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रिटायरमेंट के बाद की जरूरतों के लिए कितना सही है FD में निवेश, समझिए

रिटायरमेंट के लिए फंड जमा करने के लिए कई विकल्प हैं, जिनमें सबसे लोकप्रिय फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) है

By Surbhi JainEdited By: Published: Mon, 30 Jul 2018 06:19 PM (IST)Updated: Sun, 05 Aug 2018 10:28 AM (IST)
रिटायरमेंट के बाद की जरूरतों के लिए कितना सही है FD में निवेश, समझिए
रिटायरमेंट के बाद की जरूरतों के लिए कितना सही है FD में निवेश, समझिए

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा के लिए बचत जरूरी होती है। किसी भी व्यक्ति के लिए यह सबसे बड़ा टार्गेट होता है, जिसे बगैर प्लानिंग के पूरा नहीं किया जा सकता। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इस प्लानिंग को अमलीजामा पहनाने का सर्वाधिक सफल तरीका पहली नौकरी लगने के साथ ही सेविंग्स की शुरुआत होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि पहली नौकरी के दौरान आपके ऊपर जिम्मेदारियां कम होती हैं जो बचत की गुंजाइश को ज्यादा बड़ा कर देती है।

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रिटायरमेंट के लिए फंड जमा करने के लिए कई विकल्प हैं, जिनमें सबसे लोकप्रिय फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) है। जानिए क्यों एफडी का विकल्प चुनते हैं लोग

वजह-1: फिक्स्ड डिपॉजिट को समझना सरल है-

जब भी बात निवेश की आती है तो अधिकांश लोग उन्हीं विकल्पों को तरजीह देते हैं, जिनमें उनके माता-पिता बचत करते आए हैं। यही वजह है कि फिक्स्ड डिपॉजिट भारतीयों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय विकल्प है। इसमें आप अपना पैसा निवेश करते हैं और तय सालाना ब्याज के आधार पर आपकी पूंजी धीरे-धीरे ही सही लेकिन लगातार बढ़ती है।

वजह-2: फिक्स्ड डिपॉजिट में सहूलियत है

फिक्स्ड डिपॉजिट अधिकांश लोगों की पहुंच में होता है। किसी को भी अपने स्थानीय बैंक की शाखा में जाकर रेकरिंग डिपॉजिट या फिक्स्ड डिपॉजिट खुलवाना होता है।

वजह-3: फिक्स्ड डिपॉजिट है सर्वाधिक सुरक्षित विकल्प

फिक्स्ड डिपॉजिट को निवेश का सबसे सुरक्षित विकल्प माना जाता है। यही कारण है कि भारतीय इस विकल्प पर सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं। इसमें लोगों के लिए पहले सुरक्षा और फिर रिटर्न महत्वपूर्ण हैं। खास तौर पर बैंकों के राष्ट्रीयकरण के बाद से इन्हें सरकारी सिक्योरिटी की तरह की सुरक्षित माना जाता है।

क्या फिक्स्ड डिपॉजिट है सही चुनाव

यह सरल जरूर है लेकिन हमेशा सही नहीं हो सकता। अगर आपकी ओर से फिक्स्ड डिपॉजिट का चुनाव रिटायरमेंट को ध्यान में रखकर किया जा रहा है तो यह आपको निराश कर सकता है। जानिए क्यों-

1. FD पर मिलने वाला रेट ऑफ रिटर्न कम होता है-

रिटायरमेंट के दिनों में आपकी ओर से की गई बचत का एक बड़ा हिस्सा इसमें लग जाता है। रिटायरमेंट के बाद करीब 30 वर्षों तक के लिए गुजारा करने के लिए बड़ी पूंजी की जरूरत होती है। रिटायरमेंट के बाद जरूरत की पूंजी का आकलन करने का एक निश्चित फॉर्मूला है। इसके लिए अपने मौजूदा सालाना खर्चों को 30 से गुना कर लें। गुणा करके जो जवाब में आएगा उतना ही कॉर्पस आपको रिटायरमेंट के बाद चाहिए।

अब यह समझिए कि आजकल बैंकों की ओर से एफडी पर कितना रिटर्न मिलता है। आम तौर पर यह सात फीसद के करीब है। अब आपकी ओर से निवेश किये गये 5000 रुपये से 10000 रुपये महीने के लिए सात फीसद की ब्याज दर आपको बहुत बड़ी राशि नहीं दे सकती। अब यह जानिए कि आपको उच्च रेट ऑफ रिटर्न क्यों चाहिए-

2. महंगाई दर के सामने एफडी का रिटर्न बेहद कम होता है-

एफडी पर मिलने वाला रिटर्न मौजूदा महंगाई दर से महज एक से 1.5 फीसद ही ज्यादा होता है। मसलन, आपका पैसा असल मायनों में नहीं बढ़ पाएगा।

3. टैक्स-

जानकारी के लिए बता दें कि एफडी पर आपको टैक्स देना होता है। अगर मिलने वाला ब्याज 10 हजार रुपये सालाना से ज्यादा है तो बैंक 10 फीसद की दर से टीडीएस कटता है। यानि शेष राशि आपकी रिटायरमेंट के लिए पर्याप्त नहीं होगी।

इसलिए रिटायरमेंट के लिए एफडी का चयन उचित नहीं है। ध्यान रखें कि अगर अब भी आप रिटायरमेंट के फंड के लिए एफडी का ही चुनाव करना चाहतें हैं तो आपको इसमें बड़ी राशि का निवेश करना होगा तब जाकर यह आपके रिटायरमेंट के बाद के दिनों में आपकी मदद कर पाएगा।


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