फंड के मुख्य मार्केटिंग अधिकारी (सीएमओ) जतिंदर पाल सिंह ने बताया कि यह इक्विटी और डेट का एक मिला जुला फंड है जो इक्विटी में 65 से 80 फीसदी का निवेश करता है, जबकि डेट और मनी मार्केट सिक्योरिटीज में 20 से 35 फीसदी तथा रिट (REIT) और इनविट्स में अधिकतम 10 फीसदी का निवेश करता है। इसका बेंचमार्क क्रिसिल हाइब्रिड है। इसके फंड मैनेजर एस राममूर्ति (इक्विटी) और राहुल पाल (डेट) हैं। इसके लिए न्यूनतम 1,000 रुपये का निवेश किया जा सकता है जबकि उसके बाद 1000 रुपये के गुणकों में निवेश किया जा सकता है।

loksabha election banner

विश्लेषकों के मुताबिक पांच से दस सालों की अवधि में एग्रेसिव डेट फंडों का औसत रिटर्न 10-12 फीसदी रहा है जबकि रूढ़िवादी फंडों का रिटर्न 8-9 फीसदी रहा है। हाइब्रिड फंड इक्विटीज में निवेश की शुरुआत करने का एक अच्‍छा तरीका है, क्योंकि वे उतार-चढ़ाव के माहौल में ज्यादा सुरक्षा और सावधानी बरतते हैं। इस तरह के फंड लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए उपयुक्त होते हैं।

क्‍या होता है हाइब्रिड फंड?

दरअसल हाइब्रिड फंड म्‍युचुअल फंडों का एक ऐसा प्रोडक्‍ट है, जो निवेशकों के पैसों को अलग-अलग संसाधनों में निवेश कर एक औसत रिटर्न देता है और जोखिम को कम करता है। ऐसा देखा जाता है कि रिटेल निवेशक हमेशा म्‍युचुअल फंडों के इक्विटीज में ही आक्रामक रूप से निवेश करते हैं। जबकि म्‍युचुअल फंड में हाइब्रिड एक ऐसा उत्पाद है जो इक्विटी, डेट और अन्य संसाधनों में निवेश करता है। इसका फायदा यह होता है कि एक तो निवेशक शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव के जोखिम से बच जाता है और दूसरा वह मुद्रास्फीति को पीछे छोड़ते हुए अच्छा रिटर्न हासिल करता है।

इस तरह के फंडों का उद्देश्य यह होता है कि निवेशक लंबी अवधि में इक्विटी की वृद्धि का लाभ लें, जबकि डेट वाला हिस्सा स्थिरता प्रदान करता है। यह फंडों के कंपोजिशन पर निर्भर करता है जिसमें आक्रामक और रूढ़िवादी (कंजरवेटिव) दोनों प्रकार के फंडों का समावेश होता है।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.