Flipkart डील को CCI की मंजूरी के बाद आयकर विभाग के पास जा सकती है वॉलमार्ट
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की ओर से इस डील को मिली मंजूरी के बाद आयकर विभाग को उम्मीद है वॉलमार्ट एक पखवाड़े के भीतर आयकर अधिनियम की धारा 197 के तहत प्रमाणपत्र लेने के लिये आवेदन कर सकती है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अमेरिका की दिग्गज ई-रिटेलर कंपनी वॉलमार्ट 16 अरब डॉलर (16 बिलियन डॉलर) की फ्लिपकार्ट डील के संबंध में कर देनदारी का पता लगाने के लिये आयकर विभाग से विदहोल्डिंग टैक्स (एक तरह का टीडीएस) प्रमाणपत्र मांग सकती है।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की ओर से इस डील को मिली मंजूरी के बाद आयकर विभाग को उम्मीद है वॉलमार्ट एक पखवाड़े के भीतर आयकर अधिनियम की धारा 197 के तहत प्रमाणपत्र लेने के लिये आवेदन कर सकती है। आयकर विभाग के अधिकारी ने बताया, “हमें बताया गया था कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की मंजूरी के एक हफ्ते के भीतर ही इस सौदे को पूरा कर लिया जाएगा। इसलिए हमें उम्मीद है कि वॉलमार्ट अधिनियम की धारा 197 के तहत विदहोल्डिंग कर प्रमाण पत्र मांगने के लिये आयकर अधिकारियों के समक्ष आवेदन कर सकती है।”
आयकर अधिनियम की धारा 197 के मुताबिक, शेयरों बेच रहे एनआरआई (प्रवासी भारतीय) भारत के कर अधिकारियों को ऐसे कारण बता सकते हैं कि क्यों भारत में उस पर कम या शून्य दर से कर लगाया जाना चाहिये। वॉलमार्ट ने बीते महीने ही आयकर विभाग को भरोसा दिलाया था कि वो अपने कर संबंधी सभी दायित्वों को पूरा करेगी।
वॉलमार्ट की ओर से जारी बयान में कहा गया था, “हम जहां काम करते हैं वहां की सरकारों को करों के भुगतान समेत हमारे सभी कानूनी दायित्वों को गंभीरता से लेते हैं। हम भारतीय कर अधिकारियों की ओर से पूछे जाने वाले हर सवाल का जवाब देना जारी रखेंगे।”