अमीर बनना चाहते हैं तो ऐसे करें निवेश
म्यूचुअल फंड में निवेश करके आप छोटी, मध्यम और लंबी अवधि के लिए निवेश कर सकते हैं, इनमें फंड का चुनाव अहम होता है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अपने भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने के लिए बचत और निवेश सबसे महत्वपूर्ण हैं। ऐसे में अपने निवेश को अनुशासित और नियमित रखने से छोटी अवधि में बड़े रिटर्न हासिल किये जा सकते हैं। आपको बता दें कि मजह महीने में 500 रुपये की बचत के साथ भी निवेश करने से अच्छा रिटर्न कमाया जा सकता है। इस संबंध में निवेश और टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन ने बताया है कि दीर्घ अवधि (पांच वर्ष या उससे अधिक) के लिए लार्ज कैप फंड में एसआईपी, मध्यम अवधि (तीन से पांच वर्ष) के लिए बैलेंस्ड फंड और लघु अवधि (एक से तीन वर्ष) के लिए लिक्विड फंड या डेट फंड में निवेश बेहतर विकल्प हैं।
अगर नजरिया है दीर्घ अवधि के लिए
दीर्घ अवधि यानी कि पांच वर्ष या उससे अधिक के लिए निवेश योजना बना रहे हैं तो ऐसी स्थिति में टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन का मानना है कि लार्ज कैप फंड में सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लानिंग (एसआईपी) करें। इन निवेश विकल्प में आप महीने के 500 रुपये से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं। साथ ही इसपर मिलने वाला रिटर्न शेयर बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। सिप में निवेश म्युचुअल फंड के माध्यम से डेट और इक्विटी दोनों में किया जा सकता है। इसके जरिए निवेशक आम तौर पर 12 से 13 फीसद के रिटर्न का अनुमान लगाता है।
अगर नजरिया है मध्यम अवधि का
मध्यम अवधि यानी कि तीन वर्ष से पांच वर्ष की अवधि के लिए बैलेंस्ड फंड में निवेश करना बेहतर है। जानकारी के लिए बता दें कि बैलेंस्ड फंड लगभग समान अनुपात में डेट और इक्विटी में निवेश किये जाते हैं। शेयर बाजार में हो रहे उतार-चढ़ाव के आधार पर फंड मैनेजर आवंटन में बदलाव कर सकता है। यह उन निवेशकों के लिए बेहतर होते हैं जो निकट भविष्य में रिटायर हो रहे हैं। साथ ही जो ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते हैं।
अगर नजरिया है छोटी अवधि का
छोटी अवधि यानी कि एक वर्ष से तीन वर्ष के लिए निवेश। यदि निवेशक एक वर्ष से कम समय के लिए निवेश करना चाहता है तो लिक्विड फंड या शॉर्ट टर्म डायनैमिक बॉन्ड फंड में निवेश करना चाहिए। वहीं, अगर एक वर्ष से अधिक समय के लिए निवेश करना है तो डेट फंड का चुनाव करना चाहिए। वहीं, छोटी अवधि के लिए रेकरिंग डिपॉजिट (आरडी) में भी निवेश किया जा सकता है। लेकिन निवेश और टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन के अनुसार इसपर मिलने वाला ब्याज काफी कम होता है। इसलिए लिक्विड फंड या डेट फंड अच्छे विकल्प हो सकते हैं।
क्या होते हैं लिक्विड फंड:
लिक्विड फंड म्यूचुअल फंड्स के ही एक प्रकार हैं। ये गवर्नमेंट सिक्योरिटीज, सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट, ट्रेजरी बिल्स, कॉमर्शियल पेपर्स और दूसरे डेट इंस्टूमेंट्स में निवेश करते हैं जिनकी मैच्योरिटी 91 दिनों तक होती है। ये फंड सुरक्षा की दृष्टि से बेहद खास होते हैं।
क्या होते हैं डेट फंड:
डेट फंड से निवेशक कभी भी अपने पैसों की निकासी कर सकता है और महज एक दिन के भीतर यह राशि निवेशक के बैंक एकाउंट में ट्रांस्फर कर दी जाती है। इसका मुख्य उदेश्य निवेशकों को सुरक्षित निवेश के जरिए फायदा पहुंचाना है। आम तौर पर निवेशकों का पैसा सरकारी प्रतिभूतियों, बांड और कोरपोरेट डिबेंचर्स में निवेश किया जा है। अलग-अलग फाइनेंशियल लक्ष्यों के मुताबिक विभिन्न डेट फंड होते हैं। इनपर शेयर बाजार में हो रहे उतार-चढ़ाव का कोई असर नहीं पड़ता। इनमें जोखिम नहीं होता है। हालांकि डेट फंड का रिटर्न फिक्स्ड नहीं होता है। यह घटता बढ़ता रहता है।