माता-पिता को दें सीनियर सिटिजन सेविंग अकाउंट का तोहफा, जानिए इससे जुड़ी हर जानकारी
सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम में फिलहाल 8.7 फीसद की दर से ब्याज मिल रहा है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अगर आप अपने माता-पिता को कोई खास तोहफा देने की योजना बना रहे हैं तो आप सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम में उनका खाता खुलवा सकते हैं। ऐसा कर आप उन्हें रिटायरमेंट के वक्त भी आत्मनिर्भर बना सकते हैं। निवेश और बचत योजना के हिसाब से यह अच्छा विचार हो सकता है। सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (एससीएसएस) एक बेहतर योजना है जो कि वरिष्ठ नागरिकों की आवश्यकता के अनुरूप है और टैक्स बचत का फायदा भी देती है।
आप पोस्ट ऑफिस, सरकारी एवं निजी क्षेत्र के बैंकों में भी यह खाता खुलवा सकते हैं। सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम में फिलहाल 8.7 फीसद की दर से ब्याज मिल रहा है और यह दर 1 सितंबर 2018 से लागू है। हम अपनी इस खबर में आपको वो सारी जानकारियां दे रहे हैं जो आप जानना चाहते हैं।
उम्र सीमा: 60 साल या उससे ऊपर का व्यक्ति इसमें अकाउंट खोल सकते हैं। 55 साल से 60 साल की उम्र के बीच में रिटायर होने वाले या वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) लेने वाले व्यक्ति भी रिटायरमेंट के तीन माह पहले तक यह खाता खोल सकते हैं। यह जानकारी इंडिया पोस्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
मिनिमम और मैक्सिमम अमाउंट: इस खाते को आप न्यूनतम 1000 रुपये या फिर इसके गुणांकों में खुलवा सकते हैं। इस खाते में अधिकतम 15 लाख रुपये तक जमा करवाए जा सकते हैं।
सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम में ब्याज दर: सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम पर वर्तमान में 8.7 फीसद की दर से सालाना ब्याज मिल रहा है। इस खाते पर ब्याज का भुगतान तिमाही आधार पर अप्रैल, जुलाई, अक्टूबर और जनवरी के कार्यकारी दिनों में किया जाता है।
मैच्योरिटी की अवधि: इस अकाउंट का मैच्योरिटी पीरियड पांच साल का है। इस खाते को पत्नी-पति ज्वाइंट अकाउंट के रुप में भी खुलवा सकते हैं। इस खाते में भी नॉमिनेशन की सुविधा मिलती है। वहीं इस अकाउंट को एक पोस्ट ऑफिस से दूसरे में ट्रांसफर किया जा सकता है।
इनकम टैक्स: वहीं अगर इस खाते में जमा राशि पर मिलने वाला सालाना ब्याज 10,000 रुपये से ऊपर होता है तो उस पर टीडीएस भी काटा जाता है। इस स्कीम में किया जाने वाला निवेश आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80C के अंतर्गत कर छूट के दायरे में आता है।
प्रीमैच्योर क्लोजर: सीनियर सिटिजन सेविंग अकाउंट को संचालन के एक साल के बाद प्रीमैच्योर क्लोजर की अनुमति मिलती है, हालांकि इस पर पेनल्टी देनी होती है। एक वर्ष के बाद खाता बंद करवाने पर जमा राशि का 1.5 फीसद और दो वर्ष बाद बंद करवाने पर जमा राशि की 1 फीसद पेनल्टी देनी होती है।