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EPF vs PPF: निवेश के लिए कौन है बेहतर योजना, जानिए पांच बड़ी बातें

वेतनभोगी के लिए ईपीएफ में निवेश अनिवार्य है। आपकी बेसिक और डीए का 12 फीसद तक आपके ईपीएफ खाते में कटौती कर जमा किया जाता है

By NiteshEdited By: Published: Wed, 02 Jan 2019 04:11 PM (IST)Updated: Sun, 06 Jan 2019 02:11 PM (IST)
EPF vs PPF: निवेश के लिए कौन है बेहतर योजना, जानिए पांच बड़ी बातें
EPF vs PPF: निवेश के लिए कौन है बेहतर योजना, जानिए पांच बड़ी बातें

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नौकरीपेशा हों या फिर सामान्य नागरिक आपने पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) और जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ) का नाम जरूर सुना होगा। पब्लिक प्रोविडेंट और इम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड निवेश के दो बेहतरीन विकल्प हैं। आम तौर पर एक जैसे नाम वाली इस स्कीम को सुनने के बाद लोगों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, लेकिन ये दोनों स्कीम अलग-अलग हैं। इनमें निवेश से पहले हम आपको पांच ऐसी बातें बता रहे हैं जिनके बारे में आपको जानना जरूरी है।

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योग्यता: ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) केवल वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए। यह एक अनिवार्य बचत योजना है जो 20 से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनी के कर्मचारियों के लिए लागू होती है, जिनका वेतन निर्धारित न्यूनतम राशि से अधिक है। दूसरी ओर, PPF (पब्लिक प्रोविडेंट फंड), बैंकों और डाकघरों द्वारा सभी के लिए पेश किया जाता है, भले ही आप वेतनभोगी हों या नहीं।

योगदान नियम: वेतनभोगी के लिए ईपीएफ में निवेश अनिवार्य है। आपकी बेसिक और डीए का 12 फीसद तक आपके ईपीएफ खाते में कटौती कर जमा किया जाता है। पीपीएफ एक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना है जो सेवानिवृत्ति के लिए बचत को सुविधाजनक बनाने और प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई थी। एक वित्तीय वर्ष में आपको न्यूनतम जमा राशि 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये करने की अनुमति है। आप इसमें एकमुश्त या किस्तों में योगदान कर सकते हैं।

ब्याज दर: ईपीएफ पर ब्याज दर हर साल ईपीएफओ द्वारा घोषित की जाती है। 2017-18 के लिए इसे 8.55 फीसद तय किया गया था। PPF की ब्याज दरें 10 साल के सरकारी बॉन्ड यील्ड और तिमाही आधार पर बदलने से जुड़ी हैं। 2018-19 की अंतिम तिमाही में पीपीएफ ब्याज दर 8 फीसद की दर से मिल रही हैं।

टैक्स लाभ: ईपीएफ खाते में जमा 1,50,000 रुपये तक की राशि पर आयकर की धारा 80 C के अंतर्गत कर छूट का लाभ मिलता है। आपके ईपीएफ मैच्योर होने पर मिलने वाली राशि को केवल तभी छूट दी जाती है जब आपके पास कम से कम पांच साल की निरंतर जॉब का ट्रैक रिकॉर्ड हो। इससे अलग PPF को EEE कर का दर्जा प्राप्त है। इसका मतलब है कि आपका पीपीएफ निवेश सभी स्तरों, कर, संचय और मैच्योरिटी पर कर-मुक्त है।

लॉक-इन पीरियड: ईपीएफ खाते में पांच साल की लॉक-इन अवधि होती है ताकि आपको कर लाभ मिल सके। जबकि पीपीएफ में 15 साल की लॉक-इन अवधि होती है।


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