Move to Jagran APP

सीनियर सिटीजन: इन टैक्स सेविंग स्कीम में कर सकते हैं निवेश

वित्त वर्ष के आखिरी महीनों निवेशक टैक्स सेविंग निवेश विकल्प की तलाश करते हैं।

By NiteshEdited By: Published: Mon, 14 Jan 2019 01:18 PM (IST)Updated: Sun, 27 Jan 2019 01:54 PM (IST)
सीनियर सिटीजन: इन टैक्स सेविंग स्कीम में कर सकते हैं निवेश
सीनियर सिटीजन: इन टैक्स सेविंग स्कीम में कर सकते हैं निवेश

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वित्त वर्ष के आखिरी महीनों निवेशक टैक्स सेविंग निवेश विकल्प की तलाश करते हैं। रिटायरमेंट के बाद भी जिन लोगों को नियमित कमाई होती रहती है उन्हें भी ऐसे निवेश विकल्प की तलाश रहती है जहां वो अपनी जमा पूंजी का निवेश कर सकें। हम इस खबर में सीनियर सिटीजन के लिए टैक्स बचत से जुड़ी निवेश विकल्प के बारे में बता रहे हैं, जिनमें निवेश कर सुरक्षा और टैक्स बचत का फायदा उठाया जा सकता है।

prime article banner

एससीएसएस

सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (एससीएसएस) पोस्ट ऑफिस की ओर से पेश की जाती है। यह एक खास तरह का निवेश विकल्प माना जाता है जो कि एक सफल रिटायरमेंट लाइफ के लिए वेल्थ जेनरेट करने में मददगार है। पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम का मैच्योरिटी पीरियड 5 वर्ष का है, जिसमें अगले तीन वर्षों का विस्तार दिया जा सकता है। हालांकि यह मैच्योरिटी के एक वर्ष बाकी रह जाने से पहले करना होता है। इंडिया पोस्ट डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट के अंतर्गत 1.5 लाख पोस्ट ऑफिस के जरिए देशभर में अपनी सेवाएं दे रहा है। सीनियर सिटीजन सेविंग अकाउंट में वर्तमान समय में 8.7 फीसद की दर से ब्याज मिलता है। 60 वर्ष या फिर इससे अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति इस खाते को खुलवाने की योग्यता रखता है। वहीं 55 वर्ष से अधिक या 60 वर्ष से कम उम्र के ऐसे लोग जो स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले चुके हैं वो भी सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में अपना खाता खुलवा सकते हैं। पोस्ट ऑफिस के सीनियर सिटीजन सेविंग अकाउंट में कोई भी 1000 के गुणकों में निवेश कर सकता है जो कि 15 लाख से ज्यादा का नहीं होना चाहिए।

नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी)

छोटी अवधि के निवेश के लिहाज से यह एक बेहतर स्कीम है। इसका मैच्योरिटी पीरियड पांच वर्ष का होता है। पोस्ट ऑफिस की एनएससी के अंतर्गत वर्तमान में 8 फीसद की दर से ब्याज दिया जा रहा है, जिसकी गणना सालाना आधार पर की जाती है। पीपीएफ के विपरीत इस स्कीम में अधिकतम निवेश के लिए कोई सीमा नहीं है, जबकि इसमें 100 रुपये का न्यूनतम अकाउंट बैलेंस होना चाहिए। इस खाते में जमा राशि आयकर की धारा 80C के अंतर्गत कर छूट के दायरे में आती है। इसके अंतर्गत आप एक वित्त वर्ष के दौरान 1.5 लाख रुपये की कर छूट प्राप्त कर सकते हैं।

फिक्स्ड डिपॉजिट 

कमाई के साथ लोग बचत भी करना चाहते हैं। इसके लिए लोगों के पसंदीदा निवेश विकल्प में से एक फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम भी है। दरअसल एफडी को लोग ज्यादा सुरक्षित और बेहतर मानते हैं। जब कोई व्यक्ति किसी बैंक या पोस्ट ऑफिस में फिक्स्ड डिपॉजिट करवाना है तो यह निवेश पूरी तरह से जोखिम रहित होता है। यह निवेश किसी भी तरह से लिंक नहीं होता। फिक्स्ड डिपॉजिट की अवधि पूरी होने के बाद निवेशक को पूरी राशि ब्याज के साथ वापस मिल जाती है।

ब्याज दर सीनियर सिटीजन के लिए कुछ अधिक होती है। साथ ही बैंक भी समय-समय पर इसकी समीक्षा करके बाजार के अनुरूप फिक्स्ड डिपॉजिट की दर को तय करते हैं। तमाम बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट की दर में मामूली अंतर होता है। कई बार बैंक ज्यादा से ज्यादा निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से ग्राहकों को फिक्स्ड डिपॉजिट पर ऊंची दर की पेशकश करते हैं। बैंक एफडी पर निवेशक को 8 – 8.5 फीसद के आसपास का ब्याज मिलता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.