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IPL का खेल आपको सिखा सकता है ये 7 फाइनेंशियल प्लानिंग की बातें

जानिए आईपीएल खेल की स्टैटेजी कैसे अपने निवेश में लागू कर सकते हैं

By Surbhi JainEdited By: Published: Tue, 24 Apr 2018 03:48 PM (IST)Updated: Tue, 29 May 2018 10:53 AM (IST)
IPL का खेल आपको सिखा सकता है ये 7 फाइनेंशियल प्लानिंग की बातें
IPL का खेल आपको सिखा सकता है ये 7 फाइनेंशियल प्लानिंग की बातें

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। क्रिकेट पसंद करने वालों के लिए इंडियन प्रीमियम लीग (आईपीएल) एक बड़ा ईवेंट माना जाता है। इस बार इसका 11वां सीजन था। इसमें आठ टीमों ने 51 दिनों तक 60 मैच खेले हैं। निवेशक के तौर पर इस खेल से कई वित्तीय सीख ली जा सकती हैं। टी20 क्रिकेट के कई नियम एवं शर्तें होती हैं और जिस तरह से इसे खेला जाता है, उसे आप निवेश में लागू कर अपने वित्तीय लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।

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उदाहरण के तौर पर पावरप्ले ऐसा पीरियड होता जहां पर खेल के पहले छह ओवर्स में फील्डिंग के नियम लागू होते हैं जिनमें केवल दो प्लेयर्स 30 यार्ड के सर्किल से बाहर रह सकते हैं। यह रणनीति इसलिए अपनाई जाती है ताकि शुरुआत में ज्यादा रन बनाए जा सके। वहीं निवेश के मोर्चे पर इसे ऐसे समझा जा सकता है कि जैसे कि आपको अपनी मासिक तनख्वाह मिलती है उसमें से 10 से 20 फीसद तक बचत के लिए अलग कर दें। इसी तरह आदत डाल लें कि शुरुआत के दिनों में अपनों खर्चों पर नियंत्रण कर बचत करें। इस बचत के लिए एक समय के बाद आप बड़ा कॉर्पस जमा कर सकते हैं। इसलिए निवेशक अपने बचत पर पावरप्ले लागू कर भविष्य में अच्छी पूंजी बनाएं।

ज्यादा स्कोर करने का रखें लक्ष्य-

टी-20 में अगर रन बनाने की रफ्तार को शुरू से आखिर तक मेंटेन करके रखने से टीम बड़ा स्कोर हासिल करने में सफल रहती है। इसी तरह निवेश जितनी जल्दी हो सके शुरू कर देना चाहिए क्योंकि इससे आपकी पूंजी बढ़ती है। जबतक आप रिटायर होते हैं तब तक बड़ा कॉर्पस जमा हो जाता है।

निवेश से पहले करें ग्राउंड चेक-

टीम और उसके कप्तान के लिए जरूरी है कि वह फील्ड और पिच को टॉस से पहले देख लें। इससे उन्हें ग्राउंड की अनुकूलित स्थिति पता चलता है जिसके हिसाब से वह रणनीति बनाते हैं। इसी तरह निवेश से पहले निवेशकों को बाजार की परिस्थिति का विश्लेषण कर लेना चाहिए ताकि मार्केट ट्रैंड की मदद से सही स्टॉक्स व फंड्स की खरीद या बिक्री करने का फैसला लिया जा सके।

निवेश को करें डावर्सिफाई

बड़ा स्कोर खड़ा करने के लिए टीम का सहयोग चाहिये होता है। क्रिकेट से यह सीखने की जरूरत है कि बचत और निवेश के दौरान विभिन्न श्रेणियों में (लार्ज कैप, मिड कैप, इंफ्रास्ट्रक्चर फंड्स आदि) डायवर्सिफाई करें।

अपना ध्यान केंद्रीत रखें-

खराब स्थिति के बावजूद टीम आखिर कर खेलती है। इसी तरह बाजार में अस्थिरता के दौरान भी अपने वित्तीय लक्ष्य को हासिल करने के लिए ध्यान केंद्रीत रखना चाहिए।

स्ट्रैटेजिक ब्रेक का करें इस्तेमाल-

हर मैच में स्ट्रैटेजिक टाइम ब्रेक होता है जहां पर टीम आने वाले ओवर्स के लिए अगले लेवल की रणनीति तैयार करती है। इसी तरह फाइनेंशियल प्लानिंग के दौरान, निवेशक को कुछ समय निकालकर अपने वित्तीय सलाहकार के साथ निवेश पोर्टफोलियो के बारे चर्चा करें।

सही इंवेस्टमेंट मिक्स रखें-

एक अच्छी टीम में बेहतर बैट्समैन, बोलर्स और विकेटकीपर होते हैं जो टीम के लिए लक्ष्य को हासिल करने में सक्षम होते हैं। उस समय इनकी भूमिका अहम हो जाती है जब बाकी के टीम मेंबर्स ठीक से प्रदर्शन नहीं कर रहे होते हैं। इसी तरह अपना पोर्टफोलियो बनाते वक्त, हमेशा, इक्विटी, डेट और गोल्ड को पोर्टफोलियो में शामिल करें क्योंकि आप नहीं जानते की भविष्य में कौन सी एसेट क्लास अच्छा प्रर्दशन करेगी और कौन सी नहीं। पोर्टफोलियो में इन सभी का सभी मिश्रण बाजार में मंदी के दौरान भी ठीक ठाक रिटर्न देने में सक्षम होगा।

प्रदर्शन का करें विश्लेषण-

अगर टीम में कोई प्लेयर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा है तो कुछ गेम के बाद उसे रिप्लेस कर दिया जाता है। इसी तरह अगर आपकी स्कीम लगातार नुकसान दे रही है तो इस स्थिति में अपनी स्कीम बदल लें ताकि अच्छे रिटर्न हासिल कर सकें।


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