रुपये से बिगड़ी बाजार की चाल, 550 अंक टूटा सेंसेक्स - निवेशकों को करीब दो लाख करोड़ रुपये का नुकसान
रुपये में आई ऐतिहासिक गिरावट के बाद सेंसेक्स में 550 अंकों से अधिक की गिरावट आई है, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। रुपये में आई अब तक की सबसे बड़ी गिरावट और ऑटो एवं आईटी के शेयरों में हुई बिकवाली ने भारतीय शेयर बाजार की चाल को बिगाड़ कर रख दिया, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
बुधवार को सेंसेक्स 550.51 अंक से अधिक अंक टूटकर 35,975.63 पर बंद हुआ जबकि नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 10,900 के अहम सपोर्ट लेवल को तोड़ते हुए 10,851.20 पर जा पहुंचा। नुकसान के लिहाज से देखा जाए तो निवेशकों को इस गिरावट से करीब 1.79 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी है।
सोमवार को बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 145.43 लाख करोड़ रुपये था, जो बुधवार को कम होकर 143.64 लाख करोड़ रुपये हो गया।
बुधवार सुबह सेंसेक्स 76.71 अंकों की बढ़त के साथ 36602.85 पर जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 25.6 अंकों की गिरावट के साथ 10,982.70 पर खुला था लेकिन आखिरी घंटों में बाजार में बिकवाली हावी हो गई और निवेशकों को जबरदस्त नुकसान का सामना करना पड़ा।
निफ्टी में 14 शेयर हरे निशान में जबकि 36 शेयर लाल निशान में बंद हुए।
बुधवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 73 के स्तर पार कर गया, जो रुपये के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। घरेलू कारण में जहां ऑटो बिक्री के खराब नतीजों ने बाजार को निराश किया तो वहीं कमजोर वैश्विक संकेतों ने बाजार की गति को बिगाड़ कर रख दिया।
सेंसेक्स में सबसे ज्यादा पिटाई महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों की हुई। वहीं टीसीएस, मारुति और इंफोसिस के काउंटर पर भी भारी बिकवाली हुई।
बेहाल हुआ ऑटो और आईटी इंडेक्स ऑटो बिक्री के उम्मीद के प्रतिकूल नतीजों ने ऑटो इंडेक्स को दबाव में ला दिया। महिंद्रा एंड महिंद्रा के ट्रैक्टर सेल्स में 18 फीसद की गिरावट के साथ ऑटो काउंटर पर जबरदस्त बिकवाली हुई और कंपनी का शेयर 6.80 फीसद टूटकर 790 रुपये पर बंद हुआ वहीं आयशर मोटर्स का शेयर 7 फीसद से ज्यादा टूटकर 23080 पर बंद हुआ।
बीएसई का ऑटो इंडेक्स 2.90 फीसद की गिरावट के साथ 626.60 अंक टूटकर 21,011.96 पर बंद हुआ।
बुधवार को आईटी काउंटर भी दबाव में नजर आए और बीएसई का आईटी इंडेक्स करीब 350 अंक से अधिक टूटकर 15,650.91 पर बंद हुआ।
अब तक के निचले स्तर पर रुपया सोमवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 73 के स्तर को पार कर गया जो रुपये के इतिहास में आई अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। कच्चे तेल की कीमत में जारी उछाल के बीच आयातकों की तरफ से डॉलर की मजबूत मांग के कारण रुपये में यह ऐतिहासिक गिरावट आई है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 85 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार कर चुका है, जो पिछले चार सालों में आई सबसे बड़ी उछाल है।
इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज (फॉरेक्स) में रुपया सोमवार को शुरुआती कारोबार के दौरान 43 पैसा कमजोर होकर 73.34 के स्तर पर खुला। पिछले सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 72.91 पर खुला था।
सरकार करेगी पहल रुपये की खराब होती सेहत सुधारने के लिए भारत सरकार अप्रवासी भारतीयों (एनआईआई) के लिए विशेष डिपॉजिट स्कीम शुरू करने की योजना पर विचार कर रही है ताकि डॉलर की आवक को बढ़ाया जा सके।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने न्यूज राइज का हवाला देते हुए वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के जरिए इस बात की जानकारी दी है। हालांकि सरकार की तरफ से इस योजना के बारे में अभी तक कई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है।
जून महीने में आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि अगर जरूरत होती है तो सरकार एफसीएनआर डिपॉजिट (फॉरेन करेंसी नन रिपैट्रिएबल), सॉवरेन बॉन्ड्स और अन्य माध्यमों के जरिए विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने का काम करेगी।
आरबीआई पर टिकी नजरें डॉलर की आवक बढ़ाने के लिए निर्यात को बढ़ावा देने की जरूरत होती है लेकिन यह काम तात्कालिक स्तर पर नहीं किया जा सकता है। ऐसे में सभी की नजरें भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) पर टिकी हुई हैं। विशेषज्ञों की माने तो आरबीआई एनआरआई बॉन्ड जारी कर इस मामले में राहत दे सकता है।
गौरतलब है कि जनवरी में रुपया डॉलर के मुकाबले 63.33 पर था जो अब करीब 15 फीसद से अधिक कमजोर होकर 73 के स्तर को पार कर चुका है।
यह भी पढ़ें: कच्चे तेल की बढ़ी कीमत से बेहाल हुआ रुपया, 73 का हुआ एक डॉलर