Gratuity रकम 15 दिनों के आधार पर ही होगी कैलकुलेट, इसे 30 दिन करने का अभी कोई इरादा नहीं: श्रम राज्य मंत्री
संसद में श्रम राज्य मंत्री से पूछा गया था कि क्या सरकार सरकारी क्षेत्र और निजी क्षेत्र के सभी कर्मचारियों के लिए हरेक साल के 15 दिनों के वेतन के समान ग्रेच्युटी को बढ़ाकर 30 दिनों के वेतन के समान करने पर विचार कर रहे हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Sarkari naukri और Private naukri कर रहे लोगों के लिए जरूरी खबर है। सरकार ने उनकी Gratuity में किसी भी तरह की बढ़ोतरी से साफ इनकार किया है। सरकार का कहना है कि उसके पास हरेक साल के 15 दिनों के वेतन के बराबर ग्रेच्युटी को बढ़ाकर 30 दिन करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
राज्यसभा में सेशन के दौरान भुबनेश्वर कालिता ने श्रम और रोजगार मंत्री से यह भी पूछा था कि क्या सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के निजी और संविदा श्रमिकों के लिए ग्रेच्युटी योजना लागू करने पर विचार कर रही है चाहे उन्होंने एक वर्ष ही काम किया हो क्योंकि हो सकता है कि वे 5 वर्ष की सेवा पूरी न कर सकें? कृपया इसका ब्योरा दें।
श्रम और रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 (Code on Social Security, 2020) के तहत किसी कर्मचारी की नौकरी खत्म होने पर, मृत्यु या अपंगता अथवा निश्चित अवधि के रोजगार की समाप्ति या केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित ऐसी किसी घटना के कारण होती है, तो ग्रेच्युटी के लिए 5 साल की निरंतर सेवा पूरी करना जरूरी नहीं होगा। हालांकि यह कोड अभी तक लागू नहीं हुआ है।
क्या होती है ग्रेच्युटी
ग्रेच्युटी एक ऐसा बेनिफिट है जो Payment of Gratuity Act 1972 के तहत मिलता है। नियोक्ता कंपनी में नौकरी पर कर्मचारी को ग्रेच्युटी देता है। लेकिन, ग्रेच्युटी का पेमेंट केवल उन कर्मचारियों को किया जाता है, जो कंपनी के साथ 5 या अधिक साल पूरे करते हैं।
क्या है योग्यता
- एक कर्मचारी को रिटायरमेंट का पात्र होना चाहिए।
- किसी कंपनी में 5 साल काम करने के बाद कर्मचारी ने इस्तीफा दे दिया।
- कर्मचारी का निधन हो जाता है या बीमारी या दुर्घटना के कारण विकलांगता का शिकार हो जाता है, तब ग्रेच्युटी मिलती है।
कैसे बनती है ग्रेच्युटी
किसी व्यक्ति ने एक कंपनी में 20 साल तक काम किया और उसकी लास्ट ड्रान सैलरी 25,000 रुपये है। तो उसके लिए ग्रेच्युटी की रकम = 20x25000x15/26 = 2,88,461.54 रुपये होगी।