रिटायरमेंट के बाद भी सुखमय कटेगा जीवन, ये निवेश विकल्प आपके लिए है बेहतर
इक्विटी लंबी अवधि में महंगाई को मात देते हुए अन्य एसेट क्लास की तुलना में ज्यादा रिटर्न देने वाला निवेश विकल्प है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। हाल के समय में जो जीवनशैली आप जी रहे हैं और चाहते हैं कि रिटायरमेंट के बाद लाइफस्टाइल में कोई कमी न आए इसके लिए आपको भविष्य की खर्चों की गणना बढ़ती महंगाई को ध्यान में रखकर करना चाहिए। मसलन, आज आपका महीने का खर्च 10,000 रुपये है और महंगाई दर सालाना पांच फीसद मान कर चलें तो 30 साल बाद आपका मासिक खर्च 40,000 रुपये होगा। ऐसे में आप किसमें और किस तरह से निवेश करेंगे कि रिटायरमेंट के बाद आपकी जीवनशैली भी ठीक ढंग से चले और रिटायर होने के बाद ब्याज भी मिलता रहे।
इक्विटी लंबी अवधि में महंगाई को मात देते हुए अन्य एसेट क्लास की तुलना में ज्यादा रिटर्न देने वाला निवेश विकल्प है। इक्विटी में निवेश का सबसे बेहतर जरिया म्यूचुअल फंड है। रिटायरमेंट प्लान की बात करें तो टाटा म्यूचुअल फंड, यूटीआई म्यूचुअल फंड आदि बेहतर हैं। लेकिन सबसे पहले यह देखना चाहिए मौजूदा लाइफस्टाइल को रिटायरमेंट के बाद बनाए रखने में कितने पैसों की जरूरत होगी, हाल-फिलहाल में आपकी बचत क्या है, आप कितना जोखिम उठा सकते हैं और रिटायरमेंट में कितने साल बचे हैं।
दरअसल, म्यूचुअल फंड रिटायरमेंट कोष बनाने का बेहतर जरिया है। ऐसे में इक्विटी म्यूचुअल फंडों के साथ-साथ डेट जैसे पीपीएफ, गोल्ड आदि को लाकर रिटायरमेंट के लिए एक निवेश पोर्टफोलियो बनाया जा सकता है। रिटायरमेंट के लिए अगर 15-20 वर्षों का समय बचा है तो लार्ज एंड मिड कैप फंडों के अलावा मल्टी कैप फंडों को शामिल करना चाहिए। लम्बे समय के लिए ये फंड एक अच्छा कोष बनाने में सहायक साबित होंगे।
अगर आपको म्यूचुअल फंड में लंबे समय के लिए निवेश करना है तो सिस्टमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान बेहतर है। इससे म्यूचुअल फंड यूनिटों की खरीद की लागत बाजार के उतार-चढ़ाव के दौरान औसत हो जाती है और अच्छा रिटर्न भी मिल पाता है।
इक्विटी से डेट में होना चाहते हैं शिफ्ट
रिटायरमेंट के समय तक इक्विटी में निवेश बनाए रखना जोखिम भरा हो सकता है। अगर बाजार में कुछ वर्षों तक गिरावट का दौर रहा तो भले ही आप लाभ में हों लेकिन बाजार की दिशा की वजह से आपका मुनाफा घट सकता है। रिटायरमेंट के लिए बचाई गई राशि के एक छोटे हिस्से को फंडों के मंथली इनकम प्लान में लगा कर नियमित आय मिल सकती है।