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LIC SIIP: एलआईसी की इस पॉलिसी में जीवन बीमा के साथ है निवेश से मुनाफा कमाने का मौका, जानिए क्या-क्या हैं फायदे

अगर आप अपनी बचत के रुपयों को ऐसी जगह निवेश करना चाह रहे हैं जहां सुरक्षा और बेहतर रिटर्न दोनों मिलें तो आप भारतीय जीवन बीमा निगम की निवेश योजनाओं में अपना पैसा लगा सकते हैं। एलआईसी (LIC) की ऐसी ही एक योजना है जिसका नाम है सीप (SIIP)।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Mon, 07 Dec 2020 02:52 PM (IST)Updated: Wed, 09 Dec 2020 12:08 PM (IST)
LIC SIIP: एलआईसी की इस पॉलिसी में जीवन बीमा के साथ है निवेश से मुनाफा कमाने का मौका, जानिए क्या-क्या हैं फायदे
भारतीय जीवन बीमा निगम ( LIC )

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अगर आप अपनी बचत के रुपयों को ऐसी जगह निवेश करना चाह रहे हैं जहां, सुरक्षा और बेहतर रिटर्न दोनों मिलें, तो आप भारतीय जीवन बीमा निगम की निवेश योजनाओं में अपना पैसा लगा सकते हैं। एलआईसी (LIC) की ऐसी ही एक योजना है, जिसका नाम है सीप (SIIP)। यह एक यूनिट-लिंक्ड, नॉन-पार्टिसिपेटिंग, रेगुलर प्रीमियम व्यक्तिगत जीवन बीमा योजना है। यह पॉलिसी की पूरी अवधि के दौरान बीमा और निवेश सुरक्षा प्रदान करता है। ग्राहक इस योजना को ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से खरीद सकते हैं। 

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एलआईसी की एसआईआईपी योजना को को www.licindia.in वेबसाइट पर लॉग इन कर ऑनलाइन खरीदा जा सकता है। इस योजना में चार प्रकार के निवेश फंड में से एक में निवेश कर सकते हैं। ग्राहक द्वारा दिये गए प्रीमियम में से प्रीमियम आवंटन शुल्क काटकर शेष राशि से चुने गए फंड में से यूनिट खरीदे जाते हैं। पॉलिसी की अवधि के दौरान निवेशक वार्षिक, अर्ध-वार्षिक, तिमाही या मासिक आधार पर प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं। वार्षिक, अर्ध-वार्षिक और तिमाही प्रीमियम के भुगतान के लिए अनुग्रह अवधि 30 दिन और मासिक प्रीमियम के लिए 15 दिन है।

मृत्यु होने पर

इस पॉलिसी में जोखिम प्रारंभ होने से पूर्व मृत्यु होने पर यूनिट फंड मूल्य के बराबर राशि प्रदान की जाती है। वहीं, जोखिम प्रारंभ होने की तारीख के बाद मृत्यु होने पर निम्न में से जो भी अधिक होगा, उसके बराबर राशि देय होगी। 1. आशिंक आहरण, अगर मृत्यु की तारीख के तुरंत पहले की दो साल की अवधि के दौरान किया गया हो, को घटाकर मूल बीमा राशि। 2. यूनिट फंड मूल्य। 3. आशिंक आहरण, अगर मृत्यु की तारीख के तुरंत पहले की दो साल की अवधि के दौरान किया गया हो, को घटाकर मृत्यु की तारीख तक प्राप्त किया गया कुल प्रीमियम का 105 फीसद।

परिपक्वता लाभ

अगर पॉलिसीधारक परिपक्वता की अवधि तक जीवित रहता है और पॉलिसी के तहत सभी प्रीमियमों का भुगतान कर दिया गया है, तो यूनिट फंड मूल्य के बराबर राशि प्रदान की जाती है।

आंशिक निकासी

पॉलिसी के पांच साल पूरे होने के बाद आप कभी भी यूनिटों का आंशिक आहरण कर सकते हैं। शर्त यह है कि आंशिक निकासी की तारीख तक के सभी देय प्रीमियमों का भुगतान कर दिया गया हो। आंशिक निकासी से संबंधित शर्ते निम्न हैं। नाबालिग व्यक्तियों के विषय में आंशिक निकासी बीमित व्यक्ति की उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक हो जाने पर ही की जा सकेगी। आंशिक निकासी की अधिकतम राशि की बात करें, तो 6 से 10 पॉलिसी वर्ष के बीच यह यूनिट फंड का 20 फीसद, 11 से 15 पॉलिसी वर्ष के बीच 25 फीसद, 16 से 20 पॉलिसी वर्ष के बीच 30 फीसद और 21 से 25 पॉलिसी वर्ष के बीच 35 फीसद होगी।

योग्यता व शर्तें

इस पॉलिसी में प्रवेश के समय न्यूनतम आयु के लिए 90 दिन पूरे होने चाहिए व अधिकतम आयु 65 वर्ष है। पॉलिसी में न्यूनतम परिपक्वता आयु 18 वर्ष है व अधिकतम परिपक्वता आयु 85 वर्ष है। वहीं, पॉलिसी अवधि 10 से 25 साल है। प्रीमियम भरने की अवधि पॉलिसी अवधि के जैसी ही है।

प्रीमियम

इस पॉलिसी में अधिकतम प्रीमियम की कोई सीमा नहीं है। वहीं, न्यूनतम प्रीमियम वार्षिक आधार पर 40,000 रुपए, अर्धवार्षिक आधार पर 22,000 रुपये, तिमाही आधार पर 12,000 रुपये और मासिक आधार पर (एनएसीएच द्वारा) 4,000 रुपये है।

यूनिट फंड 

प्रीमियमों को पॉलिसीधारक द्वारा चार प्रकार की निधियों से चुने गए फंड के प्रकार के अनुसार, यूनिट्स खरीदने के लिए उपयोग किया जाएगा। ये चार फंड बॉन्ड फंड, सिक्योर्ड फंड, बैलेंस फंड और ग्रोथ फंड हैं।


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