फिक्स्ड डिपॉजिट और सुकन्या समृद्धि योजना, जानें आपकी बच्ची के लिए कौन है बेहतर विकल्प
सुकन्या समृद्धि खाते को खुलवाए जाने के अगले 15 वर्षों तक जारी रखा जा सकता है, लड़की के 18 वर्ष का होने पर इससे आंशिक निकासी की जा सकती है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। निवेश के लिहाज से बीते कुछ वर्षो में काफी कुछ बदला है। रहने के खर्च के अलावा पढ़ाई-लिखाई से लेकर हर चीज महंगी हो गई है। इसलिए लोगों ने अपना ध्यान ज्यादा से ज्यादा निवेश की ओर बढ़ा दिया है। पहले के मुकाबले अब देखा जाता है कि लोग अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए ज्यादा से ज्यादा पैसों की बचत करना चाहते हैं। इसके लिए बाजार में कई तरह के निवेश विकल्प मौजूद हैं। हम अपनी इस खबर में आपको ऐसे ही दो निवेश विकल्प सुकन्या समृद्धि योजना और फिक्स्ड डिपॉजिट के बारे में बता रहे हैं।
सुकन्या समृद्धि योजना: इस योजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी 2015 में किया था। सरकार समर्थित इस स्कीम पर ब्याज दर काफी अच्छी है। इसका खाता आप किसी भी अधिकृत वाणिज्यिक बैंक या फिर भारतीय डाकघर में खुलवा सकते हैं। इस खाते में एक वित्त वर्ष के दौरान 1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं।
ब्याज दर: सुकन्या समृद्धि योजना पर मिलने वाली ब्याज दर 8.5 फीसद है। यह अन्य विकल्पों की तुलना में काफी बेहतर है।
टैक्स बेनिफिट: इस खाते में जमा राशि भी आयकर की धारा 80C के अंतर्गत कर छूट के दायरे में आती है। यानी मैच्योरिटी के बाद मिलने वाली आय कर छूट के दायरे में आती है। इस खाते में सालाना 1000 रुपये के मिनिमम डिपॉजिट को सरकार ने घटाकर 250 रुपये कर दिया है।
कैसे खुलवाएं खाता: सुकन्या समृद्धि अकाउंट को लड़की के अभिभावक एवं पिता की ओर से लड़की के नाम पर खुलवाया जा सकता है। एक अभिभावक एक लड़की के नाम पर एक ही अकाउंट खुलवा सकता है और अधिकतम 2 लड़कियों के नाम पर दो खाते। सुकन्या समृद्धि अकाउंट को लड़की के जन्म से 10 वर्ष की आयु तक खुलवाया जा सकता है।
योगदान: इस खाते में एक साल के भीतर न्यूनतम 250 रुपये का और 1,50,000 रुपये का सालाना निवेश किया जा सकता है।
सुकन्या समृद्धि खाते को खुलवाए जाने के अगले 15 वर्षों तक जारी रखा जा सकता है। जैसे ही लड़की या तो 10वीं पास हो या फिर 18 वर्ष की हो जाए अकाउंट से आंशिक निकासी की जा सकती है। इस खाते में जमा अधिकतम 50 फीसद राशि को बच्ची की शिक्षा के लिए निकाला जा सकता है। यह सेविंग स्कीम पूरी तरह से टैक्स फ्री होती है।
फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी): एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) को रिटर्न के लिए अच्छा निवेश विकल्प माना जाता है। एफडी पर ब्याज दर को उसकी अवधि के हिसाब से तय किया जाता है। एसबीआई, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, यस बैंक और कोटक महिंद्रा जैसे बड़े बैंक एफडी की सुविधा देते हैं। वहीं छोटे फाइनेंस बैंक एफडी पर ज्यादा रिटर्न देते हैं। बैंकों के अलावा पोस्ट ऑफिस में भी एफडी अकाउंट खोला जा सकता है। फिक्स्ड डिपॉजिट पर बैंक आमतौर पर 3.5 फीसद से 7.5 फीसद तक का ब्याज देते हैं।